शादी पर पापा का बेटे को पत्र

तुमने 'दु:खी शादीशुदा लोगों' और आलोचकों द्वारा बनाए गए सारे चुटकले सुने होंगे। अब, अगर किसी और ने तुम्‍हें यह न सुझाया हो, तो यह दूसरा नजरिया है। तुम मानव जिन्‍दगी के सबसे सार्थक रिश्‍ते में बंध रहे हो। इस रिश्‍ते को तुम जैसा बनाना चाहो वैसा बना सकते हो।

कुछ लोग सोचते हैं कि उनकी मर्दानगी तभी साबित होगी, जब वे लॉकर रूम में सुनी सारी कहानियों को जिन्‍दगी में उतारेंगे। वे निश्‍िचंत रहते हैं कि जो बात पत्‍नी को पता ही नहीं उससे वह दुखी नहीं होगी। सच्‍चाई ये है कि किसी तरह, कहीं अंदर से, उसके द्वारा कॉलर पर लिपस्‍टिक का निशान पाए जाने या तीन बजे तक कहां थे, के लचर बहानों के पकड़े जाने के बिना ही पत्‍नी को पता चल जाता है और इसी जानकारी के साथ, इस रिश्‍ते की गहराई में कुछ कमी आ जाती है। ऐसे पति जो अपनी शादी का रोना रोते हैं, जबकि उन्‍होंने खुद ही रिश्‍ता खराब किया है, कहीं ज्‍यादा हैं, उन पत्‍नियों से, जिन पर यह इल्‍जाम लगाया जाता है।

भौतिक विज्ञान का एक पुराना नियम है कि तुम एक चीज से उतना ही निकाल सकते हो, जितना तुम उसके अंदर डालते हो। जो व्‍यक्‍ित अपने हिस्‍से का आधा ही शादी पर न्‍यौछावर करता है, वह आधा ही वापस पायेगा। यह सच है कि ऐसे भी क्षण आएंगे, जब तुम किसी को देखोगे या पहले के समय के बारे में सोचोगे और तुम्‍हें ये चुनौती मिलेगी कि देखना चाहिए कि क्‍या अभी भी तुम उस स्‍तर तक पहुंच सकते हो कि नहीं। मगर मैं तुम्‍हें बताता हूं कि असलियत में यह कितनी बड़ी चुनौती है कि तुम अपने अपने आकर्षण और मर्दानगी को एक ही औरत के आगे जिन्‍दगी भर साबित करते रह सको। कोई भी आदमी इधर उधर ऐसी छिछोरी स्‍त्रियों को ढूंढ सकता है जो छल करने में लिए तैयार होंगी और इससे कोई मर्दानगी जाहिर नहीं होगी। लेकिन यह वाकई एक मर्द का काम है कि वह ऐसी औरत का प्‍यार पाता रहे और उसके आगे आकर्षक बना रहे, जिसने उसे खर्राटे लेते हुए सुना हो, दाढ़ी बढ़ाए हुए देखा हो, उसकी बीमारी में सेवा की हो और उसके गंदे अंडरवियर धोये हों। ऐसा करो और फिर उसको एक सुखद अहसास महसूस करते हुए देखो और तुम्‍हारी जिन्‍दगी भी एक खूबसूरत संगीत बन जाएगी।

अगर तुम वाकई किसी लड़की को चाहते हो तो तुम कभी नहीं चाहोगे कि वह अपने आपको अपमानित महसूस करते हुए देखे। तुम नहीं चाहोगे कि वह यह सोच सोचकर दुखी हो कि यही वह लड़की तो नहीं जिसके कारण तुम घर देर से आते हो। न ही तुम चाहोगे कि कोई भी औरत, तुम्‍हारी पत्‍नी, जिसे तुम चाहते हो, से मिले और तुम्‍हें पता लगे कि वो मन ही मन उस पर हंस रही थी, यह सोच सोचकर कि इस औरत को चाहे कुछ क्षणों के लिए ही सही, पर तुमने उसे पाने के लिए त्‍याग दिया था।

माइक, तुम औरों से ज्‍यादा अच्‍छी तरह जानते हो कि एक अशांत घर क्‍या होता है और दूसरों के जीवन में क्‍या क्‍या कर सकता है। अब तुम्‍हारे पास एक मौका है कि तुम इसे वैसा बना लो कि जैसा होना चाहिए। एक आदमी के लिए इससे बढ़कर और कोई खुशी नहीं होती कि जब वो सूरज डूबने पर घर पहुंच रहा हो तो उसे ये मालूम हो कि दरवाजे के दूसरी ओर कोई उसके कदमों की आहट का इंतजार कर रहा है।

नोट। यह ख़त अमेरिका के भूतपूर्व राष्‍ट्रपति रोनाल्‍ड रीगन ने अपने बेटे को उसकी शादी के वक्‍त लिखा था, जो शिव खेड़ा की किताब सम्‍मान से जीएं में दर्ज है।

सम्‍मान से जीएं के साभार से।

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