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कपड़ों से फर्क पड़ता है

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मुम्‍बई में महिला पत्रकार के साथ हुए गैंग रेप हादसे के बाद कुछ नेताओं ने कहा, महिलाओं को कपड़े पहनने के मामले में थोड़ा सा विचार करना चाहिए। यकीनन यह बयान महिलाओं की आजादी छीनने सा है। अगर दूसरे पहलू  से सोचें तो इसमें बुरा भी कुछ नहीं, अगर थोड़ी सी सावधानी, किसी बुरी आफत से बचा सकती है तो बुराई कुछ भी नहीं। हमारे पास आज दो सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले वाहन हैं, लेकिन अगर हर कोई इस सपीड पर कार चलाएगा तो हादसे होने संभव है। ऐसे में अगर कोई गाड़ी संभलकर चलाने की बात कहे तो बुरा नहीं मानना चाहिए। देश का ट्रैफिक, सड़कें भी देखनी होगी, केवल स्‍पीड देखने भर से काम तो नहीं हो सकता। ऐसी सलाह देश के कुछ नागरिकों को बेहद नागवार गुजरती है, लेकिन आग के शहर में मोम के कपड़े पहनना भी बेवकूफी से कम न होगा। हमें कहीं न कहीं समाज को देखना होगा, उसके नजरिये को समझना होगा। जब हर कदम पर सलीब हो, और हर तरफ अंधेरा फैला हो, तो यकीनन हर कदम टिकाते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ेगी, पहले टोह लगानी पड़ेगी है, नीचे सलीब तो नहीं, एक दम दौड़कर निकलने वाले अक्‍सर लहू लहान होते हैं। देश की सरकार को

बेटर फोटोग्राफी के कवर पेज पर धनबाद के मुकेश

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वेद प्रकाश ओझा धनबाद पेशे से तो हैं वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, लेकिन कैमरे पर उनकी उंगलियां अजब कमाल दिखाती हैं. उनके घर के ड्राइंग रूम में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है जैसे आप किसी प्रोफेशनल फोटोग्राफर के स्टूडियों में हैं. राजस्थान से लेकर आस्ट्रेलिया के नजारे वहां दिखते हैं. कैमरे व तसवीरें ही मुकेश श्रीवास्तव की पूरी दुनिया है. खान सुरक्षा महानिदेशालय के निदेशक के पद से रिटायर मुकेश श्रीवास्तव की उतारी गयी तसवीरें दुनिया में प्रोफेशनल फोटोग्राफी की सभी साइट्स पर हैं. फोटोग्राफी की नामचीन मैगजीन बेटर फोटोग्राफी के अप्रैल 2013 के कवर पेज उनकी चर्चित तस्वीर थ्रस्ट (प्यास) को जगह दी है. यह अंक अभी बाजार में नहीं आया है. एमआइटी से ही कैमरे से रिश्ता मूलत: सीवान के चकरी गांव के मुकेश ने एमआइटी मुजफ्फरपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. उन्हें प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू से पीजी डिग्री हासिल करने का भी गौरव हासिल है. हिन्‍दी दैनिक प्रभात ख़बर

मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट गिफ्ट सिटी का हुआ लोकार्पण

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-: वाईआरएन सर्विस :- गांधीनगर। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को राज्‍य के सबसे ऊंचे इमारती प्रोजेक्‍ट गिफ्ट सिटी के अंदर बनकर तैयार हो चुके पहले 28 मंजिला टॉवर का लोकार्पण किया। हालांकि इस मौके पर मुख्‍यमंत्री ने वादा किया कि बहुत जल्‍द दूसरे टॉवर का निर्माण कार्य भी मुकम्‍मल कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा, इस इमारत के प्रवेश द्वारा पर सरस्‍वती के साथ साथ लक्ष्‍मी जी भी विराजमान रहेंगी। मोदी ने टॉवरों का लोकार्पण करने के बाद कहा कि उनका पहला सपना साकार हुआ, आधुनिक शहरों के लिए गिफ्ट सिटी एक मॉडल बनेगी। गिफ्ट सिटी को बेहतर वित्तीय सेवाओं का केंद्र बनाने के भरोसे के साथ कहा कि युवाओं के लिए हाईटेक वित्तीय सेवाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गिफ्ट सिटी के अध्यक्ष व पूर्व सचिव सुधीर मांकड ने बताया गिफ्ट का पहला टॉवर रिकार्ड 14 माह में बनकर तैयार हो गया जबकि दूसरा टॉवर अगले दो माह में तैयार हो जाएगा। दोनों टावर पर अनुमानित एक हजार करोड़ रु की लागत आएगी। गिफ्ट वन 29 मंजिला है तथा इसमें करीब 8 लाख वर्गफीट का स्पेस है। इसका 60 फीसद व्यापारिक सेवाओं के लिए जबकि शेष आवासीय, होटल, हॉस्पीट

