पंजाबी पुत्र ''धर्मेंद्र'' हुए 77 साल के

-:  वार्इआरएन सर्विस :-
घरवालों के खिलाफ जाकर बॉलीवुड में कदम रखा। धीरे धीरे एक फलौदी छवि बनाई। एक्‍शन से कॉमेडी तक हर किरदार को अपने लाजवाब अभिनय जीवंत किया और आज भी निरंतर लगे हुए हैं, जब वो अपनी जिन्‍दगी के 78वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, जी हां, आज बात चल रही है बॉलीवुड के ही मैन धर्मेंद्र साहेब की।

कहते हैं कि एक समय था, जब उनको नौकरी के लिए 80 रुपए वेतन का ऑफर दिया गया था। इस ऑफर ने धर्मेंद्र को ही नहीं, बल्‍कि उनके बाबू जी को भी निराशा किया था। मगर धर्मेंद्र ने इस ऑफर को स्‍वीकार किया। कुछ दिनों बाद यह ऑफर तीन सौ रुपए महीने में बदल गया। मगर उनके बाबू जी ने उनको विदेश जाने से मना कर दिया, क्‍यूंकि वो आर्य समाज स्‍क्‍ूल में टीचर थे, वो नहीं चाहते थे कि उनका बेटा विदेशी रंग रूप में ढले। इस दौरान जल्‍दबाजी में धर्मेंद्र की शादी प्रकाश कौर से करवा दी गई, तब धर्मेंद्र की उम्र बहुत कम थी।
बॉलीवुड की ओर
शादी के बाद धर्मेंद्र स्‍थिर होना चाहते थे, ऐसे में वो किसी नई नौकरी की तलाश में थे, तभी उन्‍होंने फिल्‍मफेयर यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स के प्रतिभा चुनावों की घोषणा पढ़ी। इसको पढ़ने के बाद डरते डरते धर्मेंद्र ने अपना एक फोटो खिंचवाकर प्रतियोगिता से संबंधित पते पर भेज दिया। वहां से इंटरव्‍यू के लिए बुलावा भी आ गया, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्‍होंने धर्मेंद्र को कोई काम नहीं दिया। धर्मेंद्र के मन ऐसे में नकारात्‍मक विचार आने शुरू हो गए, वो थक चुका था और वो वापिस घर लौटना चाहता था।
आख़िर काम मिला
जब धर्मेंद्र वापसी की योजना बना रहे थे, तभी ''दिल भी तेरा, हम भी तेरे'' के लिए ऑफर मिला। इसके बाद उनको विमल दा ने अपनी फिल्‍म बंदिनी के लिए बुलाया, मगर बंदिनी के रिलीज होने से पहले धर्मेंद्र के पास काफी सारी फिल्‍में आ गई थी, और बंदिनी के बनते बनते तो धर्मेंद्र के पास अच्‍छी कमाई का बंदोबस्‍त हो गया था। धर्मेंद्र की फिल्में लगातार बॉक्‍स ऑफिस पर पिट रही थी स्‍थिति ऐसी कि कोई उनकी फिल्‍म खरीदने के लिए तैयार न हो। मगर करीबन कैरियर शुरू होने के छह साल बाद आई ''फूल और पत्‍थर'' ने धर्मेंद्र के कैरियर को उड़ान दी। इसके बाद धर्मेंद्र ने 90 के दशक बॉलीवुड पर अपना खूब रौब जमा, मगर 1997 के बाद उनकी 
फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर पिटने लगी, फिल्‍मों के नाम पुरानी फिल्‍मों जैसे थे।

फिर उठा कैरियर ग्राफ
करीबन दस साल बाद 2007 में आई मैट्रो ने धर्मेंद्र के लिए मॉर्डन सिनेमा के लिए रास्‍ते खोल दिए। मैट्रो के बाद धर्मेंद्र की अपने, जॉनी गद्दार, यमला पगला दीवाना जैसी कई हिट फिल्‍में आई। अब उनकी आने वाली फिल्‍मों में मास्‍टर्स, यममा पगला दीवाना 2, चीर्स सेलिब्रेट लाइफ, इश्‍क के मारे आदि शुमार हैं, लेकिन इन फिल्‍मों में वो अपने बेटों के साथ अभिनय करते हुए नजर आएंगे।

अफसोस
उनकी फिल्‍में आज भी दर्शकों को खूब भाती हैं, लेकिन धर्मेंद्र और उनके सिने प्रेमियों को इस बात का अक्‍सर कहीं न कहीं अफसोस रहा है कि बॉलीवुड के कलाकारों को पुरस्‍कारों से नवाजित करने वाली संस्‍थाओं ने हमेशा ही धर्मेंद्र को नजरंदाज किया है। ऐसा अफसोस केवल धर्मेंद्र को ही नहीं, बॉलीवुड के और भी कई सितारों को है। अभी अभी पिछले दिनों गुरू फिल्‍म के लिए अभिषेक बच्‍चन को पुरस्‍कृत न करने के लिए अमिताभ बच्‍चन ने भी अपना रोष जाहिर किया था। अब उनकी झोली में पदम भूषण से लेकर लाइफ अचीवमेंट अवार्ड तक काफी सारे पुरस्‍कार हैं, लेकिन जब वो सज धज कर जाते थे, जब पुरस्‍कारों से उनके कैरियर को रफ्तार मिलनी थी, तब नहीं मिले।


मीना कुमार अफेयर्स
जब धर्मेंद्र का करियर कुछ खास नहीं चल रहा था और मीना कुमारी की फिल्में एक के बाद एक हिट हो रही थीं। इस दौरान मीना कुमारी ने धर्मेंद्र के साथ फूल और पत्‍थर जैसी सुपरहिट फिल्‍म गई, और इसके बाद धर्मेंद्र का सितारा इतना बुलंद हुआ कि मीना कुमारी बहुत पीछे रह गई थी, कहते हैं कि मीना कुमारी धर्मेंद्र को प्‍यार करने लगी थी, मगर धर्मेंद्र से दूरी का सदमा बर्दाशत न कर सकी। शराब पीने लगी। शराब इतनी पीने लगी कि अंत एक घातक बीमारी का शिकार हो गई एवं 1972 में बॉलीवुड को सदा के लिए छोड़कर चली गई। उधर, 1975 में आई शोले हिट होने के बाद इस्‍लाम धर्म को अपनाते हुए धर्मेंद्र ने हेमामालिनी से शादी कर ली।

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