आर्मी चीफ साइकिल से पहुंचे ऑफिस
-: वाईआरएन सर्विस :-
पड़ोसी देश नेपाल से ख़बर आ रही है कि वहां के सेना प्रमुख पर्यावरण की समस्याओं को लेकर इतना गम्भीर हैं, कि वो अपने दफ्तर तक सरकारी वाहन में न आकर अपने साइकिल द्वारा पहुंच रहे हैं।
सूत्रों की माने तो आर्मी चीफ गौरव शमशेर राणा आज शुक्रवार को अपने घर से आर्मी मुख्यालय भद्रकाली तक अपने साइकिल पर आए, जबकि आर्मी चीफ हमेशा कड़ी सुरक्षा के बीच आर्मी वाहन में सवार होकर ऑफिस पहुंचते थे।
ऐसा करने वाले अकेले आर्मी चीफ ही नहीं थे, बल्कि अन्य सीनियर ऑफिसरों ने भी कुछ तरह ऑफिस में आगमन किया, हालांकि कुछ अधिकारियों ने सार्वजनिक वाहनों का सहारा लिया। सूत्रों का कहना है कि हर शुक्रवार सेना अधिकारी कुछ इस तरह ऑफिस पहुंचेंगे।
द हिमालियन टाइम्स से बातचीत करते हुए आर्मी प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने कहा कि आर्मी की ओर से इस मुहिम को पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत शुरू किया गया है एवं अगर दूसरी तरफ देखा जाए तो इससे कहीं न कहीं सेहत अच्छी रहती है एवं पैसे की बचत होती है। इस दौरान जन संपर्क भी बढ़ता है, रास्ते में आते हुए हम को हमारे शुभ चिंतकों से मिलना भी हो जाता है। उम्मीद है कि आर्मी द्वारा शुरू की गई इस मुहिम से नेपाल वासी प्रभावित होंगे, और यह मुहिम एक बड़ा रूख ले सकती है।
पड़ोसी देश नेपाल से ख़बर आ रही है कि वहां के सेना प्रमुख पर्यावरण की समस्याओं को लेकर इतना गम्भीर हैं, कि वो अपने दफ्तर तक सरकारी वाहन में न आकर अपने साइकिल द्वारा पहुंच रहे हैं।
सूत्रों की माने तो आर्मी चीफ गौरव शमशेर राणा आज शुक्रवार को अपने घर से आर्मी मुख्यालय भद्रकाली तक अपने साइकिल पर आए, जबकि आर्मी चीफ हमेशा कड़ी सुरक्षा के बीच आर्मी वाहन में सवार होकर ऑफिस पहुंचते थे।
ऐसा करने वाले अकेले आर्मी चीफ ही नहीं थे, बल्कि अन्य सीनियर ऑफिसरों ने भी कुछ तरह ऑफिस में आगमन किया, हालांकि कुछ अधिकारियों ने सार्वजनिक वाहनों का सहारा लिया। सूत्रों का कहना है कि हर शुक्रवार सेना अधिकारी कुछ इस तरह ऑफिस पहुंचेंगे।
द हिमालियन टाइम्स से बातचीत करते हुए आर्मी प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने कहा कि आर्मी की ओर से इस मुहिम को पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत शुरू किया गया है एवं अगर दूसरी तरफ देखा जाए तो इससे कहीं न कहीं सेहत अच्छी रहती है एवं पैसे की बचत होती है। इस दौरान जन संपर्क भी बढ़ता है, रास्ते में आते हुए हम को हमारे शुभ चिंतकों से मिलना भी हो जाता है। उम्मीद है कि आर्मी द्वारा शुरू की गई इस मुहिम से नेपाल वासी प्रभावित होंगे, और यह मुहिम एक बड़ा रूख ले सकती है।
मैं तो बीते बीस साल से रोज ही साईकिल से जाता हूँ।
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