साल 2013 हो महिला सुरक्षा को समर्पित: प्रणब

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-: वाईआरएन सर्विस :- देश के 13वें राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2013 को महिला सुरक्षा को समर्पित करने की अपील की। उन्‍होंने अपने नव वर्ष के संदेश में कहा, 'हम ऐसे समय नववर्ष में कदम रख रहे हैं, जब राष्ट्र एक बहादुर युवती की मौत का शोक मना रहा है, जो घृणित अपराध का शिकार हो गई'। राष्ट्रपति ने लोगों को हैदराबाद स्थित ‘राष्ट्रपति निलयम’ में उन्हें नव वर्ष की शुभकामनाएं देने न आने की अपील करते हुए 2013 को महिलाओं की सुरक्षा में सुधार और कल्याण के लिए समर्पित करने के लिए कहा। याद रहे कि  ‘राष्ट्रपति निलयम’ राष्ट्रपति के दो आधिकारिक निवासों में से एक है। वहीं, दिल्‍ली में शोक व्‍यक्‍त कर रहे कुछ युवाओं ने भी देश वासियों से अपील की है कि वो केवल मोमबत्‍तियां न जलाएं। वो मोमबत्‍ती से ज्ञान का प्रकाश लेकर बुराई एवं हवश के अंधकार को दूर भगाएं। यह मोमबत्‍ती तो प्रकाश का प्रतीक है। मोमबत्‍ती दिखाने का अर्थ है कि देश में अंधकार फैल चुका है, अब उसको दूर करने की जरूरत है।

केआरके ने कहा, डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख को मायकल जैक्‍श्‍ान

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-:वाईआरएन सर्विस :-   देश द्रोही फिल्‍म से बड़े पर्दे पर दस्‍तक देने वाले एवं अपने बड़बोलेपन के कारण इलेक्‍ट्रोनिक मीडिया में सुर्खियां बटोरने वाले कमाल आर ख़ान ने अपने टि्वट खाते पर इस बार आध्‍यात्‍मिक गुरू श्री गुरमीत राम रहीम सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्‍होंने बहुत सारे नौटंकी धर्म गुरूओं को देखा है, वो सबसे डेरा सच्‍चा सौदा सिरसा के धर्म गुरू से नीचे हैं। उन्‍होंने डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख श्री गुरमीत राम रहीम सिंह को माइकल जैक्‍सन के नाम से संबोधित किया। शायद उनका यह टि्वट आजकल टैलीविजन चैनलों पर आने वाले डेरा सच्‍चा सौदा सिरसा के विज्ञापन से प्रेरित है, जिसमें डेरा प्रमुख अपने अनुयायियों के साथ नाचते हुए नजर आते हैं। याद रहे कि डेरा सच्‍चा सौदा सिरसा अनुयायियों ने आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है, जब जब देश में किसी कुदरती आपदा ने मानवी जीवन को अस्त व्‍यस्‍त किया है। मगर कुछ समय से सिख समुदाय एवं डेरा प्रेमियों के बीच टकराव हो रहा है, जो बेहद चिंता का विषय है।

यो यो हनी सिंह का विरोध

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-: वाईआरएन सर्विस :- दिल्‍ली से सटे गुड़गांव में होगा यो यो हनी सिंह का प्रोग्राम। यो यो हनी सिंह अपने अश्‍लील गायन के चलते अक्‍सर आलोचकों के निशाने पर रहे हैं। अब लेखक कल्‍पना मिश्र ने उनके अश्‍लील गीतों का विरोध करते हुए गुड़गांव में होने वाले प्रोग्राम को रोकने के लिए संबंधित होटल को पत्र लिखा है, मगर उक्‍त पत्र के बावजूद उक्‍त प्रोग्राम पहले से तय किए समय एवं स्‍थल पर होगा। प्रोग्राम संबंधी जब आयोजकों से संपर्क किया गया तो सामने से बात कहते हुए एक महिला आयोजक ने कहा, इस प्रोग्राम को रद्द नहीं किया गया एवं यह प्रोग्राम अपने निर्धारित समय पर होगा। जहां एक तरफ यो यो हनी सिंह के अश्‍लील गीतों को यू ट्यूब पर प्रसारित किया जा रहा है, जिनमें बलात्‍कारी एवं पटियाला सलवार शामिल हैं, जो बेहद अश्‍लील भाषा में लिखे गए हैं, वहीं दूसरी तरफ यो यो हनी सिंह अपने टि्वटर खाते पर दिल्‍ली गैंगरेप को लेकर अफसोस जाहिर कर रहे हैं। यो यो हनी सिंह के कभी सबसे ज्‍यादा नजदीक रहे गायक जस्‍सी जसराज, आज हनी सिंह का सबसे बड़ा विरोधी हैं, क्‍यूंकि यो यो हनी सिंह ने पैसे कमाने के चक्‍कर में पंजाबी संगीत को दल दल

