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बाक्स आफिस पर अपनों से टक्कर

बालीवुड के लिए पिछले छ: महीने कैसे भी गुजरें हो, मगर इस साल के आने वाले छ: महीने दर्शकों एवं कलाकारों के लिए बहुत ही रोमांच भरे हैं। अगर हम फिल्म निर्माता एवं निर्देशकों द्वारा फिल्म रिलीज करने की तारीखों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस साल बाक्स आफिस पर प्रेमी प्रेमिका को, मामा भांजे को, बाप बेटे को टक्कर देगा। इसमें कोई शक नहीं की बाक्स आफिस पर अब मुकाबलेबाजी बढ़ने लगी है, यह बात तो 'सांवरिया' एवं 'ओम शांति ओम' के एक साथ रिलीज होने पर ही साबित हो गई थी. उसके बाद 'तारे जमीं पर' एवं 'वैकलम' एक साथ रिलीज हुई, बेशक यहां पर त्रिकोणी टक्कर होने वाली थी, मगर उस दिन अजय देवगन की फिल्म 'हल्ला बोल' को रिलीज नहीं किया गया था. बाक्स आफिस पर टक्कर होने से फिल्मी सितारों का मनोबल भी बढ़ता है और उनको भी खूब मजा आता है, जब सामने वाले किसी सितारे की फिल्म पिटती है। जुलाई महीने में भी दो नए सितारे बाक्स आफिस पर टकराने वाले हैं, हरमन बावेजा और इमरान खान. वैसे तो यह टक्कर कोई खास न होती, मगर यह टक्कर खास इस लिए हो गई क्योंकि दोनों के पीछे बड़े बैनर हैं. हरमन बाव

बालीवुड को जोरदार झट्के

चमक दमक भरी मायानगरी यानी बालीवुड में कुछ पता नहीं चलता, कब किसको आसमां मिल जाए और न जाने कब किसको जमीन पर आना पड़ जाए। जब बालीवुड की बात चल रही हो तो यशराज फिल्मस बैनर का नाम तो लेना स्वाभिक बात है क्योंकि इस बैनर का नाम तो बच्चा बच्चा जानता है। सफलता की सिख़र पर पहुंचे इस बैनर को लोगों की नजर लग गई और अब यह बैनर फलक से जमीं तलक आ गया। पिछले साल यशराज ने पांच फिल्में रिलीज की, मगर सफलता का परचम केवल एक लहरा पाई, वो फिल्म थी किंग खान की 'चक दे! इंडिया. यह फिल्म सफलता की सीढ़ियां चढ़ पाएगी यशराज बैनर को उम्मीद नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने फिल्म को सस्ते दामों में बेचा, मगर जो फिल्में यशराज बैनर ने महंगे दामों पर बेची थी वो सब सुपर फ्लाप साबित हुई, जिसके चलते सिनेमा मालिकों को घाटा झेलना पड़ा. यशराज ने इस साल की शुरूआत 25 अप्रैल को 'टशन' से की, उन्होंने इस फिल्मों को भी महंगे दामों पर बेचना चाहा, मगर पहले ही नुकसान झेल चुके सिनेमा मालिकों ने इस बार यशराज फिल्मस की फिल्म को अहमियत नहीं दी, जिसके चलते यह फिल्म कुछ सिनेमा घरों में रिलीज नहीं हुई. फिल्म रिलीज होने के एक दो दिन बाद ही

'सरकार राज' ठाकरे को नसीहत

फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा की उम्दा पेशकारी 'सरकार राज' देखते हुए दर्शकों को पिछले दिनों महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की ओर से उत्तर भारतीयों को निशान बनाने की घटनाओं की याद आई होगी। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में खुद को स्थापित करने लिए उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया था, विशेषकर अमिताभ बच्चन को, जहां बड़े पर्दे के मैगास्टार अमिताभ बच्चन ने पर्दे के पीछे राज ठाकरे के शब्दी निशानों का खूब जोरदार जवाब दिया, वहीं पर अमिताभ बच्चन एवं उनके बेटे अभिषेक बच्चन ने 'सरकार राज' में महाराष्ट्र का नेतृत्व कर बड़े पर्दे पर खूब वाह वाह बटोरी है। उल्लेखनीय है कि इस फिल्म को आईफा अवार्ड समारोह में दिखाया गया था, फिल्म को इतना बड़ा समर्थन मिला कि पुलिस को भी भीड़ के साथ दो चार होना पड़ा. मेरे ख्याल से महाराष्ट्र को राम गोपाल वर्मा का आभार प्रकट करना चाहिए जिन्होंने महाराष्ट्र की एकता को पर्दे पर दर्शाया एवं महाराष्ट्र की एकता के नाम पर लोगों को तालियां बजाने लिए मजबूर कर दिया. वैसे तो सुनने आया है कि राज ठाकरे एवं राम गोपाल वर्मा में बहुत गहरी दोस्ती है एवं राज राम की फिल्म को

