ऑस्कर में नामांकित 'कवि' का एक ट्रेलर और कुछ बातें

कुछ दिन पहले दोस्त जनकसिंह झाला के कहने पर माजिद माजिदी द्वारा निर्देशित एक इरानी फिल्म चिल्ड्रन इन हेवन का कुछ हिस्सा देखा था और आज ऑस्कर में नामांकित हुई एक दस्तावेजी फिल्म 'कवि' का ट्रेलर देखा। इन दोनों को देखने के बाद महसूस किया कि भारतीय फिल्म निर्देशक अभी बच्चे हैं, कच्चे हैं।

चाहे वो राजकुमार हिरानी हो, चाहे विशाल भारद्वाज। इन दोनों महान भारतीय निर्देशकों ने अपनी बात रखने के लिए दूसरी बातों का इस्तेमाल ज्यादा किया, जिसके कारण जो कहना था, वो किसी कोने में दबा ही रह गया। जहाँ थ्री इडियट्स एक मनोरंजन फिल्म बनकर रह गई, वहीं इश्किया एक सेक्सिया फिल्म बनकर रह गई।

संगीतकार विशाल भारद्वाज की छत्रछाया के तले बनी अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म इश्किया अंतिम में एक सेक्सिया होकर रह जाती है। किसी फिल्म के सेक्सिया और मजाकिया बनते ही कहानी का मूल मकसद खत्म हो जाता है। और लोगों के जेहन में रह जाते हैं कुछ सेक्सिया सीन या फिर हँसाने गुदगुदाने वाले संवाद।

ऐसे में एक सवाल दिमाग में खड़ा हो जाता है कि क्या करोड़ खर्च कर हम ऐसी ही फिल्म बना सकते है, जो समाज को सही मार्ग न दे सके। क्या कम पैसे और ज्यादा प्रतिभा खर्च कर एक स्माइली पिंकी या कवि फिल्म नहीं बना सकते।

उम्दा निर्देशन के लिए लोग आदित्य चोपड़ा को याद करते हैं, लेकिन क्या आदित्य चोपड़ा दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का दूसरा हिस्सा दिखा सकेंगे, जहाँ पर अधूरा सच तिलमिला रहा है। फिल्म निर्देशक आदित्य चोपड़ा की फिल्म दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे भारतीय युवाओं को वहाँ तक ही पहुंचाती है, यहाँ तक भगवान श्री कृष्ण की कथा अभिमन्यु को। जो हाल अभिमन्यु का हुआ था, वो भी भारतीय युवा पीढ़ी का होता है।

टिप्पणियाँ

  1. फिल्मो के बारे मे मुझे अधिक ग्यान नही है बस तुम से मिल जाता है अच्छी जानकारी आशीर्वाद

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  2. Nam to Yaad rahega shayad:2/03/2010 12:57 pm

    kulwantji mai aapki baat se puri tarah shemat hu.. ab na to dusari sholey ban sakati hai or nahi dilwale dulhania. aapne isqiya ke barae mai bhi sahi likha hai..

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  3. आपने सही लिखा है, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. childrens of heaven...maine bhi dekhi hai...ek dil ko chhuti si bahut hi masum si kehani...aur ab
    jab ki 'kavi' ko nominated kiya gaya hai..i m so curious abt this movie ..
    is sabko lekar aapne jo bhi keha ..i m fully agree with that ...

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  5. रचना अच्छी लगी। बधाई।

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  6. बहुत सटीक कहा आपने .........आज की फिल्में उद्देश्य तो बताने की कोशिश करती लकिन कही न कही ......उस उद्देश्य तक पुच नहीं पाती

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  7. बेनामी2/03/2010 8:17 pm

    namaskaar
    abhimanu kaa udaaharan bahut achchhaa lagaa.

    hindi men hii sahajataa hai kintu is bkse men hindi kaise aayegii nahiin jantaa.

    kshamaa karenge

    namaskaar

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  8. namaskaar
    abhimanu kaa udaaharan bahut achchhaa lagaa.

    hindi men hii sahajataa hai kintu is bkse men hindi kaise aayegii nahiin jantaa.

    kshamaa karenge

    namaskaar

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