''दामिनी'' को ''गूगल'' की श्रद्धांजलि

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-: वाईआरएन सर्विस :-   खुद सदा के लिए सो कर पूरे हिन्‍दुस्‍तान को जगाने वाली अस्‍मरणीय दामिनी को पूरे हिन्‍दुस्‍तान ने ही नहीं बल्‍कि विश्‍व के सबसे बड़े सर्च इंजनों में शामिल गूगल ने भी मोमबत्‍ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। गूगल होम पेज पर नजर आने वाली मोमबत्ती पर जैसे ही माऊस जाता है तो वहां पर ''इन मैमोरी ऑफ द दिल्‍ली ब्रेवहार्ट'' लिखा मिलता है। पीड़िता के साथ 16 दिसंबर को एक चलती बस में 6 पुरुषों ने गैंग रेप करने के बाद उसे सड़क किनारे फेंक दिया था। और उसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया। वहां उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई और गत शनिवार तड़के उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे हिन्‍दुस्‍तान को महिलाओं के प्रति हो रहे अत्‍याचारों के खिलाफ एकसुर किया। इस आंदोलन ने केंद्र सरकार की जड़ों को पूरी तरह हिलाकर रख दिया। यह आजादी के बाद पहला ऐसा जनाक्रोश था, जिसका नेतृत्‍व किसी ने नहीं किया, बल्‍कि आम लोगों ने किया।

समाचार पत्रों में 'दिल्‍ली जनाक्रोश'

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पूरा दिन हिन्‍दी इलेक्‍ट्रोनिक मीडिया ने दिल्‍ली जनाक्रोश को कवरेज दी। इस जनाक्रोश को घरों तक पहुंचाया। वहीं अगले दिन सोमवार को कुछेक हिन्‍दी समाचार पत्रों ने दिल्‍ली जनाक्रोश को सामान्‍य तरीके से लिया, जबकि कुछेक ने जनाक्रोश को पूरी तरह उभारा। भारतीय मीडिया के अलावा दिल्‍ली जनाक्रोश पर हुए पुलिस एक्‍शन को विदेश मीडिया ने भी कवरेज दिया। इंग्‍लेंड के गॉर्डियन ने अपने अंतर्राष्‍ट्रीय पृष्‍ठ पर 'वी वांट जस्‍टिस' एवं 'किल देम' जैसे शब्‍द लिखित तख्‍तियां पकड़ रोष प्रकट कर रही लड़कियों की फोटो के साथ, किस तरह पुलिस ने उनको खदेड़ने के लिए आंसू गैस एवं पानी की बौछारों का इस्‍तेमाल किया, समाचार प्रकाशित कर इंग्‍लेंड की जनता को भारतीय पुलिस रवैया से अवगत करवाया। वहीं, न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने अपने डिजीटल संस्‍कार में दिल्‍ली जनाक्रोश की ख़बर को 'रोष प्रदर्शन हिंसा में बदला' के शीर्षक तले प्रकाशित किया। इस रिपोर्ट अंदर रविवार को हुए पूरे घटनाक्रम का बड़ी बारीकी से लिखा गया है। ख़बर में बताया गया कि किस तरह लोग दिल्‍ली में एकत्र हुए। किस तरह इस जनाक्रोश में राजनीतिक पार