2007 ने किसको क्या दिया, किसी से क्या छीना

किसी ने ठीक ही कहा है कि समय से बलवान कोई नहीं और समय से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता, ये बात बिल्कुल सत्य है, अगर आप आपने आसपास रहने वाले लोगों या खुद के बीते हुए दिनों का अध्ययन करेंगे तो ये बात खुदबखुद समझ में आ जाएगी। चलो पहले रुख करते हैं बालीवुड की तरफ क्योंकि ये मेरा पसंदीदा क्षेत्र है. जैसे ही 2007 शुरू हुआ छोटे बच्चन यानी अभिषेक के दिन बदल गए, उनकी इस साल की पहली फिल्म 'गुरू' रिलीज हुई, इस फिल्म ने अभिषेक को सफलता ही नहीं बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन 'ऐश' लाकर इसकी झोली में डाल दी, इसके बाद आओ हम चलते खिलाड़ी कुमार की तरफ ये साल उनके लिए बहुत ही भाग्यशाली साबत हुआ क्योंकि उनकी इस साल रिलीज हुई हर फिल्म को दर्शकों ने खूब प्यार दिया, जिसकी बदौलत अक्षय कुमार सफलता की सीढ़ियों को चढ़ते हुए सफलता की शिख़र पर जाकर बैठ गए. इस साल भारी झटका बालीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को लगा क्योंकि उनकी पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म को इस साल की सबसे फ्लाप फिल्मों में गिना जा रहा है, बेशक संजय मानते हैं कि उनकी फिल्म बहुत अच्छी थी लेकिन समीक्षाकारां ने फिल्म की आलोचना

लाजवाब है 'सरकार राज'

निर्देशकः राम गोपाल वर्मा कलाकारः अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्य राय बच्चन, गोविन्द रामदेव, सुप्रिया पाठक, राजेश श्रृगांरपुरी, रवि काले, उपेन्द्र लिमाए। पिछले साल फ्लाप हैट्रिक मारने वाले राम गोपाल वर्मा ने इस साल की शुरूआत 'सरकार राज' से की. इसमें कोई शक नहीं कि इस फिल्म में रामगोपाल वर्मा ने अपने आपको फिर से साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. वर्मा ने इस फिल्म को बहुत बढ़िया ढंग से बनाया है ताकि दर्शक उनकी पुरानी फिल्म 'सरकार' से भी तुलना करना चाहें तो बढ़े शौक से करें क्योंकि यह फिल्म पुरानी सरकार से काफी ज्यादा अच्छी है. इतना ही नहीं रामू गोपाल वर्मा ने फिल्म को इस ढंग से तैयार किया कि दर्शक एक बार भी नजर इधर उधर चुरा नहीं पाते. फिल्म ‘सरकार राज’ को देखकर कहा जा सकता है, कि राम गोपाल वर्मा ने बॉलीवुड के सफल निर्देशकों के कतार में धमाकेदार वापसी की है. उनके द्वारा बनाई गई ‘सत्या’ और ‘कंपनी’ जैसी फिल्मों की तुलना में कई गुणा बेहतरीन फिल्म है ‘सरकार राज’. फिल्म के सभी पहलू उसे बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट बनाने में मददगार तो होंगे ही, साथ ही इसके तमाम कलाकार

छोटे आसमां पर बड़े सितारे

शाहरुख खान छोटे पर्दे से बड़े पर्दे पर जाकर बालीवुड का किंग बन गया एवं राजीव खंडेलवाल आपनी अगली फिल्म 'आमिर' से बड़े पर्दे पर कदम रखने जा रहा है, मगर वहीं लगता है कि बड़े पर्दे के सफल सितारे अब छोटे पर्दे पर धाक जमाने की ठान चुके हैं। इस बात का अंदाजा तो शाहरुख खान की छोटे पर्दे पर वापसी से ही लगाया जा सकता था, मगर अब तो सलमान खान एवं ऋतिक रोशन भी छोटे पर्दे पर दस्तक देने जा रहे हैं. इतना ही नहीं पुराने समय के भी हिट स्टार छोटे पर्दे पर जलवे दिखा रहे हैं, जिनमें शत्रुघन सिन्हा एवं विनोद खन्ना प्रमुख है. बालीवुड के सितारों का छोटे पर्दे की तरफ रुख करने के दो बड़े कारण हैं, एक तो मोटी राशी एवं दूसरा अधिक दर्शक मिल रहे हैं. इन सितारों के अलावा अक्षय कुमार, अजय देवगन, गोविंदा भी छोटे पर्दे के मोह से बच नहीं सके. अभिनेताओं की छोड़े अभिनेत्रियां भी कहां कम हैं उर्मिला मातोंडकर एवं काजोल भी छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं. छोटे पर्दे पर भी आना बुरी बात नहीं लेकिन जब आप बड़े पर्दे पर सफलता की शिखर पर बैठे हों तो छोटे पर्दे की तरफ रुख करना ठीक नहीं, इस सबूत तो शाहरुख खान को मिल गया, उसके नए टी