It's Fake News - इंजी. छात्राओं के पेपर साहित्यक लाइबेरी में रखे जाएंगे
गुजरात यूनिवर्सिटी ने फैसला किया है कि वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 700 छात्रों में से कुछ छात्रों के पेपर साहित्यक लाइबेरी में भेजे जाएंगे। इसके लिए बकायदा समाचार पत्रों व अन्य साधनों के जरिये आवेदन मांगे जाएंगे।
गुजरात यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने पिछले दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इंजीनियरिंग कर रहे छात्र बहुत होशियार हैं, लेकिन फिर भी पेपर पास नहीं कर पा रहे, क्यूंकि उनको साहित्य का कीड़ा काट चुका है। छात्र इतने प्रतिभाशाली हैं कि वे इंजीनियरिंग पेपर में पूछे गए सवालों के जवाब अपनी निजी कहानियों, कविताओं के जरिये दे रहे हैं।
इसके साथ यूनिवर्सिटी ने चेताया कि छात्रों के पास अपना हुनर निखारने के लिए केवल 2015 तक का समय है, उसके बाद उनको साबित करने के लिए अन्य मौका नहीं दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी को उम्मीद है कि अगले दो सालों में और बेहतरीन साहित्य कला कृतियां मिलेगीं।
दीपिका, क्या देख रहे हो ? शाह रुख खान, कुछ
नहीं, देख रहा हूं, इतनी बड़ी हिट के बाद भी कोई निर्माता निर्देशक साइन
करने क्यूं नहीं आया। दीपिका, अरे बुद्धू, निर्माता निर्देशक हैं, वे
दर्शक थोड़ी, जो आंकड़े देख देखकर फिल्म देखने आते रहेंगे। #chennaiexpress
जब मैंने अमेरिका की कमान संभाली थी, मुझे पता है तब भारतीय मीडिया ने उस ख़बर को बड़ी शिद्दत से पेश किया था, जिसमें मैंने कहा था, मैं महात्मा गांधी से प्रभावित हूं। यकीनन मैं महात्मा गांधी से प्रभावित हूं, लेकिन मेरे गाल पर किसी ने थप्पड़ नहीं मारा, और मैं अमेरिकी हूं, जिस पर खुद अमेरिका यकीनन नहीं कर सकता, तो विश्व को करने की जरूरत क्या पड़ी है। आज मुझे लगता है कि नये हथियारों के लिए टेस्टिंग के लिए सीरिया
सबसे बेहतर स्थान। हमें तो बस बहाना चाहिए, आप तो जानते ही हैं। अगर हम ऐसा न करें तो हमारे बनाए हथियार कौन खरीदेगा, आपको जानकार हैरानी होगी, हम तालिबान को हथियार भी देते हैं, और उन पर हमले भी करते हैं। मेरी तस्वीर में आपको दो चेहरे नजर आ रहे हैं, मैं बिल्कुल ऐसा ही हूं, वैसे आपके देश के राजनेता भी ऐसे ही हैं, यकीन नहीं होता न। #syria
पाकिस्तान
में आरटीआई नियम लाने पर विचार, जानकारियां कैसी होंगी, उम्मीद अनुसार,
आने वाले समय में आतंकवादी शिविर में कितनी सीट होंगी, ट्रेनिंग के बाद
कितने युवाओं को मिला रोजगार, भारत पर हमले के लिए भेजे जाने वाले
आतंकवादियों को अलग से पे तो नहीं करना पड़ता, क्यूंकि वहां मेहमान निवाजी
अच्छी है। एक सूचना पहले जारी की जाएगी, ओसामा बिन लादेन की मौत संबंधी
पाकिस्तान में तो कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं, अगर चाहे तो हम आपको ब्रिटिश
मीडिया की कटिंग उपलब्ध करवा सकते हैं, क्यूंकि वहां के मीडिया में ओसामा
के मरने संबंधी की कई बार ख़बरें छपी हैं। ताजा समाचार भी आपको भेजते
रहेंगे, बस इसके लिए आप पाकिस्तान से बाहर का पता दर्ज करवाएं। #RTI #in #pakistan
सुन्दर लेखन ! आपको बहुत बहुत बधाई !
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