movie review : संतोषी का अंदाज फटा पोस्टर निखरा शाहिद

भले ही फिल्म 'फटा पोस्टर निकला हीरो' के पोस्टर पर गलती से निकला 'निखला' हो गया हो, लेकिन फिल्म बनाते वक्त फिल्म निर्देशक राजकुमार संतोषी ने कोई चूक नहीं की, इसलिये 'फटा पोस्टर निकला हीरो' में सब कुछ निखरा निखरा नजर आया। निर्देशक राजकुमार संतोषी, जिनकी 'अंदाज अपना अपना' के दूसरे भाग के लिए दर्शक आंखें बिछाये बैठे हैं, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आज के समय में भी दो अर्थ वाली शब्दावली के इस्तेमाल के बगैरह एक अच्छी कॉमेडी फिल्म का निर्माण हो सकता है। आज भी किरण खेर जैसी मॉर्डन ओवर एक्टिंग वाली मां के बिना मां बेटे के रिश्ते पर एक फिल्म बन सकती है। राजकुमार संतोषी ने पुराने समय की कहानी को चुना, लेकिन स्थितियां आज की रखी, और पूरा फोक्स महिला शक्तिकरण की तरफ था। एक नौजवान को किस तरह दो महिलायें एक योग्य पुलिस अधिकारी बनने में मदद करती हैं। फिल्म में एक नायक विश्वास राव (शाहिद कपूर) की मां पद्मिनी कोल्हापुरे, तो दूसरी प्रेमिका काजल ( इलियाना डीक्रूज )। नायक की मां नायक को इमानदार पुलिस अधिकारी बनते हुये देखना चाहती है...