सितार के जादूगर पंडित रविशंकर नहीं रहे
-: वाईआरएन सर्विस :-
फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर का अमरीका में निधन हो गया है। वो इस समय 92 वर्ष के थे।
भारत रत्न समेत विश्व के कई स्थापित पुरस्कारों से सम्मानित पंडित रविशंकर को पिछले दिनों साँस लेने में तकलीफ के चलते सैन डिएगो के स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और आज सुबह करीबन साढ़े चार बजे उनका निधन हो गया।
पंडित रविशंकर भारत के महान संगीतकार थे और भारतीय संगीत को पश्चिम में लोकप्रिय बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पश्चिमी देशों में भी वो काफी लोकप्रिय थे।
7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में पैदा हुए पंडित रविशंकर ने नृत्य के जरिए कला जगत में प्रवेश किया था, मगर 18 साल की उम्र में उन्होंने नृत्य छोड़कर सितार सीखना शुरू कर दिया। सितार के जादू से बँधे पंडित रविशंकर उस्ताद अलाउद्दीन खान से दीक्षा लेने मैहर पहुंचे और खुद को उनकी सेवा में समर्पित कर दिया।
फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर का अमरीका में निधन हो गया है। वो इस समय 92 वर्ष के थे।
भारत रत्न समेत विश्व के कई स्थापित पुरस्कारों से सम्मानित पंडित रविशंकर को पिछले दिनों साँस लेने में तकलीफ के चलते सैन डिएगो के स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और आज सुबह करीबन साढ़े चार बजे उनका निधन हो गया।
पंडित रविशंकर भारत के महान संगीतकार थे और भारतीय संगीत को पश्चिम में लोकप्रिय बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पश्चिमी देशों में भी वो काफी लोकप्रिय थे।
7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में पैदा हुए पंडित रविशंकर ने नृत्य के जरिए कला जगत में प्रवेश किया था, मगर 18 साल की उम्र में उन्होंने नृत्य छोड़कर सितार सीखना शुरू कर दिया। सितार के जादू से बँधे पंडित रविशंकर उस्ताद अलाउद्दीन खान से दीक्षा लेने मैहर पहुंचे और खुद को उनकी सेवा में समर्पित कर दिया।
ravishankar ji ko vinamr shrradhanjali!
जवाब देंहटाएं