बोफोर्स घोटाला, अमिताभ का बयान और मेरी प्रतिक्रिया

बोफोर्स घोटाला, कब सामने आया, यकीनन जब मैं तीसरा बसंत देख रहा था, यानि 1987, इस घोटाले का पर्दाफाश अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र द हिंदु की संवाददाता चित्रा सुब्रह्मण्यम ने किया, मगर सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट उस समय दाखिल की, जब मैं पांच साल पूरे कर छठे की तरफ बढ़ रहा था। इसके बाद सरकारें बदली, स्थितियां परिस्थितियां बदली, मैं भी समय के साथ साथ बड़ा होता चला गया। लेकिन मुझे इस घोटाले की जानकारी उस समय मिली जब इस घोटाले के कथित दलाल ओत्तावियो क्वोत्रिकी की हिरासत के लिए सीबीआई जद्दोजहद कर रही थी, और मैं एक न्यूज वेबसाइट के लिए कीबोर्ड पर उंगलियां चला रहा था, तकरीबन तब मैं पच्चीस साल का हो चुका था, और यह घोटाला करीबन 22 साल का। आप सोच रहे होंगे कि घोटाले और मेरी उम्र में क्या तालुक है, तालुक है पाठक साहिब, क्यूंकि जब यह घोटाला हुआ तो राजीव गांधी का नाम उछलकर सामने आया, चूंकि वह उस समय प्रधानमंत्री बने थे, और राजीव गांधी प्रधानमंत्री कब बने, जब इंदिरा गांधी का मौत हुई, और जब इंदिरा की मौत हुई, तब मैं पांच दिन का था, एक वो ही ऐसी घटना है, जिसने मेरे जन्मदिन की पुष्टि ...