तो मोदी का सिर मांग लेता मीडिया

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सुषमा स्‍वराज  टि्वट के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए कहती हैं, 'मैं आपकी भावनाओं को समझती हूं, आपके गुस्‍से का सत्‍कार करती हूं, हमें कुछ वक्‍त दें, हम बातचीत कर रहे हैं, जल्‍द ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे'। उधर, तस्‍लीमा नस्‍रीन  लिखती हैं, 'यह औरतों की सुरक्षा का सवाल नहीं, केवल औरतों के लिए नहीं, बल्‍कि मानव अधिकारों का सवाल है, हर किसी को इस मार्च में शामिल होना चाहिए'। वहीं आजसमाज  ने टि्वट पर लिखा है कि अगर यह मसला गुजरात के अंदर बना होता तो मीडिया अब तक नरेंद्र मोदी का सिर मांग चुका होता, लेकिन अभी तक मीडिया एवं अन्‍य पार्टियों ने शीला दीक्षित से नैतिकता के तौर पर अस्‍तीफा देने जैसे सवाल नहीं उठाए। वहीं कुछ मित्रों ने फेसबुक पर लिखा है कि लोगों का जनाक्रोश अब किसी दूसरी तरफ मोड़ खाता नजर आ रहा है, ऐसे में किसी अनहोनी के होने से पहले लोगों को सतर्क होते हुए वापिस जाना चाहिए। वहीं, मीडिया के रुख पर गुस्‍साए अभिनेता परेश रावल अपने टि्वट पर लिखते हैं, ''ख़बर कमरे में बैठकर लोगों के गुस्‍से को गलत बताने वाले पत्रकारों को घटनास्‍थल पर जाकर आंसू गोलो

नरेंद्र मोदी को मिला 'जन समर्थन'

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-: वाईआरएन सर्विस :- तीन बार बतौर मुख्‍यमंत्री अपनी जिम्‍मेदारी निभा चुके नरेंद्र मोदी पर गुजरात की जनता ने एक बार फिर विश्‍वास जताते हुए अपना फैसला सुना दिया। भले चुनाव नतीजों में पूरा गुजरात भाजपा के नारे की तरह एकमत गुजरात नजर न आया हो, लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा 115 सीटों पर जीतकर सत्‍ता में लौट रही है। भाजपा से अलग हुए केशुभाई पटेल की अगुवाई वाली गुजरात परिवर्तन पार्टी चुनावों में दो सीटें जीतकर अपना खाता खोलने में सफल रही। केशुभाई की अगुवाई में भाजपा दो बार सत्‍ता में आई थी, लेकिन चली नहीं, उसके बाद ही नरेंद्र मोदी को भाजपा ने कामन सौंपी थी। उधर, सत्‍ता की राह देख रही कांग्रेस पार्टी को 61 सीटों पर विजय मिली, जो कांग्रेसी नेताओं के अनुमान के हिसाब से बिल्‍कुल ठीक है, मगर इन चुनावों में कांग्रेस के लिए बेहद बुरी बात यह है कि जिन कंधों पर वो चुनाव लड़ रही थी, वो कंधे कमजोर निकले, विपक्ष नेता अर्जुन मोढ़वाडिया एवं कांग्रेस प्रमुख शक्‍ति सिंह गोहिल। भाजपा को सौराष्‍ट्र कच्‍छ, दक्षिण गुजरात एवं मध्‍य गुजरात से बेहद सफलता मिली, लेकिन नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र उत्‍तर ग

गुजरात को मिली एनएसजी क्षेत्रीय हब की मंजूरी

-: वाईआरएन सर्विस :- गुजरात में एनएसजी क्षेत्रीय हब स्‍थापना करने के लिए केंद्र से मंजूरी मिल गई है। गुजरात सरकार इसकी स्‍थापना के लिए जगह देख रही है। गांधीनगर एवं अहमदाबाद के बाहरी इलाकों में इसके स्‍थापित होने की उम्‍मीद की जा रही है।   गौरतलब है कि गत 12 दिसम्‍बर को गृह राज्‍य मंत्री श्री आरपीएन सिंह ने राज्‍यसभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि गुजरात सरकार से अनुरोध प्राप्‍त होने पर, गृह मंत्रालय ने गुजरात में राष्‍ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के क्षेत्रीय हब की स्‍थापना करने के लिए अपने ‘सिद्धांत रूप में’ अनुमोदन की सूचना गुजरात सरकार को दे दी है, बशर्ते राज्‍य सरकार एनसीजी द्वारा उपयुक्‍त पाए गए स्‍थान पर नि:शुल्‍क जमीन उपलबध कराए। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार मंत्री सिंह ने हब में कमांडों समूहों की संख्‍या राष्‍ट्रीय सुरक्षा के हित में प्रकट करते हुए कहा कि गुजरात सरकार हब के लिए गांधीनगर के नजदीक 20 से 30 एकड़ जगह देने के लिए योजना बना रही है, हालांकि कुछ अन्‍य गतिविधियों के लिए अहमदाबार के बाहरी इलाके में भूमि लेने संबंधी भी विचार किया जा रहा है।