मिस्र को किस तोड़ पर ले आई 'क्रांति'
फरवरी 2011, जब देश की जनता ने तत्कालीन राष्ट्रपति मुबारक हुस्नी को पद से उतारते हुए तहरीर चौंक पर आजादी का जश्न मनाया था, तब शायद उसको इस बात का अहसास तक न हुआ होगा कि आने वाले साल उसके लिए किस तरह का भविष्य लेकर आएंगे। आज मिस्र गृह युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। वहां पर सेना और मुर्सी समर्थक आमने सामने हैं, क्यूंकि गणतांत्रिक तरीक़े से चुने हुए मिस्र के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सेना ने निरंतर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण तीन जुलाई को सत्ता से बेदख़ल कर दिया था। काहिरा की एक मस्जिद के चारों तरफ सेना का पहरा है तो अंदर एक रात से कैद हैं मुर्सी समर्थक। सरकारी आंकड़ों की माने तो वहां पर अब तक केवल 700 के आस पास लोग मरे हैं, हालांकि मुस्लिम ब्रदर्सहुड पार्टी का दावा है कि वहां पर मरने वालों की संख्या 2000 से अधिक हो चुकी है, और घायलों की संख्या 5000 के आंकड़े को पार कर चुकी है।
मिस्र में फैली अशांति से न केवल लोगों की जान के लिए बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए भी ख़तरा पैदा हो गया है। देश भर में फैली अशांति का अनुचित्त लाभ उठाते हुए कुछ दंगाइयों ने ईसाई गिरजों को जलाना शुरू कर दिया है। उन्होंने सिकन्दरिया में स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय को लूटने का प्रयास भी किया है। लेकिन इस बार पुलिस उन्हें पीछे धकेलने में सफल रही। इस नेक काम में कुछ आम नागरिकों ने भी पुलिस का हाथ बंटाया था।
वहीं, दूसरी तरफ ब्रिटेन ने मिस्र में फंसे अपने 40 हजार से अधिक सैलानियों को अपने अपने होटलों से बाहर निकलने से मना कर दिया है। ब्रिटेन के सबसे ज्यादा नागरिक बीच वाले शहरों में फंसे हुए हैं। वहीं जर्मन ने भी अपने सैलानियों को चेताया है। कुछ यूरोपीय देशों और रूस ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे मिस्र की यात्रा करने से परहेज़ करें। उधर, मिस्र जानेवाले पर्यटकों की संख्या में हुई भारी कमी के कारण इस देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।
रूसी रेडियो के मुताबिक मिस्र की अर्थव्यवस्था के विकास लिए तीन बातें अति महत्वपूर्ण हैं। ये तीन बातें हैं- पर्यटन , स्वेज़ नहर से मिलनेवाला राजस्व और विदेशों में, विशेष रूप से खाड़ी देशों में, काम करनेवाले मिस्रवासियों द्वारा अपने देश में भेजा जाता पैसा। मिस्र में पर्यटन का संबंध सिर्फ़ होटलों आदि में काम करनेवाले लोगों के जीवन से ही नहीं है। मिस्र में पर्यटन लाखों लोगों को रोज़गार देता है। इसलिए, मिस्र के निवासियों के लिए पर्यटन अति महत्वपूर्ण पहलू है और यही मिस्र की अर्थव्यवस्था का प्रमुख घटक है।
जहां एक तरफ मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी ने देशव्यापी मार्च मिलियन्स मार्च ऑफ एंगर का आयोजन करने का ऐलान किया, वहीं दूसरी तरफ सैन्य ने चेताया है कि अगर किसी भी सरकारी इमारत को नुकसान पहुंचाया गया तो रबर बुलेट और आंसु गैसी गोलों की जगह असली बुलेट का इस्तेमाल किया जाएगा। मुर्सी को हटाए जाने के बाद शुरू हुए गृह युद्ध के कारण मिस्र की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है।
उधर, अपदस्थ राष्ट्रपति मोर्सी के विरोधी संगठन 'नेश्नल सैलवेशन फ़्रंट' और 'तमरूद' ने भी मुस्लिम ब्रदरहुड के विरोध में प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। पूरे मिस्र में अपने पड़ोसियों और गिरजाघरों की सुरक्षा के लिए भी अपील की गई है। कॉप्टिक ईसाइयों ने मोर्सी के बेदख़ल किए जाने का समर्थन किया है। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि ईसाई लोग भी हिंसा के शिकार बनाए जा सकते हैं। सऊदी अरब के राजा अबदुल्लाह ने मिस्र की मौजूदा सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि सऊदी अरब की जनता और सरकार 'आतंकवाद' के विरोध में अपने मिस्री भाइयों के साथ खड़ी है।
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