कांग्रेसियों का 'ब्रह्मचर्य व्रत'

कहते हैं जो पकड़ा गया वो चोर बड़ा। जो समय रहते स्वीकार कर गया वो सबसे बड़ा महान, जैसे कि मोहनदास कर्म चंद गांधी। मगर अफसोस है कि अब कांग्रेसी नेताओं को स्वीकार करने का मौका ही नहीं मिलता या तो लड़कियां आत्म हत्या कर नेताओं को बेनकाब कर देती हैं या फिर कुछ साल बाद गलतियां पुत्रों का जन्म लेकर जग जाहिर हो जाती हैं। शायद महात्मा गांधी की परंपरा को कांग्रेसी नेता बरकरार रखने की कोशिश में लगे हुए हैं, भले दूसरी तरफ सत्ता में बैठी कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा का पूरा पूरा जिम्मा उठाने का भरोसा दिला रही है। कथित तौर पर कुछ महीनों से ब्रह्मचर्य का व्रत, जिससे हम बलात्कार भी कह सकते हैं, कर रहे एक नेता विक्रम सिंह ब्रह्मा को क्षुब्ध महिलाओं ने असम में पीट डाला, और कांग्रेस को एक बार फिर शर्मिंदा होना पड़ा। शायद कांग्रेस शर्मिंदा न होती। अगर आज हमारे राष्ट्रपिता की तरह विक्रम सिंह ब्रहमा भी जनता के बीच आकर महिला के साथ किए अपने ब्रह्मचर्य व्रत की स्वीकृति करते। जैसे गांधी जी ने एक पत्र में लिखा था कि 'मुझे मालूम है कि शिविर के सभी लोग जानते हैं कि मनु मेरी खाट में साझेदारी...