ऑस्कर से 42वीं भारतीय फिल्म रिजेक्टेड
-: वाईआरएन सर्विस :-
बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ रुपए से अधिक कलेक्शन करने वाली एवं समीक्षकों के मुंह से वाह वाही लूटने वाली रणबीर कपूर एवं प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म ऑस्कर की दौड़ में शामिल नहीं हो सकी। भारत द्वारा ऑस्कर के लिए भेजी गई 45 फिल्मों में से केवल तीन को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया, बाकी सब फिल्मों के लिए भारत को न सुनने को मिली।
भारत ने ऑस्कर की ''उत्तम फिल्म विदेश भाषा'' श्रेणी के लिए पहली बार मदर इंडिया को 1957 में भेजा गया, जो ऑस्कर के लिए नामित हुई एवं अंत एक इटालियन फिल्म ले नॉटी दी कैबीरिया से केवल एक वोट के अंतर से हारी।
इसके बाद भारत इस पुरस्कार के लिए किसी साल फिल्म भेजता और किसी साल न भेजता। यह सिलसिला करीबन 1984 तक चला। इसके बाद केवल 2003 को छोड़कर भारत ऑस्कर पुरस्कार के लिए निरंतर फिल्में भेज रहा है।
भारत अब तक इस पुरस्कार के लिए करीबन 45 फिल्में भेजा चुका है, जिसमें 30 हिन्दी फिल्में हैं, बाकी अन्य क्षेत्रिय भाषाओं से चुनी गई फिल्में हैं। अगर हिन्दी सिनेमा की बात करें तो सुनील दत्त व आमिर ख़ान ऐसे सितारे हैं, जिनकी सबसे अधिक फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गई, लेकिन दोनों सितारों की केवल एक-एक फिल्म को ऑस्कर ने स्वीकार किया, जिसमें सुनील दत्त की मदर इंडिया और आमिर ख़ान की लगान। ज्ञात रहे कि आमिर ख़ान की चार एवं सुनील दत्त की तीन फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गई थीं।
बर्फी के रणबीर कपूर से पहले उनके पिता ऋषि कपूर भी सागर एवं हीना फिल्म के लिए ऑस्कर की दौड़ में शामिल होते होते दो बार रह चुके हैं।
अब तक भारत की ओर से भेजी गई हिन्दी फिल्में - सुनील दत्त की मदर इंडिया, अमरपाली व रेशमा और शेरा, दिलीप कुमार की मधुमति, गुरू दत्त की बीवी साहेब और गुलाम, देव आनंद की गाइड, जया बच्चन की उपहार, अमिताभ बच्चन की सौदागर व एकलव्य, स्मिता पाटिल की मंथन, संजीव कुमार की सतरंज के खिलाड़ी, राजेश खन्ना की आख़िरी ख़त, धर्मेंद्र की मझली दीदी, अनुपम खेर की सारांश, ऋषि कपूर की सागर व हीना, अनिल कपूर-जैकी श्रॉफ की परिंदा, डिम्पल कपाडिया की रूदाली, सीमा बिश्वास की बैंडिट क्वीन, आमिर ख़ान की अर्थ, लगान, रंग दे बंसती, तारे जमीं पर, कमल हसन की हे राम, शाहरुख की देवदास व पहेली।
जो तीन नॉमित हुई, लेकिन विजय नहीं, उनमें शामिल हैं मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान।
बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ रुपए से अधिक कलेक्शन करने वाली एवं समीक्षकों के मुंह से वाह वाही लूटने वाली रणबीर कपूर एवं प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म ऑस्कर की दौड़ में शामिल नहीं हो सकी। भारत द्वारा ऑस्कर के लिए भेजी गई 45 फिल्मों में से केवल तीन को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया, बाकी सब फिल्मों के लिए भारत को न सुनने को मिली।
