काव्य रूप में कुछ सुलगते सवाल
नाक तेरी तरह थी, लेकिन ठोडी थोड़ी सी लम्बी, मेरी तरह..मैं सिनोग्राफी की बात कर रहा था। अगर ऐसा हुआ तो मैं उसको दबा दबा उसका चेहरा गोल कर दूंगी..पत्नी बोली। फिर मैं चुप हो गया। उसको मुझे से दूर रखना, क्योंकि उसका पिता सनकी है, पागल है..कुछ देर के बाद मैं चुप्पी तोड़ते हुए बोला। मैं उसको उसके नाना के घर छोड़ आऊंगी..वहीं पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बन जाएगा..पत्नी थोड़े से रौ में आते हुई बोली। ठीक है तुम भी वहीं को जॉब बगैरा कर लेना, तुम बहुत समझदार हो..तुम को अब मेरी जरूरत नहीं। अब देश को मेरी जरूरत है, मैं चला जाऊंगा..अब मैं बोल रहा था। उसने बात काटते हुए कहा..कल क्यों अभी जाओ ना। मैंने कहा कि नहीं उसका चेहरा देखकर जाऊंगा। शायद मेरी ऊर्जा में इजाफा हो जाए। अब बातें खत्म हुई और मैं सो गया...मुझे नहीं पता कि मैं सोया या फिर रात भर जागता रहा। जब सुबह होश आई तो एक तरफ आलर्म बज रहा था और दूसरी तरह मेरे जेहन से कुछ शब्द निकलकर मेरी जुबां पर दौड़ रहे थे। मुझे लग रहा था कि मैं रात भर सोया नहीं और किसी ध्यान में था।..वो शब्द आपकी खिदमत में हाजिर हैं।
आंखों में है समुद्र अगर, तो आंसू कोई ढलकता क्यों नहीं।
भूखे सोते हैं करोड़ों लोग, मगर कोई बिलकता क्यों नहीं॥
जिन्दा है अगर पाश युवाओं में, तो कोई आग लिखता क्यों नहीं।
गर गांधी की हैं नाती हम, तो लाठी ले कोई निकलता क्यों नहीं।।
अगर आदर्श है शहीद-ए-आजम, तो खून उबलता क्यों नहीं।
जागृत है अगर भारत मेरा, तो अंधेरे को निगलता क्यों नहीं॥
पैसा हमारा, ऐश वो करते हैं मगर ये हमें अखरता क्यों नहीं।
सोचते हैं कुत्ते की नस्ल वाले कि ये 'हैप्पी' मरता क्यों नहीं।।
आंखों में है समुद्र अगर, तो आंसू कोई ढलकता क्यों नहीं।
भूखे सोते हैं करोड़ों लोग, मगर कोई बिलकता क्यों नहीं॥
जिन्दा है अगर पाश युवाओं में, तो कोई आग लिखता क्यों नहीं।
गर गांधी की हैं नाती हम, तो लाठी ले कोई निकलता क्यों नहीं।।
अगर आदर्श है शहीद-ए-आजम, तो खून उबलता क्यों नहीं।
जागृत है अगर भारत मेरा, तो अंधेरे को निगलता क्यों नहीं॥
पैसा हमारा, ऐश वो करते हैं मगर ये हमें अखरता क्यों नहीं।
सोचते हैं कुत्ते की नस्ल वाले कि ये 'हैप्पी' मरता क्यों नहीं।।
बहुत खूब .. अच्छे सवाल हैं !!
जवाब देंहटाएंसवाल हैं, तो जवाब भी तलाशने होंगे।
जवाब देंहटाएंधनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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ab jawaab bhee aap hee ko dena hoga happy jee :)
जवाब देंहटाएंअगर हर एक के दिल मे हैं ऐसे ही सवाल तो वो करता क्यो नही ? जिनके पास जवाब है वो मार डालेंगे तुझे तू डरता क्यों नही ?
जवाब देंहटाएंपैसा हमारा, ऐश वो करते हैं
जवाब देंहटाएंमगर ये हमें अखरता क्यों नहीं।
सोचते हैं कुत्ते की नस्ल वाले कि
ये 'हैप्पी' मरता क्यों नहीं।।
अच्छा आह्वान है।
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंजिन्दा है अगर पाश युवाओं में, तो कोई आग लिखता क्यों नहीं।
जवाब देंहटाएंगर गांधी की हैं नाती हम, तो लाठी ले कोई निकलता क्यों नहीं।।
अगर आदर्श है शहीद-ए-आजम, तो खून उबलता क्यों नहीं।
जागृत है अगर भारत मेरा, तो अंधेरे को निगलता क्यों नहीं॥
क्या कहने लाजवाब और सुलगते से सवाल हैं यही है युवासोच और युवा ख्यालात बधाई ये मशाल जल्ती रही दीपावली की शुभकामनायें
सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
जवाब देंहटाएंजीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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ताऊ किसी दूसरे पर तोहमत नही लगाता-
रामपुरियाजी
हमारे सहवर्ती हिन्दी ब्लोग पर
मुम्बई-टाईगर
ताऊ की भुमिका का बेखुबी से निर्वाह कर रहे श्री पी.सी.रामपुरिया जी (मुदगल)
जो किसी परिचय के मोहताज नही हैं,
ने हमको एक छोटी सी बातचीत का समय दिया।
दिपावली के शुभ अवसर पर आपको भी ताऊ से रुबरू करवाते हैं।
पढना ना भूले। आज सुबह 4 बजे.
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर