fact 'n' fiction : सुशील कुमार शिंदे के निर्देशन में बनेगी 'डी - डे' रीमेक

निखिल अडवाणी, एक युवा फिल्‍म निर्देशक हैं। बॉलीवुड में 'कल हो न हो' से जोरदार दस्‍तक दी। दूसरी बार सलामे इश्‍क से दीदार हुआ, तो न सलाम हुआ, न इश्‍क हुआ। बड़े सितारों की अधिक चमक के नीचे दब गया निर्देशन का आसमान, लेकिन अगला साहसिक कदम 'चांदनी चौंक टू चाइना' के रूप में भरा, जो एक यादगार फिल्‍म निकली। जिसे फिल्‍म निर्माता एक बेहद बुरी घटना के रूप में याद करेंगे, और बच्‍चे एक मनोरंजक व इनवेंशनल फिल्‍म के रूप में।

बच्‍चे जब जवां होंगे, वो कहीं भी होंगे, निर्देशक निखिल आडवाणी की इस फिल्‍म को याद जरूर करेंगे, अगर उस समय पैर की किक से मानव उड़ रहे हुए तो, क्‍यूंकि निखिल आडवाणी ने 'चांदनी चौंक टू चाइना' में मिथुन दा की किक से अक्षय कुमार को बहुत उड़ाया, और आज कल अक्षय कुमार मिथुन दा के करियर को उड़ान दे रहे हैं, अपनी हर फिल्‍म में मिथुन दा को जगह देकर। इसके अलावा इस फिल्‍म के जरिये निखिल ने काफी अन्‍वेंषण किए हैं, जैसे कि छाते को पैराशूट में बदलने, यंत्रों से भाषाओं को ट्रांसलेट करने आदि।

अब निखिल आडवाणी की हालिया रिलीज 'डी-डे' भी एक यादगार फिल्‍म बनने की कारगार पर खड़ी है, अगर गृह (मंत्री) निर्देशक सुशील कुमार शिंदे के निर्देशन में यूपीए मोशन पिक्‍चर्स इसके जीवंत संस्‍करण को प्रस्‍तुत करने में सफल रही।

यह भी एक साहसिक कदम था निखिल आडवाणी का, क्‍यूंकि उन्‍होंने कराची में घूसकर दाउद अब्राहिम को मारने का साहस जो दिखाया, हालांकि बॉलीवुड दाउद अब्राहिम की दहशत वाली लोकप्रियता को छद्म नाम से कैश करता आ रहा है।  

गुप्‍त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपीए मोशन पिक्‍चर्स इस फिल्‍म के निर्माण के लिए विचार कर रहा है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ, जब यूपीए के गृह निर्देशक सुशील कुमार शिंदे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इंडिया बहुत जल्‍द अमेरिका के साथ मिलकर दाउद अब्राहिम को पकड़ने के लिए मिशन पर निकलेगा।

वैसे इन दिनों अमेरिकी सरकारी फिल्‍म कंपनी ओबामा मोशन पिक्‍चर्स इराक टू के निर्माण को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है, जिसकी शूटिंग सीरिया में करने की योजना है, लेकिन जी 20 से लेकर यूएन, अमेरिकी कांग्रेस तक ने इस फिल्‍म के निर्माण पर पुन र्विचार की बात कही है। इस बात से ओबामा मोशन पिक्‍चर्स के अधिकारी बेहद क्षुब्‍ध हैं, ऐसे में वे किसी भी अन्‍य प्रोडक्‍शन कंपनी के साथ हाथ मिला सकते हैं, खासकर भारतीय फिल्‍म कंपनी यूपीए मोशन पिक्‍चर्स के साथ, जो डी डे के जीवंत संस्‍करण की तैयारी में जुटी है।

