हैप्पी अभिनंदन में बीएस पाबला
हैप्पी अभिनंदन में आप और मैं हर बार किसी न किसी नए ब्लॉगर से मिलते हैं और जानते हैं उनके दिल की बातें। इस बार हमारे बीच जो ब्लॉगर हस्ती है, वो किसी पहचान की मोहताज तो नहीं, लेकिन सम्मान की हकदार जरूर है। आज किसका जन्मदिन (हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन ) है और आज कौन सा ब्लॉगर साथी किस अखबार में छाया हुआ है आदि की जानकारी मुहैया करवाने वाली इस ब्लॉगर हस्ती को हम जिन्दगी के मेले, कल की दुनिया, बुखार ब्लॉग, इंटरनेट से आमदनी, पंजाब दी खुशबू आदि ब्लॉगों पर भी अलग अलग रूप में हुए देखते हैं। युवा सोच युवा खयालात की ओर से मेहनती ब्लॉगर 2009 पुरस्कार हासिल करने वाले ब्लॉग प्रिंट मीडिया पर ब्लॉगचर्चा के संचालक बीएस पाबला से हुई ई-मेल के मार्फत एक विशेष बातचीत के मुख्य अंश :-
कुलवंत हैप्पी : आपके बहुत सारे ब्लॉग हैं, आप इनको नियमित अपडेट कैसे कर पाते हैं? क्या आपके पास जादू की छड़ी है?
बीएस पाबला : जादू की छड़ी तो नहीं है, लेकिन जुनून और सनक अवश्य है। जिस तारीख में सोता हूँ, उसी तारीख में उठ भी जाता हूँ और दिन में सोने के लिए तो नहीं जाता बिस्तर पर!
कुलवंत हैप्पी : आप कम्प्यूटर तकनीक में काफी दक्षता रखते हैं, कोई विशेष रुचि के कारण या फिर ऐसे ही सिखते सिखते सीखे?
बीएस पाबला : यह बता दूँ कि मैं कम्प्यूटर तकनीक में दक्ष नहीं हूँ। बस यूँ ही तोड़-फोड़ कर लेता हूँ। जैसे किसी बच्चे को कोई खिलौना मिल जाए तो उसे तोड़ कर देखे कि इसमें आखिर है क्या? रूचि तो बचपन से है ऐसी तकनीकों में।
कुलवंत हैप्पी : आप पत्रकार भी रह चुके हैं, और अब शानदार ब्लॉगर हैं। पत्रकारिता और ब्लॉगिंग दुनिया में से कौन सी दुनिया ज्यादा अच्छी लगी?
बीएस पाबला : निश्चित तौर पर ब्लॉगिंग की दुनिया ज्यादा अच्छी है।
कुलवंत हैप्पी : कौन से अखबार में कौन सा ब्लॉगर छाया हुआ है, कैसे पता लगा लेते हैं और इस ब्लॉग को शुरू करने का ख्याल कहां आया?
बीएस पाबला : बहुतेरे अखबारों के नियमित स्तंभ हैं। उनके ऑनलाईन संस्करण यदि मौजूद हो तो खबर वहाँ से लग जाती है। कई ब्लॉगर साथी भी जानकारियाँ देते रहते हैं। मेरे ब्लॉग जिन्दगी के मेले का जिक्र एक बार हुआ था प्रिंट मीडिया में। उसे तलाशने की मारामारी में ही इस ब्लॉग का ख्याल आया।
कुलवंत हैप्पी : छत्तीसगढ़ में ब्लॉगर्स संगठन बनाने के चर्चे भी सुनने में आ रहे हैं तो आप उसमें कौन सा पद लेने वाले हैं? पाठक जन जानने के लिए उत्सुक है।
बीएस पाबला : बड़े-बुजुर्ग कहते रहे हैं कि जो मजा देने में है वह मज़ा लेने में नहीं। बस इसी बात का खयाल रखता आया हूँ अभी तक। फिर बात चाहे किसी पद की हो या तनाव की :-)
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगर्स के जन्मदिन पर आधारित ब्लॉग आपका शानदार यत्न है, इसका ख्याल कैसे दिमाग में आया?
बीएस पाबला: वास्तविक जीवन में मेरा यह मानना रहा है कि आजकल की आपाधापी वाली दिनचर्या में किसी को उसके महत्वपूर्ण समय पर उचित बधाई देना आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करता है। बस इसी भावना को मैं अपने ब्लॉगर साथियों से सांझा करता हूँ।
कुलवंत हैप्पी : आप ज्वलत मुद्दों पर कलम क्यों नहीं घसीटते ? जैसे कि कुछ ब्लॉगर्स करते हैं।
बीएस पाबला : ज्वलंत? माने ज्वलनशील!! भई जो मुद्दा वैसे ही आग लगा देने में सक्षम हो, तो उसकी बात कर होम करते हाथ क्यों जलाऊँ मैं? और वैसे भी मेरा व्यक्तिगत मत है कि केवल लिखने से कुछ नहीं होगा। लिखा तो हमारे पुराणों, ग्रंथों, स्कूल-कॉलेज की किताबों, संविधान में बहुत कुछ गया है। पालन कौन करता है, मानता कौन है
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगर्स कभी कभी आपस में उलझ जाते हैं, ऐसे स्थिति में आपकी क्या राय है?
