औरत
दुख-सुख, उतार-चढाव देखे सीता बन
हर तरह की जिन्दगी जी है औरत ने।
कभी सुनीता तो कभी कल्पना बन
जमीं से आसमां की सैर की है औरत ने।।
बन झांसी की रानी
लड़ी जांबाजों की तरह जंग औरत ने।
कभी मदर टैरेसा बन
भरे औरों के जीवन में रंग औरत ने॥
बेटी, बहू और मां बन
ना-जाने कितने रिश्ते निभाए औरत ने।
परिवार की खुशी के लिए
आपने अरमानों के गले दबाए औरत ने॥
जिन्दगी के कई फलसफे
ए दुनिया वालों पढ़ी है औरत।
फिर भी न जाने क्यों
चुप, उदास, लाचार खड़ी है औरत॥
मीरा, राधा और इन्हें जब जनी है औरत।
फिर क्यों औरत की दुश्मन बनी है औरत॥
हर तरह की जिन्दगी जी है औरत ने।
कभी सुनीता तो कभी कल्पना बन
जमीं से आसमां की सैर की है औरत ने।।
बन झांसी की रानी
लड़ी जांबाजों की तरह जंग औरत ने।
कभी मदर टैरेसा बन
भरे औरों के जीवन में रंग औरत ने॥
बेटी, बहू और मां बन
ना-जाने कितने रिश्ते निभाए औरत ने।
परिवार की खुशी के लिए
आपने अरमानों के गले दबाए औरत ने॥
जिन्दगी के कई फलसफे
ए दुनिया वालों पढ़ी है औरत।
फिर भी न जाने क्यों
चुप, उदास, लाचार खड़ी है औरत॥
मीरा, राधा और इन्हें जब जनी है औरत।
फिर क्यों औरत की दुश्मन बनी है औरत॥
KULWANT JI JHALLEVICHAARAANUSAAR
जवाब देंहटाएंAURAT JADON KEWAL AURAT BAN KE SAAMNE AAYEGI US WAQT AURAT DI SAAREE UDAASEE+LACHAAREE+DUSHMANEEAPNE AAP GHAYAB HO JAAYEGI.
JHALLI-KALAM-SE
एक अच्छी सोच की अच्छी कविता.....
जवाब देंहटाएंएक अच्छी सोच की अच्छी कविता.....
जवाब देंहटाएंफिर क्यों औरत की दुश्मन बनी है औरत
जवाब देंहटाएंयही यक्ष प्रश्न है।
कविता आपने सही लिखी है .. और आपका यक्ष प्रश्न भी जायज है .. पर इन्हीं दबाबों से निकल पाने के कारण तो उन्हें महान माना गया है !!
जवाब देंहटाएंअच्छी सोच की अच्छी कविता
जवाब देंहटाएं"मीरा, राधा और इन्हें जब जनी है औरत।
जवाब देंहटाएंफिर क्यों औरत की दुश्मन बनी है औरत॥"
उम्दा कविता , उम्दा सोच |
बधाई आपको |
शुभकामनायो के लिए धन्यवाद |