कांग्रेसियों का 'ब्रह्मचर्य व्रत'
कहते हैं जो पकड़ा गया वो चोर बड़ा। जो समय रहते स्वीकार कर गया वो सबसे बड़ा महान, जैसे कि मोहनदास कर्म चंद गांधी। मगर अफसोस है कि अब कांग्रेसी नेताओं को स्वीकार करने का मौका ही नहीं मिलता या तो लड़कियां आत्म हत्या कर नेताओं को बेनकाब कर देती हैं या फिर कुछ साल बाद गलतियां पुत्रों का जन्म लेकर जग जाहिर हो जाती हैं।
शायद महात्मा गांधी की परंपरा को कांग्रेसी नेता बरकरार रखने की कोशिश में लगे हुए हैं, भले दूसरी तरफ सत्ता में बैठी कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा का पूरा पूरा जिम्मा उठाने का भरोसा दिला रही है। कथित तौर पर कुछ महीनों से ब्रह्मचर्य का व्रत, जिससे हम बलात्कार भी कह सकते हैं, कर रहे एक नेता विक्रम सिंह ब्रह्मा को क्षुब्ध महिलाओं ने असम में पीट डाला, और कांग्रेस को एक बार फिर शर्मिंदा होना पड़ा। शायद कांग्रेस शर्मिंदा न होती। अगर आज हमारे राष्ट्रपिता की तरह विक्रम सिंह ब्रहमा भी जनता के बीच आकर महिला के साथ किए अपने ब्रह्मचर्य व्रत की स्वीकृति करते।
जैसे गांधी जी ने एक पत्र में लिखा था कि 'मुझे मालूम है कि शिविर के सभी लोग जानते हैं कि मनु मेरी खाट में साझेदारी करती है। वैसे भी मैं छुपाकर कुछ नहीं करना चाहता हूं। मैं इसको विज्ञापित नहीं कर रहा हूँ। यह मेरे लिए अत्यंत पवित्र चीज है। संदेह और अविश्वास को दूर करने के लिए फरवरी 1947 में गांधीजी ने नोआखाली की एक प्रार्थना सभा में मनु के साथ बिस्तर की साझेदारी की बात सबके सामने रखी। लेकिन यह नहीं बतलाया कि इस साझेदारी में मनु वस्त्रहीन अवस्था में होती थी।
कुछ माह पहले गीतिका नामक लड़की ने आत्महत्या कर ली और पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ गई, जिसमें लिखा था कि उनकी आत्महत्या के पीछे कांग्रेसी नेता का हाथ है। यकीनन यह मामला भी महिला के साथ शारीरिक प्रयोग का था, जिसमें महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मगर जब आरोपी नेता का जन्मदिवस आया तो एक अन्य कांग्रेसी नेता ने कहा, 'गोपाल कांडा ने गलती से गलत नौकर रख लिया था'। यकीनन गीतिका मनु सी न थी, ईमानदार पैरोकार न था।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एनडी तिवारी, जो तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, को ब्रह्मचर्य व्रत प्रयोग उस समय महंगा पड़ गया, जब हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर रोहित शेख़र को उनका पुत्र मान लिया। एनडी तिवारी ने इसको एक साजिश बताया तो वहीं डीएनए टेस्ट रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद उज्ज्वला शर्मा ने कहा था, जो सच्चाई केवल वह जानती थीं, अब वह सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ गई है। यह सच की जीत है और उनके बेटे के मां के प्रति प्रेम की जीत है।
कथित तौर पर पिछले वर्ष कांग्रेस के फायरब्रांड वकील नेता अभिषेक मनु सिंघवी को भी उनके चालक ने ब्रह्मचर्य व्रत प्रयोग करते हुए एक वीडियो में कैच कर लिया था। इस वीडियो के रिलीज होने के बाद बात सामने आई कि वो वकील महिला को बदले में उच्च पदवी देने वाले थे। कांग्रेसी नेता अपने प्रेरणास्रोत एवं देश के राष्ट्रपिता के प्रयोग करने की कोशिश करते हुए पकड़े जाते हैं। उनको जनता महात्मा गांधी बनने से रोक लेती है। वैसे तो राहुल गांधी भी इस तरह के आरोप को झेल चुके हैं।
