अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले योद्धा नरेंद्र दाभोलकर नहीं रहे

महाराष्ट्र में 'अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून' लाने की कोशिशों में जुटे नरेंद्र दाभोलकर को दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से जो आखिरी धमकी दी गई थी उसमें कहा गया था 'गांधी को याद करो: याद करो हमने उसके साथ क्या किया था'। दाभोलकर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति पिछले 14 सालों से इस बिल के लिए कैंपेनिंग कर रही है। मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने सोशल ऐक्टिविस्ट नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि दाभोलकर सुबह की सैर के लिए निकले थे कि तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने उनके सिर पर करीब से गोलियां दाग दीं। उन्हें शहर के ओंकारेश्वर पुल पर घायल अवस्था में पाया गया। बाद में उन्होंने ससून अस्पताल में दम तोड़ दिया। दाभोलकर पिछले 40 सालों से अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून बनवाने के लिए प्रयासरत थे। 2005 में उनका यह विधेयक महाराष्ट्र विधान परिषद में पेश भी हुआ लेकिन इसे पुनर्विचार समिति के पास भेज दिया गया। बीते 8 सालों से यह वहीं अटका हुआ है। जुलाई में हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए दाभोलकर ने कहा था, ...