अरविंद केजरीवाल के बहाने स्विस यात्रा
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अंबानी भाइयों के स्विस बैंक में खाते होने का दावा करते हुए दो बैंक ख़ातों को उजागर किया है, जिनको केजरीवाल अम्बानी बंधूओं का बता रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के खुलासों की चर्चा से बॉलीवुड भी अछूत नहीं, हालिया रिलीज हुई फिल्म 'खिलाड़ी 786' में पुलिस कर्मचारी का किरदार निभा रहे जोनी लीवर मिथुन चक्रवर्ती को धमकी देते हैं कि वो 'केजरीवाल' को बता देगा।
केजरीवाल खुलासे पर खुलासा किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार इस मामले में कोई सख़्त कदम उठाती नजर नहीं आ रही, जो बेहद हैरानीजनक बात है, उक्त खाते अम्बानी बंधुओं कि हैं या नहीं, इस बात की पुष्टि तो स्विस बैंक कर सकती है, मगर निजता नियमों की पक्की स्विस बैंक ऐसा कभी नहीं करेगी, क्यूंकि उसने खाताधारक को एक गुप्त कोड दिया होता है, जिसका पता खाताधारक के अलावा किसी को नहीं होता, और तो और स्विस बैंक, हर दो साल बाद खाता धारकों के खाते बदल देती है, आप एक ख़ाते को आजीवन नहीं रख सकते।
स्विस को हम कितना जानते हैं, बस इतना कि वहां पर हमारा काला धन पड़ हुआ है। मगर स्विस एक ऐसा देश है, जहां की सरकार अपने नागरिकों के प्रति पूर्ण रूप से वफादार है। भले ही स्विस की धरती पर धार्मिक ग्रंथ नहीं लिखे गए, भले ही मानवता का पाठ वहां पर कई शताब्दियों तक न पढ़ाया गया, मगर फिर भी स्विस सरकार मानवता धर्म का पालन बाखूबी करती है।
हिन्दुस्तान में धर्म के भीतर भले ही औरत को सबसे ऊंचा दर्जा मिला हो, मगर वास्तविकता हम सब जानते हैं, मगर स्विस के भीतर औरत को बेहद सुरक्षित रखा गया है, अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को छोड़ना चाहता है तो बेहिचक छोड़ दे, लेकिन अपनी सरकारी संपत्ति उसके नाम करके।
विकलांगों के लिए अलग संस्थानों का प्रबंध स्विस में है, जहां पर विकलांगों की हर इच्छा पूर्ण की जाती है, चाहे काम वासना से जुड़ी हुई ही क्यूं न हो। पैदल चलने वालों के लिए वाहन वालों को रूकना पड़ता है। बुजुर्ग को पहले रास्ता क्रोस करने की इजाजत है।
कोई भी बिजनस शुरू करने से पूर्व आपको एक तयशुदा राशि सरकार को डिपोजिट करनी होती है, जिसके बाद आप सरकार से लोन भी ले सकते हैं, अगर बिजनस नहीं चला तो सरकार आप पर लोन राशि वापस करने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डालेगी, मगर आगे से लोन भी नहीं देगी।
अगर आपकी एक समयाविधि के बाद नौकरी चली जाए तो आपको सरकार अपनी और से कुछ पैसे वेतन के रूप में देती है, और उसके साथ साथ आपको नि:शुल्क कोर्स करवाती है, ताकि आप जल्द से जल्द नए काम के लिए तैयार हो सकें। बच्चों के लिए एजुकेशन खर्च सरकार वाहन करती है, जो बहुत बड़ी रकम के रूप में प्रतिमाह अभिभावकों को मिलता है।
महिलाओं के मजबूत पक्ष के कारण स्विस में मूल निवासियों की जनसंख्या बेहद कम हो रही है, जो स्विस सरकार को गंवारा नहीं। इसलिए अब वहां पर सरकार स्विस नागरिकों को शादी करने एवं परिवार बढ़ाने के प्रति सजग कर रही है।
