मुझे माफ कर देना
मुझे माफ कर देना
उतर सकी न पूरी
तेरी मुहब्बत के क्षितिज पर
हाँ, मुझे ले बैठा
लज्जा, शर्म
और बदनामी का डर
जो किए थे वादे
निकले
रेत के टीले
या
पानी पे खींची लकीर
जो तुम समझो
क्षमा चाहती हूँ,
जो, तेरे लिए
जमाने से
मैं लड़ न सकी
कदम से कदम
और
कंधे से मिला कंधा
साथ तेरे खड़ न सकी
बेवफा, खुदगर्ज
धोखेबाज
जो चाहे देना नाम मुझे
लेकिन याद रखना
रिश्ता तोड़ने से पहले
कई दफा
खुद भी टूटी हूँ मैं
मजबूरियों,
बेबसियों के आगे टेक घुटने
माँ बाप के लिए
बन गोलक फूटी हूँ मैं
तेरा सामना कर सकूँ
हिम्मत न इतनी जुटा पाई मैं
हर बार की तरह
अब भी समझ लेना
मेरी बेबसी
लाचारी को
जो बोलकर न सुना पाई मैं।
उतर सकी न पूरी
तेरी मुहब्बत के क्षितिज पर
हाँ, मुझे ले बैठा
लज्जा, शर्म
और बदनामी का डर
जो किए थे वादे
निकले
रेत के टीले
या
पानी पे खींची लकीर
जो तुम समझो
क्षमा चाहती हूँ,
जो, तेरे लिए
जमाने से
मैं लड़ न सकी
कदम से कदम
और
कंधे से मिला कंधा
साथ तेरे खड़ न सकी
बेवफा, खुदगर्ज
धोखेबाज
जो चाहे देना नाम मुझे
लेकिन याद रखना
रिश्ता तोड़ने से पहले
कई दफा
खुद भी टूटी हूँ मैं
मजबूरियों,
बेबसियों के आगे टेक घुटने
माँ बाप के लिए
बन गोलक फूटी हूँ मैं
तेरा सामना कर सकूँ
हिम्मत न इतनी जुटा पाई मैं
हर बार की तरह
अब भी समझ लेना
मेरी बेबसी
लाचारी को
जो बोलकर न सुना पाई मैं।
आभार
कुलवंत हैप्पी
nice
जवाब देंहटाएंबहुत गहन भाव!
जवाब देंहटाएंkartavy bhavnao ka dwand amit hai .jeevan bhar sath chalata hai.........
जवाब देंहटाएंBahut acchee prastuti........
लेकिन याद रखना
जवाब देंहटाएंरिश्ता तोड़ने से पहले
कई दफा
खुद भी टूटी हूँ मैं
मजबूरियों,
बेबसियों के आगे टेक घुटने
माँ बाप के लिए
बन गोलक फूटी हूँ मैं
क्या कहूँ बस एक ही शब्द लाजवाब । आगे निशब्द हूँ । दिल की गहराईयों से महसूस कर के लिखा है। बहुत बहुत आशीर्वाद
nice
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया.
जवाब देंहटाएंरामराम.
bahut hi khoobsurat alfaaz..
जवाब देंहटाएंaur gahare jazabaar..
ek bahut hi sandar kavita..
khush raho..
हर एक लफ्ज़ में अहसास है ......बहुत खूब
जवाब देंहटाएंkulwant ji
जवाब देंहटाएंgazab ke bhav ubhre hain.......bahut kuch kah diya jo kaha nhi gaya wo bhi.........great work of words.
kulwant ji
जवाब देंहटाएंgazab ke bhav ubhre hain.......bahut kuch kah diya jo kaha nhi gaya wo bhi.........great work of words.
यू आर माफ़्ड कुलवन्त जी।
जवाब देंहटाएंक्या ख़ूबसूरत लिखा है भाई। आनंदम।
लेकिन याद रखना
जवाब देंहटाएंरिश्ता तोड़ने से पहले
कई दफा
खुद भी टूटी हूँ मैं ..
मजबूरियाँ इंसान से बहुत कुछ करवाती हैं ....
बहुत ही गहरी अनुभूति से लिखी रचना है ...
क्या बात है , आज तो आप एक दम डुब ही गये , लाजवाब अभिव्यक्ति लगी ।
जवाब देंहटाएंhappy boss ultimate collection really heart touches lyrics nice keep it up
जवाब देंहटाएंहर एक लफ्ज़ में अहसास है ......बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरी अनुभूति से लिखी रचना है ...
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