"युवा" बनाम "तुम हवा"
समय के साथ साथ "युवा" शब्द का अर्थ भी बदलता जा रहा है, कल तक युवा का मतलब केवल नौजवान से था या कहें युवावस्था से, लेकिन आज युवा का अर्थ उम्मीदों का नया सवेरा और कुछ कर गुजरने वाला व्यक्ति है। "युवा" शब्द में वैसा ही परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जैसा "प्रेम" शब्द में देखने को मिल रहा है। पहले "प्रेम" का मतलब एक लड़की और लड़के के बीच का रिश्ता, लेकिन अब प्रेम का अर्थ विशाल हो रहा है। लोग समझने लगें हैं प्रेम के असली अर्थ को, मतलब प्रेम किसी भी वस्तु से हो सकता है चाहे वो संजीव हो और चाहे वो निर्जीव।
प्रेम की तरह युवा का अर्थ भी बहुत विशाल हो गया, अब युवा का अर्थ है वो व्यक्ति जो कुछ कर गुजरने का जोश या फिर लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का इरादा रखता हो। याद करो वो समय जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर बराक ओबामा बैठा था, तो क्या वो युवावस्था में था, नहीं लेकिन फिर भी लोगों ने उसको युवा की संज्ञा दी। इतना ही नहीं 35 साल का राहुल गांधी भी जनता को युवा ही नजर आता है। इसके अलावा 38 साल का जीवन बसर करने वाले श्री स्वामी विवेकानंद जी कभी युवावस्था से बाहर नहीं निकले, वो भी अंत समय तक युवा रहे।
ओशो कहता था कि हिन्दुस्तान में युवा पैदा नहीं होते, बल्कि बच्चे या बुजुर्ग पैदा होते हैं। ऐसा नहीं कि ओशो के समय में कोई यौवन अवस्था तक नहीं पहुंच पाता था, युवा अवस्था में सब पहुंचते थे, लेकिन सोच से युवा नहीं होते थे। ओशो की नजर में युवा होना केवल युवा अवस्था में पहुंचना मात्र नहीं था।
आज सबसे ज्यादा प्रचलन में युवा शब्द है। युवा शब्द इतना लोकप्रिय हो रहा है कि लोगों को अपनी तरफ खिंचने के लिए कुछ कंपनियाँ अपने ब्रांडों के नाम भी युवा रख रही हैं, कुछ ने तो रख दिए हैं। कंपनियाँ कुछ नया नहीं करने वाली, वो तो अपनी दुकानदारी चला रही हैं, लेकिन एक संदेश जरूर दे रही हैं कि लोगों को अब युवा से उम्मीद है। ऐसे में केवल शब्द के प्रचलन से क्या होगा। युवाशक्ति का इस्तेमाल तो करना ही होगा, तभी जाकर युवा शब्द का वर्तमान अर्थ सार्थक होगा, वरना युवा फिर से एक किशोर अवस्था के बाद की स्थिति का संकेत बनकर रह जाएगा।
युवा शब्द कैसे पैदा हुआ? इसके बारे में तो मुझे पता नहीं, लेकिन मैंने तो युवा शब्द का जन्म दो भाषाओं के दो शब्दों को जोड़कर किया गया, एक इंग्लिश का you और दूसरा पंजाबी का वा। यू का अर्थ तो हम सब जानते हैं तुम और वा का अर्थ है हवा। मतलब तुम हवा। हवा की कोई सीमा नहीं होती और उसको कैद नहीं किया जा सकता है। हवा अपने साथ खुशबूओं को बहा ले जाती है, और चारों दिशाओं में फैला देती है। ऐसे ही युवाओं को अच्छे विचारों को दुनिया में फैला देना चाहिए, इसमें कोई दो राय नहीं कि हवा बदबू को भी अपने साथ खींचकर ले जाती है। वो हवा के बस में नहीं, लेकिन हमारे बस में है कि हम सिर्फ अच्छे विचारों को दूर दूर तक फैलाएं।
