मीडिया की सुर्खियों में मुम्बई की सनमीत
बिहार के सुशील कुमार के बाद मुम्बई की सनमीत कौन साहनी ने पांच करोड़ रुपए जीतकर मीडिया में सुर्खियां बटोर ली है। खासकर सनमीत कौर साहनी ने यह ईनाम राशि उस वक्त जीती है, जब पूरा मीडिया महिलामय हो चुका है। ऐसे में सनमीत कौर साहनी को सुर्खियां मिलना लाजमी है।
बीबीसी हिन्दी ने इस ख़बर को 'केबीसी: 12वीं पास महिला ने जीते पाँच करोड़' हैंडलाइन के साथ प्रकाशित किया है। शायद मीडिया को लगता है कि सामान्य ज्ञान केवल बड़े बड़े डिग्री होल्डर के पास है, तभी तो मीडिया हैंडिंग हैरतजनक बनाया, 12वीं पास महिला ने पांच करोड़ जीत लिए, इस ख़बर के अंदर बताया गया है कि सनमीत कौर साहनी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं।
वहीं मुम्बई के प्रसिद्ध समाचार पत्र मिड डे ने इस ख़बर को 'वूमैन विन्स पांच करोड़ ऑन केबीसी' के टाइटल तले प्रकाशित की। इस टाइटल को पढ़ने के बाद उम्मीद है कि पुरुष थोड़ा सा शर्मिंदा होंगे, और तपाक मुंह से निकलेगा 'महिला ने जीते पांच करोड़'। अगर गम्भीरता से देखा जाए तो यह हैंडिंग भी अचकितवाचक लगता है। इतना ही नहीं, मुम्बई वासियों को खुश करने के लिए वुमैन के आगे मुम्बई भी लगा दिया गया है, सब हैंडिंग तो देखिए जनाब। शी इज ए हाऊसवाइफ, हू रेजिडेज इन मुम्बई। प्वाइंट नोट करने लायक है। पति अपनी पत्नि को ताना मार सकते हैं, देखो वो गृहिणी है, जिसने पांच करोड़ जीते।
सुशील के बाद सनमीत ने जीते पांच करोड़, अमर उजाला ने ख़बर की तरह पेश किया, कोई हलचल नहीं। शायद अमर उजाला वाले सोचते हैं, जीत के लिए खेल रही थी, तो जीतना लाजमी था। वहीं एबीपी न्यूज ने लिखा, केबीसी में महिला ने रचा इतिहास, जीते पांच करोड़। इस टाइटल को हम मान सकते हैं, बिल्कुल स्टीक है, अगर पहले किसी महिला प्रतिभागी ने यह उपलब्िध हासिल नहीं की। दैनिक जागरण ने भी अमर उजाला की तरह साधारण टाइटल केबीसी में सनमीत ने जीते पांच करोड़ के साथ ख़बर को प्रस्तुत किया। ख़बर एनडीटीवी ने लिखा, सनमीत ने केबीसी में जीते पांच करोड़।
चलते चलते। सभी मीडिया हाऊसों ने इस ख़बर को ब्रेकिंग न्यूज की तरह लिया, ब्रेकिंग न्यूज में गलतियां होना स्वाभविक है, वैसा ही इस ख़बर में भी हुआ, किसी ने उसको सुरमीत लिखा तो किसी ने सनमीत। अंत शायद उसका नाम सनमीत कौर साहनी है, वो मुम्बई की रहनी वाली है। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो पांच करोड़ उनकी झोली में पहुंच चुका है। आदमी शिक्षा दो चीजों के लिए हासिल करता है, नौकरी के लिए और जिन्दगी जीने के सही तौर तरीकों सीखने के लिए। फिलहाल सनमीत कौर ने दो मैदानों में अपना लोहा मनवा लिया।
डिस्कलेमर- घर जाकर पत्नि पर टौंट मत कसिएगा, देखो उसने पांच करोड़ जीते महिला होकर, क्यूंकि मुंह की खानी पड़ेगी प्यारे इससे पहले सुशील कुमार भी जीत चुके हैं।
बीबीसी हिन्दी ने इस ख़बर को 'केबीसी: 12वीं पास महिला ने जीते पाँच करोड़' हैंडलाइन के साथ प्रकाशित किया है। शायद मीडिया को लगता है कि सामान्य ज्ञान केवल बड़े बड़े डिग्री होल्डर के पास है, तभी तो मीडिया हैंडिंग हैरतजनक बनाया, 12वीं पास महिला ने पांच करोड़ जीत लिए, इस ख़बर के अंदर बताया गया है कि सनमीत कौर साहनी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं।
वहीं मुम्बई के प्रसिद्ध समाचार पत्र मिड डे ने इस ख़बर को 'वूमैन विन्स पांच करोड़ ऑन केबीसी' के टाइटल तले प्रकाशित की। इस टाइटल को पढ़ने के बाद उम्मीद है कि पुरुष थोड़ा सा शर्मिंदा होंगे, और तपाक मुंह से निकलेगा 'महिला ने जीते पांच करोड़'। अगर गम्भीरता से देखा जाए तो यह हैंडिंग भी अचकितवाचक लगता है। इतना ही नहीं, मुम्बई वासियों को खुश करने के लिए वुमैन के आगे मुम्बई भी लगा दिया गया है, सब हैंडिंग तो देखिए जनाब। शी इज ए हाऊसवाइफ, हू रेजिडेज इन मुम्बई। प्वाइंट नोट करने लायक है। पति अपनी पत्नि को ताना मार सकते हैं, देखो वो गृहिणी है, जिसने पांच करोड़ जीते।
सुशील के बाद सनमीत ने जीते पांच करोड़, अमर उजाला ने ख़बर की तरह पेश किया, कोई हलचल नहीं। शायद अमर उजाला वाले सोचते हैं, जीत के लिए खेल रही थी, तो जीतना लाजमी था। वहीं एबीपी न्यूज ने लिखा, केबीसी में महिला ने रचा इतिहास, जीते पांच करोड़। इस टाइटल को हम मान सकते हैं, बिल्कुल स्टीक है, अगर पहले किसी महिला प्रतिभागी ने यह उपलब्िध हासिल नहीं की। दैनिक जागरण ने भी अमर उजाला की तरह साधारण टाइटल केबीसी में सनमीत ने जीते पांच करोड़ के साथ ख़बर को प्रस्तुत किया। ख़बर एनडीटीवी ने लिखा, सनमीत ने केबीसी में जीते पांच करोड़।
चलते चलते। सभी मीडिया हाऊसों ने इस ख़बर को ब्रेकिंग न्यूज की तरह लिया, ब्रेकिंग न्यूज में गलतियां होना स्वाभविक है, वैसा ही इस ख़बर में भी हुआ, किसी ने उसको सुरमीत लिखा तो किसी ने सनमीत। अंत शायद उसका नाम सनमीत कौर साहनी है, वो मुम्बई की रहनी वाली है। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो पांच करोड़ उनकी झोली में पहुंच चुका है। आदमी शिक्षा दो चीजों के लिए हासिल करता है, नौकरी के लिए और जिन्दगी जीने के सही तौर तरीकों सीखने के लिए। फिलहाल सनमीत कौर ने दो मैदानों में अपना लोहा मनवा लिया।
डिस्कलेमर- घर जाकर पत्नि पर टौंट मत कसिएगा, देखो उसने पांच करोड़ जीते महिला होकर, क्यूंकि मुंह की खानी पड़ेगी प्यारे इससे पहले सुशील कुमार भी जीत चुके हैं।
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