निखिल आडवाणी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसकी पांचवीं फिल्‍म डी डे एक इतिहासिक फिल्‍म होने की कारगार पर पहुंच जाएगी, जो बॉक्‍स ऑफिस पर खास कुछ नहीं कर सकी। इस फिल्‍म को भी राम गोपाल वर्मा की फिल्‍म कन्‍ट्रेक्‍ट की तरह याद किया जाएगा, जिसको देखने के बाद आंतकवादियों ने अहमदाबाद के सिविल अस्‍पताल को निशाना बनाया था।

फेक टॉक से बातचीत के दौरान गृह मंत्रालय के फेक सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी के निरंतर हमलों से तंग परेशान यूपीए की चेयरपर्सन ने सभी सहयोगियों को नये आइडिये लाने के लिए कहा। जब सभी अलग अलग जगहों पर आइडियों की तलाश में जुटे हुए थे, तभी हमारे मंत्रालय के निर्देशक की निगाह दीवार पर लगे एक पोस्‍टर पर पड़ी, जिस पर दाउद का हमशकल छपा हुआ था। यह पोस्‍टर एक फिल्‍म का था। हमने उसकी फिल्‍म की बाजार से डुप्‍लीकेट सीडी खरीदी, और अध्‍ययन किया।

अंत आइडिया यूपीए मोशन पिक्‍चर्स की चेयरपर्सन को सुनाया और सभी सहयोगियों को पसंद आया। उन्‍होंने कहा कि फिल्‍म अंतरराष्‍ट्रीय रिश्‍तों पर आधारित है, ऐसे में भारतीय कलाकारों को लेना बेकूफी होगी। ऐसे में अमेरिकी सरकारी फिल्‍म कंपनी से बात करने पर सहमति बनी, जो शांति स्‍थापना के हिंसक फिल्‍में बनाने में माहिर है। फिलहाल उनको प्रस्‍ताव भेज दिया गया है। यकीन है कि वे इसके लिए तैयार हो जाएंगे।

फिल्‍म निर्माण से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसकी शूटिंग कराची के अलावा दुबई में भी हो सकती है। फिल्‍म का शुरूआती दौर मुम्‍बई, कराची में फिलमाये जाएंगे, उसके बाद क्‍लाइमैक्‍स के लिए दुबई के कुछ लोकेशनों का सहारा लिया जाएगा।

अगर डी डे जीवंत संस्‍करण बनने में सफल हो गया तो निखिल आडवाणी बॉलीवुड के सबसे बेहतर निर्देशक साबित हो सकते हैं। ऐसे में उनको अमेरिकी फिल्‍म कंपनियां अपने वहां निर्देशन का जिम्‍मा सौंप सकती हैं।

लेकिन सबसे बड़ी मुश्‍िकल यह है कि इस फिल्‍म के निर्माण के लिए यूपीए मोशन पिक्‍चर्स के पास केवल आगामी लोक सभा चुनावों तक समय है।


कुलवंत हैप्‍पी, संचालक Yuvarocks Dot Com, संपादक Prabhat Abha हिन्‍दी साप्‍ताहिक समाचार पत्र, उप संपादक JanoDuniya Dot Tv। पिछले दस साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय, प्रिंट से वेब मीडिया तक, और वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की छाया में।

Yuva Rocks Dot Com से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook  पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करे।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

हार्दिक निवेदन। अगर आपको लगता है कि इस पोस्‍ट को किसी और के साथ सांझा किया जा सकता है, तो आप यह कदम अवश्‍य उठाएं। मैं आपका सदैव ऋणि रहूंगा। बहुत बहुत आभार।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार

हैप्पी अभिनंदन में महफूज अली

महात्मा गांधी के एक श्लोक ''अहिंसा परमो धर्म'' ने देश नपुंसक बना दिया!

पति से त्रसद महिलाएं न जाएं सात खून माफ

fact 'n' fiction : राहुल गांधी को लेने आये यमदूत

सर्वोत्तम ब्लॉगर्स 2009 पुरस्कार

सदन में जो हुआ, उसे रमेश बिधूड़ी के बिगड़े बोल तक सीमित न करें