स्कूल नहीं जाती, क्योंकि उसको एड्स है
आज नीनू नौ साल की हो गई। आज वो आम बच्चों की तरह खेलती कूदती है, लेकिन स्कूल नहीं जाती, क्योंकि कोई उसको दाखिल नहीं देता, क्योंकि उसको एड्स है। इस बीमारी ने उसको जन्म से ही पकड़ लिया था, क्योंकि उसकी माँ इस बीमारी से पीड़ित थी, जब उसने अस्पताल में दम तोड़ा तो नीना केवल दो साल की थी, उसको नहीं पता था कि जिस बीमारी से उसकी माँ चल बसी, उसी बीमारी से वो भी पीड़ित है। उस दो साल की बच्ची को बठिंडा की समाज सेवी संस्था सहारा जनसेवा के प्रमुख विजय गोयल ने गोद ले लिया, और अपनी बेटी का रुतबा दे दिया। आज वो नीनू आकांक्षा गोयल के रूप में नौ वर्ष की हो गई, वो गोयल परिवार में आम सदस्यों की तरह जिन्दगी बसर कर रही है, लेकिन आम बच्चों की तरह किसी स्कूल में नहीं जाती, क्योंकि कोई दाखिला नहीं देता उसको। एड्स से पीड़ित बहुत से बच्चे हैं, लेकिन सबको विजय गोयल जैसा शख्स नहीं मिलता। विजय गोयल आज हम सबके लिए प्रेरणेता है, विजय गोयल वो शख्स है जो सिखाया है कि मानवता से बढ़कर कुछ नहीं होता। नीनू को माता पिता का प्यार देने वाले गोयल दम्पति एड्स पीड़ित बच्चों से नफरत करने वालों के लिए एक सबक है। एड्स पीड़ित बच्चों को सच में विजय गोयल जैसे लोगों की जरूरत है, अगर कोई संकल्प करना है तो इस दिवस पर विजय गोयल बनने का संकल्प करो।
bahut dukh hota hai aise smachar sunkar , .....
जवाब देंहटाएंसचमुच समाज को हर क्षेत्र में विजय गोयल जी जैसे लोगों की जरूरत है .. घटनाओं को सुनकर दिमाग खराब हो जाता है मेरा !!
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