मैं अकेला नहीं चलता
मैं अकेला नहीं चलता,
साथ सवालों के काफिले चलते हैं।
होती हैं ढेरों बातें मन में
खुली आंखों में भी ख्वाब पलते हैं।
मन के आंगन में अक्सर
उमंगों के सूर्या उदय हो ढलते हैं।
करता हूं बातें जब खुद से
कहकर पागल लोग निकलते हैं।
वो क्या जाने दिल समद्र में
कितने लहरों से ख्याल मचलते हैं।
हर इंसान खुद में तनहा खुद के सवालों से उलझा ...!!
जवाब देंहटाएंचल अकेला, चल अकेला...
जवाब देंहटाएंतेरा मेला पीछे छूटा राही...
चल अकेला...
हज़ारो मील लंबे रास्ते...
तेरी राह जोतते...
बिछौना धरती को कर ले...
सिर पे आकाश ओढ़ ले...
जय हिंद...
सवालों के पीछे जवाब भी आयेंगे ..चलते रहिये चलना ही ज़िन्दगी है । कविता में कुछ अनावश्यक शब्द है एक बार और तराशिये ।
जवाब देंहटाएंशरद कोकास जी टिक मार्क कर जाते गरीब का भला हो जाता है। वैसे धन्यवाद। मुझे भी कुछ लग रहा था, वैसे पहले से तो बहुत चेंज किया है।
जवाब देंहटाएंहोती हैं ढेरों बातें मन में
जवाब देंहटाएंखुली आंखों में भी ख्वाब पलते हैं।
मन के आंगन में अक्सर
उमंगों के सूर्या उदय हो ढलते हैं।
बहुत सुन्दर !
मैं अकेला नहीं चलता,
जवाब देंहटाएंसाथ सवालों के काफिले चलते हैं
सुन्दर और इसी पर मेरी एक गज़ल से कुछ शेर
काट लिये थे पंख चाहे, ले उडान ऊँची चले थे
यूँ चले हिम्मत बना कर मंजिलों से फिर मिले थे
जलजलों का दौर था जब अपनों ने साथ छोडा
यूँ अकेले हम नहीं थे दर्द के कुछ काफिले थे
ज़िन्दगी खुद एक सवाल है बस चले चलो इन्हें हल करते हुये आशीर्वाद्
संस्कृत में कहा जाता है कि चैरैवती-चैरैवती ... मतलब कि... चलते रहो .....चलते रहो.....
जवाब देंहटाएंसुंदर ऐनिमेटेड फोटो के साथ सुंदर रचना......
होती हैं ढेरों बातें मन में
जवाब देंहटाएंखुली आंखों में भी ख्वाब पलते हैं।
जब युवा सोच और ख्यालात है तो फिर किस बात का अकेलापन..अपने आप में ही एक पूरा संसार होता है..
बहुत बढ़िया रचना..धन्यवाद भाई
wonderful creation :)
जवाब देंहटाएंkeep it up!
बहुत अच्छी रचना!
जवाब देंहटाएंbahut khoob .......
जवाब देंहटाएंbahut khoob .......
जवाब देंहटाएंकुछ तो लोग कहेंगे......
जवाब देंहटाएंलोगो का काम है कहना......
सुंदर रचना....
वाह! कुलदीप भाई..बहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंचल अकेला, चल अकेला...
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