बीएस पाबला : इसका कारण पूर्वाग्रह हो सकता है या किसी विशिष्ट घटना का प्रभाव। वैसे भी, ऐसे मौकों पर जब बात की जाती है तो उसकी पृष्ठभूमि में, विषय से हटकर, किसी अन्य संदर्भ में, अवचेतन रूख की प्रतिध्वनि ही होती है।
कुलवंत हैप्पी : वो बात, किस्सा एवं अन्य घटना जो दिल के बहुत करीब हो, उसको हमारे साथ शेयर करें।
बीएस पाबला : जिन्दगी के मेले में आते रहिए! जो बीत चुका वह शेयर हो चुका, बाकी भविष्य में होगा।
कुलवंत हैप्पी : आपके ब्लॉग पर बहुत सारे विज्ञापन देखने को मिलते हैं, क्या इनसे आपको कमाई होती है या नहीं।
बीएस पाबला : इसका जवाब बस चार शब्दों में- "इनसे कमाई होती है"
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगिंग में आपके साथ घटी कोई घटना जिससे आपको परेशानी हुई हो?
बीएस पाबला : अभी तक तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
चक्क दे फट्टे : दैनिक समाचार पत्र में शरद पवार का बयान 'मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूँ' पढ़ने के बाद ज्योतिषी शाम लाल की पत्नि तुरंत बोली 'जी महंगाई कब तक कम हो गई'?। ज्योतिषी शाम लाल ने झुंझलाहट में जवाब दिया 'मैं कोई मंत्री नहीं'।
कुलवंत हैप्पी : आपके बहुत सारे ब्लॉग हैं, आप इनको नियमित अपडेट कैसे कर पाते हैं? क्या आपके पास जादू की छड़ी है?
बीएस पाबला : जादू की छड़ी तो नहीं है, लेकिन जुनून और सनक अवश्य है। जिस तारीख में सोता हूँ, उसी तारीख में उठ भी जाता हूँ और दिन में सोने के लिए तो नहीं जाता बिस्तर पर!
कुलवंत हैप्पी : आप कम्प्यूटर तकनीक में काफी दक्षता रखते हैं, कोई विशेष रुचि के कारण या फिर ऐसे ही सिखते सिखते सीखे?
बीएस पाबला : यह बता दूँ कि मैं कम्प्यूटर तकनीक में दक्ष नहीं हूँ। बस यूँ ही तोड़-फोड़ कर लेता हूँ। जैसे किसी बच्चे को कोई खिलौना मिल जाए तो उसे तोड़ कर देखे कि इसमें आखिर है क्या? रूचि तो बचपन से है ऐसी तकनीकों में।
कुलवंत हैप्पी : आप पत्रकार भी रह चुके हैं, और अब शानदार ब्लॉगर हैं। पत्रकारिता और ब्लॉगिंग दुनिया में से कौन सी दुनिया ज्यादा अच्छी लगी?
बीएस पाबला : निश्चित तौर पर ब्लॉगिंग की दुनिया ज्यादा अच्छी है।
कुलवंत हैप्पी : कौन से अखबार में कौन सा ब्लॉगर छाया हुआ है, कैसे पता लगा लेते हैं और इस ब्लॉग को शुरू करने का ख्याल कहां आया?
बीएस पाबला : बहुतेरे अखबारों के नियमित स्तंभ हैं। उनके ऑनलाईन संस्करण यदि मौजूद हो तो खबर वहाँ से लग जाती है। कई ब्लॉगर साथी भी जानकारियाँ देते रहते हैं। मेरे ब्लॉग जिन्दगी के मेले का जिक्र एक बार हुआ था प्रिंट मीडिया में। उसे तलाशने की मारामारी में ही इस ब्लॉग का ख्याल आया।
कुलवंत हैप्पी : छत्तीसगढ़ में ब्लॉगर्स संगठन बनाने के चर्चे भी सुनने में आ रहे हैं तो आप उसमें कौन सा पद लेने वाले हैं? पाठक जन जानने के लिए उत्सुक है।
बीएस पाबला : बड़े-बुजुर्ग कहते रहे हैं कि जो मजा देने में है वह मज़ा लेने में नहीं। बस इसी बात का खयाल रखता आया हूँ अभी तक। फिर बात चाहे किसी पद की हो या तनाव की :-)
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगर्स के जन्मदिन पर आधारित ब्लॉग आपका शानदार यत्न है, इसका ख्याल कैसे दिमाग में आया?
