क्या है राहुल गांधी का उपनाम?

सुबह उठा तो सिर भारी भारी था, जैसे किसी ने सिर पर पत्थर रख दिया हो। सोचते सोचते रात को सो जाना भी कोई सिर पर रखे पत्थर से कम नहीं होता। रात ये सोचते सोचते सो गया क्यों न राहुल गांधी को खत लिखा जाए कि मैं कांग्रेस में शामिल होना चाहता हूं, मैं राजनीति में नहीं जननीति में आना चाहता हूं और मैं राजनेता नहीं जननेता बनना चाहता हूं। आती 27 तिथि को मैं 26 का हो जाऊंगा, इतने सालों में मैंने क्या किया कुछ नहीं, अब आने वाले सालों में कुछ करना चाहता हूं। ये सोचते सोचते सो गया या जागता रहा कुछ पता नहीं। सुबह उठा तो सिर भारी भारी था जैसे कि शुरूआत में बता चुका हूं। मैंने कम्प्यूटर के टेबल से पानी वाली मोटर की चाबी उठाई और मोटर छोड़ने के लिए नीचे चल गया, वहां पहुंचा तो दैनिक भास्कर पड़ा हुआ था, मेरा नवभारतटाईम्स के बाद दूसरा प्रिय अखबार। मोटर छोड़ने से पहले अखबार उठाया। मुझे खबरें पढ़ने का बिल्कुल शौक नहीं, इसलिए सीधा अखबार के उस पन्ने पर पहुंच जाता हूं, जहां बड़े बड़े लेखक अपनी कलम घसीटते हैं। आज जैसे ही वहां पहुंचा तो देखा कि रात को जो मन में सवाल उठ रहा था, उसका उत्तर तो यहां वेद प्रताप वैदिक ने लिख डाला। सवाल था कि राहुल का उपनाम क्या है? आप सोचोगे कि राहुल गांधी तो है। पर नहीं, सच तो कुछ और ही है। सत्य तो ये है कि उनका नाम राहुल घंदी है, जो उनके पारसी दादा फिरोजशाह घंदी लिखा करते थे। इस उत्तर देखते ही दिलखुश हो गया। आप सोच रहे हैं कि उपनाम का सवाल मेरे जेहन में कैसे आया। राहुल युवा है, वो सबसे अलहिदा है। उसमें मुझे धीरे धीरे लाठी लेकर चलने वाला महात्मा नहीं बल्कि तेज रफतार क्रांति का प्रतीक भगत सिंह नजर आता है। जो कुछ कर गुजरना चाहता है, जो अपने बलबूते पर कुछ करना चाहता है। शायद इसलिए भी अच्छा लगता है कि वो इंडिया से निकलकर भारत में घुस रहा है, जबकि आज की युवा पीढ़ी इंडिया में घुस रही है। चेतन भगत, अरविंद अडिगा जैसे उपन्यासकार भारत के लिए नहीं बल्कि इंडिया के लिए लिखते हैं, बेशक इंडिया 70 करोड़ लोगों को छोड़कर बनता है, लेकिन फिर भी युवा लेखक इंडिया के लिए लिखते हैं। राहुल उन 70 करोड़ तक पहुंचने के लिए मचल रहा है जो भारत में बसते हैं।


टिप्पणियाँ

  1. फिर उम्‍मीद रखूं कि राहूल भारतवासियों के सपने को पूरा करेंगे .. इंडियनों के सपनों को नहीं !!

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  2. राहुल प्रयास तो कर रहा है बिना बाप के नाम के सहारे के , बाकी बहुत सारे प्रधान मंत्री हुए उनके बेटे कहाँ है , गान्धीजी के पोते कहाँ है? ज़ाहिर है उनमे गट्स नही थे , राहुल मे है । फिर कल किसने देखा है ?

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