भारत ने ऑस्कर की ''उत्तम फिल्म विदेश भाषा'' श्रेणी के लिए पहली बार मदर इंडिया को 1957 में भेजा गया, जो ऑस्कर के लिए नामित हुई एवं अंत एक इटालियन फिल्म ले नॉटी दी कैबीरिया से केवल एक वोट के अंतर से हारी।
इसके बाद भारत इस पुरस्कार के लिए किसी साल फिल्म भेजता और किसी साल न भेजता। यह सिलसिला करीबन 1984 तक चला। इसके बाद केवल 2003 को छोड़कर भारत ऑस्कर पुरस्कार के लिए निरंतर फिल्में भेज रहा है।
भारत अब तक इस पुरस्कार के लिए करीबन 45 फिल्में भेजा चुका है, जिसमें 30 हिन्दी फिल्में हैं, बाकी अन्य क्षेत्रिय भाषाओं से चुनी गई फिल्में हैं। अगर हिन्दी सिनेमा की बात करें तो सुनील दत्त व आमिर ख़ान ऐसे सितारे हैं, जिनकी सबसे अधिक फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गई, लेकिन दोनों सितारों की केवल एक-एक फिल्म को ऑस्कर ने स्वीकार किया, जिसमें सुनील दत्त की मदर इंडिया और आमिर ख़ान की लगान। ज्ञात रहे कि आमिर ख़ान की चार एवं सुनील दत्त की तीन फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गई थीं।
बर्फी के रणबीर कपूर से पहले उनके पिता ऋषि कपूर भी सागर एवं हीना फिल्म के लिए ऑस्कर की दौड़ में शामिल होते होते दो बार रह चुके हैं।
अब तक भारत की ओर से भेजी गई हिन्दी फिल्में - सुनील दत्त की मदर इंडिया, अमरपाली व रेशमा और शेरा, दिलीप कुमार की मधुमति, गुरू दत्त की बीवी साहेब और गुलाम, देव आनंद की गाइड, जया बच्चन की उपहार, अमिताभ बच्चन की सौदागर व एकलव्य, स्मिता पाटिल की मंथन, संजीव कुमार की सतरंज के खिलाड़ी, राजेश खन्ना की आख़िरी ख़त, धर्मेंद्र की मझली दीदी, अनुपम खेर की सारांश, ऋषि कपूर की सागर व हीना, अनिल कपूर-जैकी श्रॉफ की परिंदा, डिम्पल कपाडिया की रूदाली, सीमा बिश्वास की बैंडिट क्वीन, आमिर ख़ान की अर्थ, लगान, रंग दे बंसती, तारे जमीं पर, कमल हसन की हे राम, शाहरुख की देवदास व पहेली।
जो तीन नॉमित हुई, लेकिन विजय नहीं, उनमें शामिल हैं मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान।
बर्फी के बाहर होने के बाद ऑस्ट्रिया की अमोर, कनाडा की वर विच, चाइल की नो, डेनमॉर्क की ए रॉयल अफेयर, फ्रांस की द इनटॉचेबल, आइलैंड की द डीप, नॉर्वे की कोन टिकी, रोमानिया की बेयोंड द हिल्स, स्विस की सिस्टर दौड़ में शामिल हैं। इनमें से भी फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा एवं अंतिम पांच की घोषणा दस जनवरी को की जाएगी।
क्या बात है कुलवंत जी आपके ब्लॉग का नाम है युवा सोच युवा ख्यालात पर क्या आज का युवा वास्तव में केवल फिल्मों तक व् नेताओं व् अभिनेताओं तक ही सीमित है आपकी लेखनी में दम है इसके माध्यम से कुछ भारतीय समाज का कल्याण भी कीजिये .सार्थक अभिव्यक्ति भारतीय भूमि के रत्न चौधरी चरण सिंह
जवाब देंहटाएंशालिनी कौशिक जी, आप देखें मेरे ब्लॉग ज्यादातर आलेख ज्वंलत मुद्दों पर हैं, समाचार को इसलिए साथ में शुरू किया कि अधिक से अधिक लोग आएं, एवं हम जो समाज को कहना चाहते हैं तो कहें तो अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
हटाएंशानदार लेखन, बधाई !!!
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