शायद महात्मा गांधी की परंपरा को कांग्रेसी नेता बरकरार रखने की कोशिश में लगे हुए हैं, भले दूसरी तरफ सत्ता में बैठी कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा का पूरा पूरा जिम्मा उठाने का भरोसा दिला रही है। कथित तौर पर कुछ महीनों से ब्रह्मचर्य का व्रत, जिससे हम बलात्कार भी कह सकते हैं, कर रहे एक नेता विक्रम सिंह ब्रह्मा को क्षुब्ध महिलाओं ने असम में पीट डाला, और कांग्रेस को एक बार फिर शर्मिंदा होना पड़ा। शायद कांग्रेस शर्मिंदा न होती। अगर आज हमारे राष्ट्रपिता की तरह विक्रम सिंह ब्रहमा भी जनता के बीच आकर महिला के साथ किए अपने ब्रह्मचर्य व्रत की स्वीकृति करते।
जैसे गांधी जी ने एक पत्र में लिखा था कि 'मुझे मालूम है कि शिविर के सभी लोग जानते हैं कि मनु मेरी खाट में साझेदारी करती है। वैसे भी मैं छुपाकर कुछ नहीं करना चाहता हूं। मैं इसको विज्ञापित नहीं कर रहा हूँ। यह मेरे लिए अत्यंत पवित्र चीज है। संदेह और अविश्वास को दूर करने के लिए फरवरी 1947 में गांधीजी ने नोआखाली की एक प्रार्थना सभा में मनु के साथ बिस्तर की साझेदारी की बात सबके सामने रखी। लेकिन यह नहीं बतलाया कि इस साझेदारी में मनु वस्त्रहीन अवस्था में होती थी।
कुछ माह पहले गीतिका नामक लड़की ने आत्महत्या कर ली और पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ गई, जिसमें लिखा था कि उनकी आत्महत्या के पीछे कांग्रेसी नेता का हाथ है। यकीनन यह मामला भी महिला के साथ शारीरिक प्रयोग का था, जिसमें महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मगर जब आरोपी नेता का जन्मदिवस आया तो एक अन्य कांग्रेसी नेता ने कहा, 'गोपाल कांडा ने गलती से गलत नौकर रख लिया था'। यकीनन गीतिका मनु सी न थी, ईमानदार पैरोकार न था।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एनडी तिवारी, जो तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, को ब्रह्मचर्य व्रत प्रयोग उस समय महंगा पड़ गया, जब हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर रोहित शेख़र को उनका पुत्र मान लिया। एनडी तिवारी ने इसको एक साजिश बताया तो वहीं डीएनए टेस्ट रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद उज्ज्वला शर्मा ने कहा था, जो सच्चाई केवल वह जानती थीं, अब वह सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ गई है। यह सच की जीत है और उनके बेटे के मां के प्रति प्रेम की जीत है।
कथित तौर पर पिछले वर्ष कांग्रेस के फायरब्रांड वकील नेता अभिषेक मनु सिंघवी को भी उनके चालक ने ब्रह्मचर्य व्रत प्रयोग करते हुए एक वीडियो में कैच कर लिया था। इस वीडियो के रिलीज होने के बाद बात सामने आई कि वो वकील महिला को बदले में उच्च पदवी देने वाले थे। कांग्रेसी नेता अपने प्रेरणास्रोत एवं देश के राष्ट्रपिता के प्रयोग करने की कोशिश करते हुए पकड़े जाते हैं। उनको जनता महात्मा गांधी बनने से रोक लेती है। वैसे तो राहुल गांधी भी इस तरह के आरोप को झेल चुके हैं।
आज रात एनडीटीवी पर प्राइम टाइम शो देखते हुए एक सवाल सुनने को मिला कि महाभारत से द्रोपदी चीरहरण को हटा देना चाहिए। मुझे लगता है कि देश के राष्ट्रपिता की कुछ ऐसी स्वीकृतियों को भी नहीं हटा देना चाहिए।
yadi ye satya hai to बिलकुल सही बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति मरम्मत करनी है कसकर दरिन्दे हर शैतान की #
जवाब देंहटाएंजब जड़ ही जिसकी नेहरु जैसे दिलफेंक आशिक सिंचित कर गए थे तो अंजामे दरख्त यही होना था !
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