भारत सईद व पचास करोड़ पर ठोके दावा


सब जानते हैं कि अमेरिका शातर है, वो अपनी हर चाल सोच समझकर चलता है, अब साइद हाफिज को लेकर चली उनकी चाल को गौर से देखें, यह चाल अमेरिका ने कब चली, जब पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी हिन्‍दुस्‍तान आने वाले थे। अमेरिका ने जैसे ही कहा,  सईद हाफिज मोहम्‍मद को पकड़वाने वाले को 50 करोड़ रुपए का नाम मिलेगा, तो सईद की दहाड़ते सुनते ही अमेरिका ने पल्‍टी मारते हुए कहा कि यह इनाम उसके खिलाफ साबूत पेश करने वाले को मिलेगा।
जैसे ही आसिफ ने भारत आने की बात स्‍वीकार की, वैसे ही हिन्‍दुस्‍तानी मीडिया को पंचायत बिठाने का मौका मिल गया। टीवी स्‍क्रीन पर मुददे खड़े किए जाने लगे, अमेरिका की नीयत पर शक किया जाने लगा, यहीं नहीं भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह हाफिज को लेकर मुंह खोलेंगे कि नहीं को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई, और यह चर्चाएं तब भी खत्‍म नहीं हुई, जब आसिफ अपने घर पाकिस्‍तान लौट चुके थे।

अटकलों का बाजार गर्म था, पंचायत छोटी स्‍क्रीन पर निरंतर बिठाई जा रही थी, और बहस शुरू थी कि क्‍या पाकिस्‍तान भारत के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत करना चाहता है, अगर हां तो क्‍या वह हाफिज को भारत के हवाले करेगा, लेकिन इस दौरान विशेषज्ञों ने उस चाल को कैसे नजरंदाज कर दिया, जो चाल अमेरिका ने चली थी, और हाफिज की दहाड़ते सुनते हड़बड़ाहट में उसने दूसरा कदम चला दिया, जिसमें वह खुद फंसता हुआ नजर आ रहा है, यह कहकर कि हाफिज के खिलाफ साबूत देने वाले को वह पचास करोड़ रुपए देगा। अमेरिका की इस घोषणा के बाद भारत के पास एक खूबसूरत चाल चलने का बेहतरीन मौका है, जो हमारे विशेषज्ञों ने नजरंदाज कर दिया।

विशेषज्ञों ने अपनी सरकार को सलाह क्‍यूं नहीं देनी सही समझी या फिर भारतीय सरकार की नीयत पर शक क्‍यूं नहीं किया जो बार बार पाकिस्‍तान सरकार पर यह कहते हुए दबाव बनाती है कि उसने हाफिज के खिलाफ पुख्‍ता साबूत पाकिस्‍तान को सौंपे हैं। अगर हकीकत में भारतीय सरकार के पास हाफिज के खिलाफ पुख्‍ता साबूत हैं तो देरी कैसी, वो साबूत सरकार अमेरिका के सामने क्‍यूं नहीं रखती, जिसके बदले में अमेरिका पचास करोड़ रुपए देने की बात कह रहा है। इस पचास करोड़ हमारी पुलिस की स्‍थिति सुधर सकती है, किसी नेता का पेट भर सकता है और अमेरिका की चली हुई चाल से अगर हमको हाफिज मिलता है तो क्‍या बुरा है।

अगर हम भारतीय सरकार से यह उम्‍मीद करें कि वह बयानों के अलावा पाकिस्‍तान पर कोई अन्‍य करवाई करेगी, तो यह अपने आपको धोखा देने से ज्‍यादा कुछ नहीं, क्‍योंकि हम पाकिस्‍तान को कोस रहे हैं कि वह आतंकवाद को अपनी जमीन इस्‍तेमाल करने के लिए दे रहा है तो हम क्‍यूं भूल जाते हैं कि भारत के कई हिस्‍सों में माओवाद भी पनप रहा है, भले ही वह अन्‍य देशों के लिए खतरा न हो लेकिन भारत के लिए तो खतरा है।

रही भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की पाकिस्‍तान जाने की बात तो वह कभी भी जा सकते हैं, और शायद मेरे हिसाब से उनको जाना भी चाहिए क्‍यूंकि पाकिस्‍तान के अंदर सिक्‍खों के प्रथम गुरू श्री गुरूनानक देव जी का जन्‍मस्‍थल श्री ननकाना साहिब है, जो सिक्‍ख समाज में बहुत उच्‍च स्‍थान रखता है।

टिप्पणियाँ

  1. यह चिल्लाना, दहाड़ना, हड़काना, दावे, प्रतिदावे केवल जनता की खपत के लिए हैं. कुछ होगा इसके आसार कम हैं.
    घुघूतीबासूती

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  2. बेनामी4/24/2012 5:48 pm

    krupaya aise post daal ke bore na kare.

    जवाब देंहटाएं
  3. krupaya aise post daal ke bore na kare..

    जवाब देंहटाएं

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