बीएस पाबला: वास्तविक जीवन में मेरा यह मानना रहा है कि आजकल की आपाधापी वाली दिनचर्या में किसी को उसके महत्वपूर्ण समय पर उचित बधाई देना आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करता है। बस इसी भावना को मैं अपने ब्लॉगर साथियों से सांझा करता हूँ।
कुलवंत हैप्पी : आप ज्वलत मुद्दों पर कलम क्यों नहीं घसीटते ? जैसे कि कुछ ब्लॉगर्स करते हैं।
बीएस पाबला : ज्वलंत? माने ज्वलनशील!! भई जो मुद्दा वैसे ही आग लगा देने में सक्षम हो, तो उसकी बात कर होम करते हाथ क्यों जलाऊँ मैं? और वैसे भी मेरा व्यक्तिगत मत है कि केवल लिखने से कुछ नहीं होगा। लिखा तो हमारे पुराणों, ग्रंथों, स्कूल-कॉलेज की किताबों, संविधान में बहुत कुछ गया है। पालन कौन करता है, मानता कौन है
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगर्स कभी कभी आपस में उलझ जाते हैं, ऐसे स्थिति में आपकी क्या राय है?
बीएस पाबला : इसका कारण पूर्वाग्रह हो सकता है या किसी विशिष्ट घटना का प्रभाव। वैसे भी, ऐसे मौकों पर जब बात की जाती है तो उसकी पृष्ठभूमि में, विषय से हटकर, किसी अन्य संदर्भ में, अवचेतन रूख की प्रतिध्वनि ही होती है।
कुलवंत हैप्पी : वो बात, किस्सा एवं अन्य घटना जो दिल के बहुत करीब हो, उसको हमारे साथ शेयर करें।
बीएस पाबला : जिन्दगी के मेले में आते रहिए! जो बीत चुका वह शेयर हो चुका, बाकी भविष्य में होगा।
कुलवंत हैप्पी : आपके ब्लॉग पर बहुत सारे विज्ञापन देखने को मिलते हैं, क्या इनसे आपको कमाई होती है या नहीं।
बीएस पाबला : इसका जवाब बस चार शब्दों में- "इनसे कमाई होती है"
कुलवंत हैप्पी : ब्लॉगिंग में आपके साथ घटी कोई घटना जिससे आपको परेशानी हुई हो?
बीएस पाबला : अभी तक तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
चक्क दे फट्टे : दैनिक समाचार पत्र में शरद पवार का बयान 'मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूँ' पढ़ने के बाद ज्योतिषी शाम लाल की पत्नि तुरंत बोली 'जी महंगाई कब तक कम हो गई'?। ज्योतिषी शाम लाल ने झुंझलाहट में जवाब दिया 'मैं कोई मंत्री नहीं'।
ब्लॉग जगत में पाबला जी की मेहनत काबिले तारीफ है .. उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा .. ऐसे ही अन्य ब्लोगरों से परिचय कराते रहे .. शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंपावला जी बधाईयाँ जी बधाईंयाँ
जवाब देंहटाएंबोले सो निहाल
सति श्री अकाल
पाबला जी को सलाम! और आप को भी!
जवाब देंहटाएंपावला जी और कुलवन्त दोनो को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकुलवंत भाई , हैप्पी अभिनंदन बहुत ही नायाब और अनूठा विचार है । आपको बधाई । यकीनन पाबला जी की ब्लोग्गिंग और वे खुद किसी अजूबे से कम नहीं हैं । हम तो उनके फ़ैन हैं , और खुशी की बात है कि उनके करीबी लोगों में हमारा भी नाम आता है ।
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
कुलवंत जी ब्लॉग जगत के सच्चे सिपाही से मिलकर बहुत खुशी हुई...पाबला जी ऐसे व्यक्ति है जिन्होने प्रिंट मीडीया में ब्लॉग्स को और लोकप्रिय बनाया..धन्यवाद कुलवंत जी
जवाब देंहटाएंपाबला जी से यहाँ मिलना सुखद रहा. आपका आभार!!
जवाब देंहटाएं@ विनोद कुमार पांडेय
जवाब देंहटाएंभतीजे वैसे ब्लॉगिंग की दुनिया में प्रिंट मीडिया को भी लोकप्रिय बनाने का श्रेय पाबला जी को ही जाता है।
वो बात अलग है कि वे तनाव भी लेते नहीं देते ही हैं, उन्होंने खुद स्वीकारा है। ब्लॉगिंग-विश्व वास्तव में खूब मजेदार और आत्मीयता से परिपूर्ण है, मैं इस बात से इत्तेफाक रखता हूं। पर कहां रखता हूं, जरूर मन में ही रखता हूं। आप भी मन में ही रखिए।
हैप्पी अभिनंदन, हैप्पी ब्लॉगिंग कहिये।
Namaste ji
जवाब देंहटाएंapaka blag dekh kar khushi hui
हरदिल अज़ीज़ पाबला जी ने हिन्दी ब्लोगजगत के लिए बहुत कुछ किया है... उनके बारे में और अधिक जान कर अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंअपनी कुछ बातें यहाँ कह सकने का मौका दिए जाने हेतु कुलवन्त जी को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआप सभी शुभचिंतकों का आभार
स्नेह बनाए रखिएगा
पावला जी बधाईयाँ!
जवाब देंहटाएंपाबला जी को सलाम!
जवाब देंहटाएं