मिलन से उत्सव तक

तुमने मुझे गले से लगा लिया
पहले की भांति फिर अपना लिया
न कोई गिला किया,
ना ही शिकवा शिकायत
ना ही दी मुझे कोई हिदायत
बस पकड़कर चूम लिया मुझे
मानो तुम,
मेरे ही इंतजार में थे
तुम सच जानो,
मैं इस स्पर्श को भूल सा गया था
किसी के किए हुए एहसान की तरह
मैं भी उलझकर रह गया था
मायावी जाल में आम इंसान की तरह
मगर आज मेरे कदम मुझे खींच लाए
छत्त की ओर
मुझे ऐसा खींचा, जैसे पतंग खींचे डोर
छत्त पर आते ही मुझे,
तुमने प्रकाशमयी बाँहों में भर लिया
तेरे इस स्पर्श ने जगा डाला
मेरी सोई आत्मा को
तेरे प्रकाश की किरणें बूँदें बन
बरसने लगी
मेरे रूह की बंज़र जमीं
फिर से हरी भरी हो गई
तुमने मुझे जैसे ही छूआ,
हवाओं ने पत्तों से टकराकर
वैसे ही संगीत बना डाला
पंछियों ने सुर में गाकर
तेरे मेरे मिलन को उत्सव बना डाला।
तेरे प्रकाश ने भीतर का अंधकार
मिटा दिया,
जैसे लहरों ने नदी के किनारे लिखे नाम।
इस रचना द्वारा मैंने सूर्य और मानवी प्रेम को दर्शाने की कोशिश की है। दोनों के बीच के रिश्ते को दर्शाने की कोशिश। सूर्य और मानव में भी एक प्रेमी प्रेमिका का रिश्ता है, लेकिन प्रेम शून्य की अवस्था में उत्पन्न होता है। जब मैं और तुम का फासला खत्म हो जाए, और दोनों एक हो जाएं।
भार
कुलवंत हैप्पी

टिप्पणियाँ

  1. प्रिय कुलवंत हैप्पी !!
    आप की कविता बहुत उम्दा लगी
    पढ़ते वक़्त ऐसा लगा जैसे मेरी ही बात हो रही हो |
    हमे हौंसला देने के लिए आपका बहुत शुक्रिया ||

    आपका शुभचिंतक
    सुनील कटारिया

    जवाब देंहटाएं
  2. पंछियों ने सुर में गाकर
    तेरे मेरे मिलन को उत्सव बना डाला।
    तेरे प्रकाश ने भीतर का अंधकार
    मिटा दिया,
    जैसे लहरों ने नदी के किनारे लिखे नाम।
    वाह क्या बात है.....बिलकुल प्रेममय अभिव्यक्ति....सुन्दर कविता एक सुखद अहसास लिए...

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भावों को प्रस्तुत करती ये रचना ......बहुत खूबसूरत अहसास

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह क्या बात है.....बिलकुल प्रेममय अभिव्यक्ति....सुन्दर कविता एक सुखद अहसास लिए...

    जवाब देंहटाएं
  5. guru itane bade-bade logon ne tareef kar dee ab main kya kahoon. Feel kar sakataa hoon bahut achchhee likhi hai. :)) Fantastic.
    Vishal

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रेम की चरम अनुभूति के दिव्य अहसासों को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है.

    बहुत खूब, कुलवन्त भाई..ऐसे ही इन अहसासों को शब्द देते रहें.

    शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  7. प्रिय कुलवंत हैप्पी जी,आप की कविता युवा मन की सहज अभिव्यक्ति है बधाई देता हूँ .एक बात अवश्य कहूँ गा --कुछ शब्दों पर अंकुश भी जरुरी है. लिखते रहिये .आप में संभावना है.09818032913

    जवाब देंहटाएं
  8. lagta hai meri bahu mayake se laut aayee hai. bahut bahut badhai aur aasheervaad

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