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फेसबुक की पहल, पेश किया गुमनाम लॉग-इन ऐप्लिकेशन

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सैन फ्रांसिस्को। फेसबुक ने अपने एक अरब से अधिक उपयोक्ताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए गुमनाम रहकर फेसबुक का उपयोग करने से जुड़ा ऐप्लिकेशन पेश किया है। फेसबुक के सह-संस्थापक और प्रमुख मार्क जुकरबर्ग लंबे समय तक कहते रहे हैं कि उपयोक्ताओं को एक ऑनलाईन पहचान रखनी चाहिए लेकिन अब वे फेसबुक पर गुमनाम रहकर इस सोशल नेटवर्किंग साईट पर काम करने का मौका मिलेगा। फेसबुक ने डाटा ऐप्लिकेशन की पहुंच को नियंत्रित करने के तरीके को भी सुव्यवस्थित किया है। जुकरबर्ग ने एक सम्मेलन में इन बदलावों और फेसबुक को ऐप्लिकेशन के लिए ज्यादा स्थिर मंच बनाने की भी घोषणा की। जुकबर्ग ने कहा ‘‘लोगों को शक्ति और नियंत्रण देने से वे सभी ऐप्लिकेशन पर भरोसा करेंगे। यह सभी के लिए सकारात्मक पहल है।’’ कंपनी ने कहा कि गुमनाम लॉग-इन (एनॉनिमस लॉग-इन) का उपयोग करना आसान है और वे फेसबुक पर बिना व्यक्तिगत सूचना दिए इस ऐप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं।

फेसबुक पर अब बता सकेंगे दोस्तों को लोकेशन

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न्यूयार्क। युवाओं में सर्वाधिक प्रचलित सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए जल्द ही आप अपने फेसबुक मित्रों से अपनी वास्तविक भौगोलिक स्थिति भी शेयर कर सकेंगे। फेसबुक एक नया फीचर शुरू करने जा रही है, जिसकी मदद से आप जान सकेंगे कि आपका कौन सा मित्र फेसबुक पर आपसे कौन सी जगह से जुड़ा हुआ है। इसके लिए आपको 'नीयरबाई फ्रेंड्स' नाम से शुरू किए गए नए फीचर को ऑन करना होगा। लेकिन आपको यह भी जरूर जानना चाह रहे होंगे कि आखिर यह फीचर काम कैसे करेगा। वास्तव में यह फीचर आपके मित्र के मोबाइल फोन के जीपीएस प्रणाली का उपयोग कर आपको उसकी वास्तविक स्थिति की जानकारी देगा। इस फीचर का उपयोग कर लेकिन आप एक घंटे तक ही अपनी उपस्थिति की जगह से अपने मित्रों को अवगत करा सकेंगे। एक घंटे बाद आप इस जगह में परिवर्तन कर सकेंगे। फेसबुक हालांकि इस फीचर को शुरुआत में सिर्फ अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए ही शुरू करेगा। इस नए फीचर की घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के उपयोगकर्ताओं को 'नीयरबाई फ्रेंड्स' फीचर का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा उपयोगकर्ता अपनी लोकेशन से अवगत कराने के लिए अपने मित्र

30 साल का हुआ इंटरनेट

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-: वाईआरएन सर्विस :- न ई मेल होती, न फेसबुक होता और न होता यू ट्यूब, अगर इंटरनेट का जन्‍म न होता। आज इंटरनेट 30 साल का हो चुका है। सोचो जरा! भारतीय आईटी इंडस्‍ट्री इंटरनेट के बिना आख़िर कैसी होती? आज भारत में चार बड़ी आईटी सर्विसेस कंपनियों की श्रेणी में टीसीएस, विप्रो, इन्‍फोसिस एवं एचसीएल टेक्‍नोलॉजिज शामिल हैं, जिनमें लगभग छह लाख से ऊपर कर्मचारी कार्यरत हैं। दरअसल, आज से करीबन 30 साल पूर्व 1 जनवरी 1983 को पुरानी टेक्‍नॉलोजी को अलविदा कहते हुए नई प्रणाली को स्‍थापित किया, जिसे आज हम इंटरनेट के रूप में जानते हैं। उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क 'Advanced Research Projects Agency Network' की जगह सम्पूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) का रास्ता तैयार हुआ। अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षों में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था एवं कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई संस्थानों ने इसकी वि

इंस्‍टाग्राम ने यूजर्स को दिलाया भरोसा

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-: वाईआरएन सर्विस :- मोबाइल फोटो शेयरिंग वेबसाइट इंस्‍टाग्राम ने यूजर्स की फीडबैक के बाद थैंक्‍स, वी आर लिस्‍टनिंग, ब्‍लॉग पोस्‍ट के जरिए अपने यूजर्स को संतुष्‍ट करने के लिए कहा है, वो उनकी फोटो को किसी भी एड में इस्‍तेमाल नहीं करेंगे। अब इंस्‍टाग्राम का मालिक फेसबुक है। उसने अपने नए नियम एवं शर्तें तैयारी की हैं। उसने इस्‍तेमाल कर्ताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी फोटो के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उनकी फोटो को किसी भी विज्ञापन आदि में इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा। इंस्‍टाग्राम प्रबंधन का कहना है कि यूजर्स अपनी फोटो को पब्‍लिक एवं अपने फ्रेंड सर्कल में शेअर कर सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि इसको और सरल बनाया जाएगा। गौरतलब है कि इंस्‍टाग्राम को सितम्‍बर में फेसबुक ने खरीदा था। इसकी नियम एवं शर्तों में परिवर्तन कर दिया गया है, जो 17 जनवरी के बाद लागू हो जाएंगी।