मुस्कराते क्यों नहीं
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श्रीगणेश से करते हैं शुरू जब हर काम
तो माँ-बाप को दुनिया बनाते क्यों नहीं।
बुरी बातों को लेकर बहस करने वालों
फिर अच्छी बातें को फैलाते क्यों नहीं।
मन में बातों का अंबार, हाथ में मोबाइल
तो मित्र का नम्बर मिलाते क्यों नहीं।
कॉलेज के दिनों में देखी कई फिल्में
फिर अब दम्पति घूमने जाते क्यों नहीं।
माँ बाप, बहन भाई, दोस्त मित्र सब हैं,
तो खुदा का शुक्र मनाते क्यों नहीं।
अच्छी है, काबिलेतारीफ है कहने वालों
फिर खुलकर ताली बजाते क्यों नहीं।
फेसबुक, ऑर्कुट को देखता हूँ तो सोचता हूँ
लोग मकान बनाने के बाद आते क्यों नहीं
कोई रोज आता है आपके इनबॉक्स में
तो आप उसके यहाँ जाते क्यों नहीं।
हैप्पी लिखता है शेयर, बनता है लतीफा,
इस बात पर मुस्कराते क्यों नहीं।
1. दम्पति-मियाँ बीवी 2.उसके यहाँ-इनबॉक्स
तो माँ-बाप को दुनिया बनाते क्यों नहीं।
बुरी बातों को लेकर बहस करने वालों
फिर अच्छी बातें को फैलाते क्यों नहीं।
मन में बातों का अंबार, हाथ में मोबाइल
तो मित्र का नम्बर मिलाते क्यों नहीं।
कॉलेज के दिनों में देखी कई फिल्में
फिर अब दम्पति घूमने जाते क्यों नहीं।
माँ बाप, बहन भाई, दोस्त मित्र सब हैं,
तो खुदा का शुक्र मनाते क्यों नहीं।
अच्छी है, काबिलेतारीफ है कहने वालों
फिर खुलकर ताली बजाते क्यों नहीं।
फेसबुक, ऑर्कुट को देखता हूँ तो सोचता हूँ
लोग मकान बनाने के बाद आते क्यों नहीं
कोई रोज आता है आपके इनबॉक्स में
तो आप उसके यहाँ जाते क्यों नहीं।
हैप्पी लिखता है शेयर, बनता है लतीफा,
इस बात पर मुस्कराते क्यों नहीं।
1. दम्पति-मियाँ बीवी 2.उसके यहाँ-इनबॉक्स
आभार
nice
जवाब देंहटाएंvery very nice
जवाब देंहटाएंवाह ! हैप्पी जी आपका तो जवाब नहीं .....कलम उठती है तो ज़रूर कुछ न कुछ अनोखा ही लिखती है .......अति उत्तम रचना .
जवाब देंहटाएंक्या बात है..वाह वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत मुश्किल है इन प्रश्नों का जवाब आज के परिवेश में....सुंदर रचना हैप्पी जी..बधाई
जवाब देंहटाएं...सुंदर रचना हैप्पी जी..बधाई
जवाब देंहटाएंhappy bhai ke se badhkar ek tir hai kamaan me..
जवाब देंहटाएंमुस्कुरा दिए ......!!
जवाब देंहटाएंbahut khoob bikul happy wali !!
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