आओ करते हैं कुछ परे की बात
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नहीं करनी, अब मरे की बात
खिलते हुए फूल, पेड़ पौधे बुला रहे
छोड़ो सूखे की, करो हरे की बात
आलम देखो, सोहणी की दीवानगी का
कब तक करते रहेंगे घड़े की बात
आओ खुद लिखें कुछ नई इबारत
बहुत हुई देश के लिए लड़े की बात
चर्चा, बहस में ही गुजरी जिन्दगी
आओ करते हैं कुछ परे की बात
सोहणी- जो अपने प्रेमी महीवाल को मिलने के लिए कच्चे घड़े के सहारे चेनाब नदी में कूद गई थी, और अधर में डूब गई थी।
परे की बात : कुछ हटकर..
आभार
nice
जवाब देंहटाएंचर्चा, बहस में ही गुजरी जिन्दगी
जवाब देंहटाएंआओ करते हैं कुछ परे की बात
बात करने से ही बात होगी
अगली बहस में फिर मुलाकात होगी
सही कहा भाई परे की बात भी तो होनी चाहिए कुछ....बढ़िया प्रस्तुति...बधाई
जवाब देंहटाएंजब पास आही गयो तुम, तो न हो फिर दुरियों की बात !
जवाब देंहटाएंहमारी हकीकत जब हो गये तुम, फिर क्यों करे सपनो की बात...
प्यार और दोस्ती को नहीं तराजू में कभी तोला हमने !
'जनक' फिर क्यो करे फायदे और नुकसान की बात...
बहुत अच्छी बात..
जवाब देंहटाएंM verma ji ne bilkul sahi kaha hai.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही!!
जवाब देंहटाएंBahut Achhi Rachna Ka Varnan Aapke Dwara. Padhe Love Stories, Hindi Poems, प्यार की स्टोरी हिंदी में aur bhi bahut kuch.
जवाब देंहटाएंThank You.