बे-लिबास बेबो, बुरे वक्त की निशानी
"पैसा मारो मुंह पर, कुछ भी करूंगा" यह संवाद अरुण बख्सी छोटे पर्दे पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'जुगनी चली जलंधर' में बोलते हैं, ये वो ही अरुण बख्सी हैं जो कभी 'अजनबी' नाम के एक हिन्दी धारावाहिक में "बोल मिट्टी दे बावेया" गुनगुनाते हुए नजर आते थे। उस संवाद में भी एक खरा सत्य था और इस नए संवाद में भी बहुत सत्य है।
किसी दूसरे पर यह संवाद फिट बैठे न बैठे, लेकिन कपूर खानदान की बेटी करीना कपूर पर तो बिल्कुल सही बैठता है। यकीनन न आता हो तो पिछले कुछ सालों पर निगाह मारो। शाहरुख के साथ डॉन में फिल्माया गया गीत हो, या अजनबी में अक्षय कुमार के साथ फिल्माए कुछ दृश्य। यशराज बैनर्स की सुपर फ्लॉप फिल्म टश्न में बिकनी पहनकर सबको हैरत में डाल देने वाली करीना ने इस पर आलोचना होते देख कहा था कि अब को बिकनी नहीं पहनेगी।
देखो वादे की कितनी पक्की हैं, बिल्कुल सही, उन्होंने बिकनी पहनना भी छोड़ दिया। अब तो वो टॉपलेस हो गई हैं। कमबख्त इश्क में अक्षय के साथ कई किस सीनों से जब मन नहीं भरा तो कुर्बान में सैफ अली खान के साथ सब से लम्बा किस और फिल्म की चर्चा के लिए टॉपलेस फोटो दे दिया।
ये पैसे कमाने का जरिया भी हो सकता है और अपनी स्टार्डम को बचाने का फंडा भी। या फिर इसे बॉलीवुड में एक काले युग की नई शुरूआत भी कह सकते हैं। जब कपूर खानदान की बेटी इस राह पर चल सकती है तो मायानगरी में सफलता के लिए संघर्ष कर रही गैर-फिल्मी घरानों से आई अभिनेत्रियां गुरेज क्यों करेगी?
करीना कपूर जिस युग की शुरूआत करने जा रही है उसको बॉलीवुड की तरक्की या प्रगति नहीं माना जा सकता, उसको दुर्गति कहा जा सकता है। बॉबी से ऋषि कपूर ने एक नए युग की शुरूआत की थी, उस युग ने कपूर खानदान की बेटियों को तो अपने चुंगल में लेना ही था। समय हिसाब किताब बराबर ही रखता है, इसका उदाहरण है करीना और करिश्मा कपूर। कल तक कपूर खानदान के छोकरे दूसरे घरों की लड़कियों को अपने इशारों पर नचाते थे, आज उनकी बेटियां अपने दिलों की हरसतें पूरी कर रही हैं। बिकनी पहनकर, किस देकर जीरो फिगर करके देख लिया, लेकिन नतीजा जीरो। अब तो लास्ट दाँव है टॉपलेस।
इसके बाद करीना के लिए बची हैं ए ग्रेड की फिल्में है, जिसमें वो अपना भविष्य तलाश सकती है। अब तो प्रसारण मंत्रालय भी रात को इन फिल्मों को प्रसारित करने की मंजूरी देने के करीब है। लगी रहो करीना लगी रहो। आग तो तुम्हारे ही घर से शुरू हुई थी।
किसी दूसरे पर यह संवाद फिट बैठे न बैठे, लेकिन कपूर खानदान की बेटी करीना कपूर पर तो बिल्कुल सही बैठता है। यकीनन न आता हो तो पिछले कुछ सालों पर निगाह मारो। शाहरुख के साथ डॉन में फिल्माया गया गीत हो, या अजनबी में अक्षय कुमार के साथ फिल्माए कुछ दृश्य। यशराज बैनर्स की सुपर फ्लॉप फिल्म टश्न में बिकनी पहनकर सबको हैरत में डाल देने वाली करीना ने इस पर आलोचना होते देख कहा था कि अब को बिकनी नहीं पहनेगी।
देखो वादे की कितनी पक्की हैं, बिल्कुल सही, उन्होंने बिकनी पहनना भी छोड़ दिया। अब तो वो टॉपलेस हो गई हैं। कमबख्त इश्क में अक्षय के साथ कई किस सीनों से जब मन नहीं भरा तो कुर्बान में सैफ अली खान के साथ सब से लम्बा किस और फिल्म की चर्चा के लिए टॉपलेस फोटो दे दिया।
ये पैसे कमाने का जरिया भी हो सकता है और अपनी स्टार्डम को बचाने का फंडा भी। या फिर इसे बॉलीवुड में एक काले युग की नई शुरूआत भी कह सकते हैं। जब कपूर खानदान की बेटी इस राह पर चल सकती है तो मायानगरी में सफलता के लिए संघर्ष कर रही गैर-फिल्मी घरानों से आई अभिनेत्रियां गुरेज क्यों करेगी?
करीना कपूर जिस युग की शुरूआत करने जा रही है उसको बॉलीवुड की तरक्की या प्रगति नहीं माना जा सकता, उसको दुर्गति कहा जा सकता है। बॉबी से ऋषि कपूर ने एक नए युग की शुरूआत की थी, उस युग ने कपूर खानदान की बेटियों को तो अपने चुंगल में लेना ही था। समय हिसाब किताब बराबर ही रखता है, इसका उदाहरण है करीना और करिश्मा कपूर। कल तक कपूर खानदान के छोकरे दूसरे घरों की लड़कियों को अपने इशारों पर नचाते थे, आज उनकी बेटियां अपने दिलों की हरसतें पूरी कर रही हैं। बिकनी पहनकर, किस देकर जीरो फिगर करके देख लिया, लेकिन नतीजा जीरो। अब तो लास्ट दाँव है टॉपलेस।
इसके बाद करीना के लिए बची हैं ए ग्रेड की फिल्में है, जिसमें वो अपना भविष्य तलाश सकती है। अब तो प्रसारण मंत्रालय भी रात को इन फिल्मों को प्रसारित करने की मंजूरी देने के करीब है। लगी रहो करीना लगी रहो। आग तो तुम्हारे ही घर से शुरू हुई थी।
हैप्पी बर्थडे
जवाब देंहटाएंक्या तेवर है आपके .......आज एक न्ये अन्दाज मे आपको मैने पढा .......बढिया लेख!
जवाब देंहटाएं"समय हिसाब किताब बराबर ही रखता है, इसका उदाहरण है करीना और करिश्मा कपूर।"
जवाब देंहटाएंvow...
क्या तेवर है आपके .......आज एक न्ये अन्दाज मे आपको मैने पढा .......बढिया लेख!
जवाब देंहटाएं