वैसे तो स्विस बैंक की जानकारियां किसी को मिलती नहीं, लेकिन फिर भी एक जानकार द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार स्विस बैंक में भारत का इतना काला धन पड़ा है कि अगर वो भारत वापिस आ जाए तो भारत के नागरिकों को 2050 तक नौकरी करने की जरूरत न पड़े, और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर मोटी राशि प्रदान की जा सकती है।
केजरीवाल खुलासे पर खुलासा किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार इस मामले में कोई सख़्त कदम उठाती नजर नहीं आ रही, जो बेहद हैरानीजनक बात है, उक्त खाते अम्बानी बंधुओं कि हैं या नहीं, इस बात की पुष्टि तो स्विस बैंक कर सकती है, मगर निजता नियमों की पक्की स्विस बैंक ऐसा कभी नहीं करेगी, क्यूंकि उसने खाताधारक को एक गुप्त कोड दिया होता है, जिसका पता खाताधारक के अलावा किसी को नहीं होता, और तो और स्विस बैंक, हर दो साल बाद खाता धारकों के खाते बदल देती है, आप एक ख़ाते को आजीवन नहीं रख सकते।
स्विस को हम कितना जानते हैं, बस इतना कि वहां पर हमारा काला धन पड़ हुआ है। मगर स्विस एक ऐसा देश है, जहां की सरकार अपने नागरिकों के प्रति पूर्ण रूप से वफादार है। भले ही स्विस की धरती पर धार्मिक ग्रंथ नहीं लिखे गए, भले ही मानवता का पाठ वहां पर कई शताब्दियों तक न पढ़ाया गया, मगर फिर भी स्विस सरकार मानवता धर्म का पालन बाखूबी करती है।
हिन्दुस्तान में धर्म के भीतर भले ही औरत को सबसे ऊंचा दर्जा मिला हो, मगर वास्तविकता हम सब जानते हैं, मगर स्विस के भीतर औरत को बेहद सुरक्षित रखा गया है, अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को छोड़ना चाहता है तो बेहिचक छोड़ दे, लेकिन अपनी सरकारी संपत्ति उसके नाम करके।
विकलांगों के लिए अलग संस्थानों का प्रबंध स्विस में है, जहां पर विकलांगों की हर इच्छा पूर्ण की जाती है, चाहे काम वासना से जुड़ी हुई ही क्यूं न हो। पैदल चलने वालों के लिए वाहन वालों को रूकना पड़ता है। बुजुर्ग को पहले रास्ता क्रोस करने की इजाजत है।
कोई भी बिजनस शुरू करने से पूर्व आपको एक तयशुदा राशि सरकार को डिपोजिट करनी होती है, जिसके बाद आप सरकार से लोन भी ले सकते हैं, अगर बिजनस नहीं चला तो सरकार आप पर लोन राशि वापस करने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डालेगी, मगर आगे से लोन भी नहीं देगी।
अगर आपकी एक समयाविधि के बाद नौकरी चली जाए तो आपको सरकार अपनी और से कुछ पैसे वेतन के रूप में देती है, और उसके साथ साथ आपको नि:शुल्क कोर्स करवाती है, ताकि आप जल्द से जल्द नए काम के लिए तैयार हो सकें। बच्चों के लिए एजुकेशन खर्च सरकार वाहन करती है, जो बहुत बड़ी रकम के रूप में प्रतिमाह अभिभावकों को मिलता है।
महिलाओं के मजबूत पक्ष के कारण स्विस में मूल निवासियों की जनसंख्या बेहद कम हो रही है, जो स्विस सरकार को गंवारा नहीं। इसलिए अब वहां पर सरकार स्विस नागरिकों को शादी करने एवं परिवार बढ़ाने के प्रति सजग कर रही है।
वैसे तो स्विस बैंक की जानकारियां किसी को मिलती नहीं, लेकिन फिर भी एक जानकार द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार स्विस बैंक में भारत का इतना काला धन पड़ा है कि अगर वो भारत वापिस आ जाए तो भारत के नागरिकों को 2050 तक नौकरी करने की जरूरत न पड़े, और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर मोटी राशि प्रदान की जा सकती है।
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