अब बलात्कारी भी होंगे ऑन लाइन !
#उलटी चप्पल
अगर आप बलात्कारियों से नरफत करते हैं, और आप उनकी सुपारी देना चाहते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी ख़बर है कि सरकार बहुत जल्द बलात्कारियों की वेबसाइट पर पूरी जानकारी डालेगी, जिसमें उनका नाम, फोटो एवं घरे के पते आदि शामिल होंगे। अभी तो फिलहाल गृह राज्यमंत्री आर पी एन सिंह ने राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो को इतना ही करने का निर्देश दिया है।
अगर गुप्त पूर्वानुमान कर्ताओं की मानें तो सरकार आने वाले समय में बलात्कारियों को जेलों में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट मुहैया करवाकर देगी एवं फेसबुक या अन्य सोशल साइट माहिरों से संपर्क कर एक अच्छी चैट एपिलकेशन का प्रबंध भी करेगी, ताकि बलात्कारी अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकें।
बलात्कार का शिकार हो चुकी युवतियां, महिलाएं एवं बच्चियां अपने पर कहर ढहाने वालों से बातचीत कर अपने मन की भड़ास निकाल सकें या फिर अपने घर पर लगे कम्प्यूटर की स्क्रीन पर उनको वीडियो चैट पर लेकर जूते आदि मार सकें।
सरकार ने यह कदम लोगों की पुरजोर आ रही मांग को देखते हुए उठाया है, जिसमें कहा जा रहा था, बलात्कारियों को सार्वजनिक करो, उनको सार्वजनिक सजा दो। शायद जो सरकार को समझ आया। सरकार ने वो ही कदम उठाया। अब बलात्कारियों को सार्वजनिक करने का इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है।
शायद सरकार को ऐसा लग रहा है कि जब भविष्य में उनकी चैट एप्लिकेशन ऑनलाइन हो जाएगी, तब कुछ शरारती तत्व जेलों में बंद कैदियों से चैट कर बलात्कार के तरीके सीखने के लिए पहुंच करने का प्रयास करेंगे, तो पुलिस उनको हादसे से पहले पकड़ लेगी।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार वेबसाइट को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए यू ट्यूब जैसे बड़े ब्रॉडकास्टिंग इंटरनेट बड़े धुरंधरों का सहारा लेकर जेल में खुशनुमा जिन्दगी काट रहे कैदियों से भी रूबरू करवा सकती है। इसके अलावा सरकार चाहे तो अधिक क्लिक पाने वाले वीडियो में शामिल कैदी को 15 अगस्त के दिन लाल किले पर सम्मानित कर उनको नए मिशन के लिए जेल से बाहर भेज सकती है।
अगर गुप्त पूर्वानुमान कर्ताओं की मानें तो सरकार आने वाले समय में बलात्कारियों को जेलों में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट मुहैया करवाकर देगी एवं फेसबुक या अन्य सोशल साइट माहिरों से संपर्क कर एक अच्छी चैट एपिलकेशन का प्रबंध भी करेगी, ताकि बलात्कारी अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकें।
बलात्कार का शिकार हो चुकी युवतियां, महिलाएं एवं बच्चियां अपने पर कहर ढहाने वालों से बातचीत कर अपने मन की भड़ास निकाल सकें या फिर अपने घर पर लगे कम्प्यूटर की स्क्रीन पर उनको वीडियो चैट पर लेकर जूते आदि मार सकें।
सरकार ने यह कदम लोगों की पुरजोर आ रही मांग को देखते हुए उठाया है, जिसमें कहा जा रहा था, बलात्कारियों को सार्वजनिक करो, उनको सार्वजनिक सजा दो। शायद जो सरकार को समझ आया। सरकार ने वो ही कदम उठाया। अब बलात्कारियों को सार्वजनिक करने का इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है।
शायद सरकार को ऐसा लग रहा है कि जब भविष्य में उनकी चैट एप्लिकेशन ऑनलाइन हो जाएगी, तब कुछ शरारती तत्व जेलों में बंद कैदियों से चैट कर बलात्कार के तरीके सीखने के लिए पहुंच करने का प्रयास करेंगे, तो पुलिस उनको हादसे से पहले पकड़ लेगी।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार वेबसाइट को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए यू ट्यूब जैसे बड़े ब्रॉडकास्टिंग इंटरनेट बड़े धुरंधरों का सहारा लेकर जेल में खुशनुमा जिन्दगी काट रहे कैदियों से भी रूबरू करवा सकती है। इसके अलावा सरकार चाहे तो अधिक क्लिक पाने वाले वीडियो में शामिल कैदी को 15 अगस्त के दिन लाल किले पर सम्मानित कर उनको नए मिशन के लिए जेल से बाहर भेज सकती है।
Having an online portal with such information would surely help curb this menace.
जवाब देंहटाएंthis is a great news!! everyone should know who they are.
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