सुन सनकर तंग आए ''देश का अगला...........?"
कांग्रेस, हम ने कल लोक सभा में एफडीआई बिल पारित करवा दिया। अब हम गुजरात में भी अपनी जीत का परचम लहराएंगे। मीडिया कर्मी ने बीच में बात काटते हुए पूछा, अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, अगर मध्याविधि चुनाव हों तो। अगर देश का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह जनता से बातचीत नहीं करेगा तो, मीडिया तो ऐसे सवाल पूछता ही रहेगा।
नोट पेंट की एड का पॉलिटिकल वर्जन
देश के लोकतंत्र में शायद पहली बार हो रहा है कि बात बात पर एक सवाल उभरकर सामने आ जाता है ''देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ?'' यह बात तब हैरानीजनक और कांग्रेस के लिए शर्मजनक लगती है जब चुनावों में एक लम्बा समय पड़ा हो, और बार बार वो ही सवाल पूछा जाए कि ''देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ?'' जब इस मामले से जोर पकड़ा था तो देश के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, ''कांग्रेस जब भी कहे, मैं राहुल गांधी के लिए खुशी खुशी कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं, मैं जब तक इस पद पर हूं, अपना दायित्व निभाता रहूंगा''।
देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भले देश की स्थिति से अनजान हों, मगर कांग्रेस की स्थिति से अच्छी तरह अवगत हैं, कांग्रेस की स्थिति चीन जैसी है, जो अंदर ही अंदर कई टुकड़ों में बांटा हुआ है, लेकिन बाहर से एक संगठित राष्ट्र। राहुल गांधी को कुछ मक्खनबाज नेता प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, खासकर दिग्गविजय सिंह। पीएम बनना तो सोनिया भी चाहती थी, लेकिन रास्ते में एक पहाड़ आता है, जिसका नाम सुब्रह्मण्यम स्वामी, जिसको फांदकर पीएम की कुर्सी तक जान राहुल गांधी एवं सोनिया के लिए आसान नहीं, और दूसरी बात, जो मंत्री पद की जिम्मेदारी लेने से डरता है, वो देश के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी कैसे उठाएगा ?
देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ? सवाल को सुनते सुनते मनमोहन सिंह अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर जाएंगे, लेकिन यह बेहद शर्मनाक हादसा होगा, जब देश में निरंतर चल रही सरकार से एक ही सवाल बार बार पूछा जा रहा हो कि देश का अगला प्रधान मंत्री कौन होगा ?। कांग्रेस ने तो अपना पल्लू यह कहते हुए झाड़ लिया कि उनके रीति नहीं पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करना, लेकिन विदेशी पत्रिका इकोनोमिस्ट ने कांग्रेस की ओर से अगले प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पी चिदंबरम को देखने का साहस किया है। इस पद के दूसरे मजबूत दावेदार कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति पद तक पहुंच चुके हैं।
उधर, भारतीय जनता पार्टी जो कल तक नरेंद्र मोदी के नाम को नकार रही थी, वो आज उसको प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार मानने से इंकार नहीं कर रही, क्यूंकि भाजपा अब विपक्ष में बैठकर ऊब चुकी है, वो नहीं चाहती कि अगले कुछ साल फिर विपक्ष में बैठना पड़े। सुषमा स्वराज ने कहा है कि भाजपा के पास पीएम के बहुत सारे उम्मीदवार हैं, लेकिन यह भाजपा की कमजोरी नहीं, शक्ति है, जिस तरह सुषमा स्वराज ने लोक सभा में अपने भाषणों से भारतीय जनता पार्टी को आम जनता तक पहुंचाया, वो भाजपा के लिए काफी कारगार सिद्ध हो सकता है।
चलते चलते - मनमोहन सिंह को नैतिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्यूंकि देश की जनता एक सवाल को सुन सुन कर तंग आ गई, भले ही वो नहीं आए या फिर एक दमदार पीएम की भूमिका निभाएं, किसी परिवार सेवक की नहीं।
मनमोहन सिंह को एक दमदार पीएम की भूमिका निभाएं,
जवाब देंहटाएंrecent post: बात न करो,
कोई भी बने लेकिन कम से कम वो देश के बारे में सोचने वाला हो !!
जवाब देंहटाएंजो भी हो …
भ्रष्ट कांग्रेस का कुशासन भारत की जनता को फिर न झेलना पड़े…
इतना तो हो !
कुलवंत जी
अच्छी पोस्ट के लिए आभार !
शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार