आखिर छवि किसी की धूमिल हो रही है

आखिर छवि किसी की धूमिल हो रही है समझ से परे है, भारत सरकार की, इंडियन एक्‍सप्रेस की या सेनाध्‍यक्ष वीके सिंह की। कल रात प्राइम टाइम में इंडियन एक्‍सप्रेस के चीफ इन एडिटर शेखर गुप्‍ता ने एक बात जोरदार कही, जो शायद सभी मीडिया वालों के लिए गौर करने लायक है। श्री गुप्‍ता ने कहा कि इंडियन एक्‍सप्रेस ने जो प्रकाशित किया, अगर वह गलत है तो मीडिया को सामने लाकर रखना चाहिए, अगर इंडियन एक्‍सप्रेस में प्रकाशित बात सही है तो मीडिया वालों को उसका फलोअप करना चाहिए। इससे एक बात तो तय होती है कि इंडियन एक्‍सप्रेस को अपने पत्रकारों पर पूर्ण विश्‍वास है, जो होना भी चाहिए। फिर अभी अभी फेसबुक पर कुमार आलोक का स्‍टेटस अपडेट पढ़ा, जिसमें लिखा था, खबर है कि यूपीए में सरकार के एक बडे मंत्री के इशारे पर जनरल वीके सिंह की छवि धूमिल करने के लिए कल एक्सप्रेस में खबर छपरवाई गयी। मंत्री के रिश्तेदार बडे बडे आर्मस डीलर हैं। कुमार आलोक दूरदर्शन न्‍यूज में सीनियर पत्रकार हैं, ऐसे में उनकी बात को भी नकारा नहीं जा सकता। मगर सवाल यह उठता है कि इस पूरे घटनाक्रम में आखिर किसी की छवि धूमिल हो रही है, उस समाचार पत्र की जो अपनी विश्‍वसनीयत के लिए के जाना जाता है, या सेनाध्‍यक्ष की छवि, जिस पर देश की सरकार भी शक करने से इंकार कर रही है। इस घटनाक्रम में आखिर छवि खराब हुई है तो वह हिन्‍दुस्‍तान की, क्‍योंकि इंटरनेट ने पूरे विश्‍व को एक करके रख दिया, छोटी सी घटना भी एक पल में सरहदें पार कर जाती है। दूसरे देशों में भी विशेषज्ञ हिन्‍दुस्‍तान की स्‍थिति को लेकर कयास लगा रहे होंगे। जिस तरह देश के अंदर निरंतर उथल पुथल चल रही है, उसको लेकर उक्‍त खबर को झूठलाया नहीं जा सकता, और पूर्ण रूप से सच करार भी नहीं दिया जा सकता। इसमें कोई दो राय नहीं कि देश के प्रधानमंत्री एक कठपुतली से ज्‍यादा कुछ नहीं, कहूं तो सरकारी नल जैसे हैं, पानी आया तो भी ठीक, नहीं आया तो भी ठीक। सरकार की गलत कारगुजारियों के चलते देश उबल रहा है, ऐसे में कुछ भी हो जाना संभव है। देश में तख्‍तपलट भी कोई बड़ी बात नहीं। लोग तंग आ चुके हैं, अगर सेना नहीं करेगी तो बहुत जल्‍द लोग कर देंगे।

टिप्पणियाँ

  1. देश को इस हालत मे पहुँचानें वालो को जनता बार बार जिता देती है..और ये जिताने वाले लोगों का प्रतिशत भी बहुत कम है...ऐसे मे जब तक सारे लोग मतदान नही देते देश मे परिवर्तन नही आ सकता...

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    1. आपकी बात बिल्‍कुल सही है, सब तक 100 फीसदी मत दान नहीं होगा, तब तक निदान नहीं होगा।

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  2. बेनामी4/07/2012 11:16 am

    Bharat jaise lokantratik desh men takhtapalat jaisee baat ko sochane aur likhane se pahale shaayad Kulwant happy ji ne 1 baar bhee is par gambheerata se gour naheen kiya. Aise kyaa lakshan unhone dekhe jo aisa likha. Main unsase bilkul sahmat naheen..

    RGds
    Vishal Mishra

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  3. सरकार की गलत कारगुजारियों के चलते देश उबल रहा है, ऐसे में कुछ भी हो जाना संभव है। देश में तख्‍तपलट भी कोई बड़ी बात नहीं। लोग तंग आ चुके हैं, अगर सेना नहीं करेगी तो बहुत जल्‍द लोग कर देंगे। मुझे भी पता है कि अगर सेना ऐसा करती तो देश के हालात किस कदर खराब होते इसका अंदाजा भी नहीं होने वाला था। मेरा प्रश्‍न था कि आखिर छवि किस की धूमिल हो रही है। और अंत में कहा है तख्‍त पल्‍ट संभव है, इसको नकारा नहीं जा सकता। फिर से पढ़े अंतिम लाइन को विशाल जी

    सरकार की गलत कारगुजारियों के चलते देश उबल रहा है, ऐसे में कुछ भी हो जाना संभव है। देश में तख्‍तपलट भी कोई बड़ी बात नहीं। लोग तंग आ चुके हैं, अगर सेना नहीं करेगी तो बहुत जल्‍द लोग कर देंगे।

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