प्रेम की तरह युवा का अर्थ भी बहुत विशाल हो गया, अब युवा का अर्थ है वो व्यक्ति जो कुछ कर गुजरने का जोश या फिर लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का इरादा रखता हो। याद करो वो समय जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर बराक ओबामा बैठा था, तो क्या वो युवावस्था में था, नहीं लेकिन फिर भी लोगों ने उसको युवा की संज्ञा दी। इतना ही नहीं 35 साल का राहुल गांधी भी जनता को युवा ही नजर आता है। इसके अलावा 38 साल का जीवन बसर करने वाले श्री स्वामी विवेकानंद जी कभी युवावस्था से बाहर नहीं निकले, वो भी अंत समय तक युवा रहे।
ओशो कहता था कि हिन्दुस्तान में युवा पैदा नहीं होते, बल्कि बच्चे या बुजुर्ग पैदा होते हैं। ऐसा नहीं कि ओशो के समय में कोई यौवन अवस्था तक नहीं पहुंच पाता था, युवा अवस्था में सब पहुंचते थे, लेकिन सोच से युवा नहीं होते थे। ओशो की नजर में युवा होना केवल युवा अवस्था में पहुंचना मात्र नहीं था।
आज सबसे ज्यादा प्रचलन में युवा शब्द है। युवा शब्द इतना लोकप्रिय हो रहा है कि लोगों को अपनी तरफ खिंचने के लिए कुछ कंपनियाँ अपने ब्रांडों के नाम भी युवा रख रही हैं, कुछ ने तो रख दिए हैं। कंपनियाँ कुछ नया नहीं करने वाली, वो तो अपनी दुकानदारी चला रही हैं, लेकिन एक संदेश जरूर दे रही हैं कि लोगों को अब युवा से उम्मीद है। ऐसे में केवल शब्द के प्रचलन से क्या होगा। युवाशक्ति का इस्तेमाल तो करना ही होगा, तभी जाकर युवा शब्द का वर्तमान अर्थ सार्थक होगा, वरना युवा फिर से एक किशोर अवस्था के बाद की स्थिति का संकेत बनकर रह जाएगा।
युवा शब्द कैसे पैदा हुआ? इसके बारे में तो मुझे पता नहीं, लेकिन मैंने तो युवा शब्द का जन्म दो भाषाओं के दो शब्दों को जोड़कर किया गया, एक इंग्लिश का you और दूसरा पंजाबी का वा। यू का अर्थ तो हम सब जानते हैं तुम और वा का अर्थ है हवा। मतलब तुम हवा। हवा की कोई सीमा नहीं होती और उसको कैद नहीं किया जा सकता है। हवा अपने साथ खुशबूओं को बहा ले जाती है, और चारों दिशाओं में फैला देती है। ऐसे ही युवाओं को अच्छे विचारों को दुनिया में फैला देना चाहिए, इसमें कोई दो राय नहीं कि हवा बदबू को भी अपने साथ खींचकर ले जाती है। वो हवा के बस में नहीं, लेकिन हमारे बस में है कि हम सिर्फ अच्छे विचारों को दूर दूर तक फैलाएं।
आभार
कुलवंत हैप्पी
कुलवंत हैप्पी
nice
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा आलेख!
जवाब देंहटाएंआपने तो युवा शब्द में जोश भर दिया एक अनोखे ढंग से युवा की परिभाषा व्यक्त की आपने ...बढ़िया लगा...सुंदर आलेख...बधाई
जवाब देंहटाएंsundar lekh.
जवाब देंहटाएंआपने युवा के गुण धर्म नहीं बताए कि युवा की सोच कैसी होती है। वैसे तो इंदिरा गांधी भी स्वयं को युवा ही कहती थी। युवा क्या करता है? क्या सोचता है? समाज के बारे में क्या सोचता है? परिवार के बारे में क्या सोचता है? आदि।
जवाब देंहटाएंसुंदर आलेख.
जवाब देंहटाएंरामराम.
युवा शब्द को उल्टा कर दिया जाये तो ''वायु'' बनता है . ..मतलब युवा , हवा की तरह ही है . बहुत बढ़िया लेख
जवाब देंहटाएं@विचारों का दर्पण....नहले पे दहला। इससे कहते हैं। अद्भुत। आपने भी सही अर्थ को पहचान लिया शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंaccha lekh........
जवाब देंहटाएंaap hamesha rochak lekh dete ho..keep it up :)
जवाब देंहटाएंदरअसल आज कल के युवाओं को वा[हवा]लग गई है इसीलिए यूं [तू]को south kaa वा [jaa]
जवाब देंहटाएंविचारोत्तेजक!
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