वेबदुनिया रोमांस में कुलवंत हैप्पी


प्यार पर एक भाषण, वो भी लिखत रूप में, अच्छा लगा तो आपका समय वसूल, वरना फजूल। लिखना है अपना असूल, माफ करना हुई हो अगर भूल, क्योंकि गिर गिर कर ही सवार सिखता है सवारी।

आओ विश्वास के साथ क्लिक करें, रामगोपाल वर्मा की आग नहीं होगा, इतना वायदा करता हूं। फोटो पर क्लिक न करें, बल्कि इस लिंक पर क्लिक करें रूहानी प्यार कभी खत्म नहीं होता


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

हार्दिक निवेदन। अगर आपको लगता है कि इस पोस्‍ट को किसी और के साथ सांझा किया जा सकता है, तो आप यह कदम अवश्‍य उठाएं। मैं आपका सदैव ऋणि रहूंगा। बहुत बहुत आभार।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार

हैप्पी अभिनंदन में महफूज अली

महात्मा गांधी के एक श्लोक ''अहिंसा परमो धर्म'' ने देश नपुंसक बना दिया!

पति से त्रसद महिलाएं न जाएं सात खून माफ

fact 'n' fiction : राहुल गांधी को लेने आये यमदूत

सर्वोत्तम ब्लॉगर्स 2009 पुरस्कार

सदन में जो हुआ, उसे रमेश बिधूड़ी के बिगड़े बोल तक सीमित न करें