सात खून माफ फिल्म से पूर्व मैंने फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज की शायद अब तक कोई फिल्म नहीं देखी, लेकिन फिल्म समीक्षकों की समीक्षाएं अक्सर पढ़ी हैं, जो विशाल भारद्वाज की पीठ थपथपाती हुई ही मिली हैं। इस वजह से सात खून माफ देखने की उत्सुकता बनी, लेकिन मुझे इसमें कुछ खास बात नजर नहीं आई, कोई शक नहीं कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म ने बॉक्स आफिस पर अच्छी कमाई की, फिल्म कमाई करती भी क्यों न, आखिर सेक्स भरपूर फिल्म जो ठहरी, ऐसी फिल्म कोई घर लाकर कॉमन रूम में बैठकर देखने की बजाय सिनेमा घर जाकर देखना पसंद करेगा। मेरी दृष्टि से तो फिल्म पूरी तरह निराश करती है, मैंने समाचार पत्रों में रस्किन बांड को पढ़ा है, और उनका फैन भी बन गया, मुझे नहीं लगता उनकी कहानी इतनी बोर करती होगी। कुछ फिल्म समीक्षक लिख रहे हैं कि फिल्म बेहतरीन है, लेकिन कौन से पक्ष से बेहतरीन है, अभिनय के पक्ष से, अगर वो हां कहते हैं तो मैं कहता हूं एक कलाकार का नाम बताए, जिसको अभिनय करने का मौका मिला। अगर निर्देशन पक्ष की बात की जाए, जिसके कारण फिल्म की सफलता का श्रेय विशाल भारद्वाज को जाता है, ल
सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंजैक एंड जिलवा वैंट अप द हिलवा, पनिया भरन के वास्ते वाले स्टाइल में...
जवाब देंहटाएंमेरा पतंगवा, गया हाई राइस असमनवा,
दूसरों की पतंगिया कटिंग के वास्ते...
जय हिंद...
मस्त लगे
जवाब देंहटाएंहवा में झूमे
देख किसी
परी को घूमे
( परी-स्त्री पतंग)
न घबराए,
जानबुझ जाए
पेचा लगाए
उसके संगवा
मेरा पतंगवा
वाह बेटा तुम्हारा पतंगवा तो कमाल का ऊड रहा है । सुन्दर रचना बधाईयाँ
बहुत खूब भाई , ये अन्दाज भी खूब भायी ।
जवाब देंहटाएंbahut sunder
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