अलविदा ब्लॉगिंग...हैप्पी ब्लॉगिंग
कई महीने पहले बुरा भला के शिवम मिश्रा जी चुपके से कहीं छुपकर बैठ गए, फिर हरकीरत हीर ने अचानक जाने की बात कही, किंतु वो लौट आई। किसी कारणवश मिथिलेश दुबे भी ब्लॉग जगत से भाग खड़े हुए थे, लौटे तो ऐसे लौटे कि न लौटे के बराबर हुए पड़े हैं।
अब एक कलम के फौजी ललित शर्मा ने जाने का पक्का इरादा कर लिया। जाने वाले को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन जाने वाले से इतना जरूर कहा जा सकता है, जिस मन से अब आप जा रहे हैं, अगर वो ही मन लौटने को कहे तो लौट जरूर आना। तब आलसी फौजी मत बनना। एक फौजी की तरह फिर कलम उठाना, क्योंकि एक शिल्पकार का इंतजार यहाँ सदैव ही रहेगा।
अब एक कलम के फौजी ललित शर्मा ने जाने का पक्का इरादा कर लिया। जाने वाले को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन जाने वाले से इतना जरूर कहा जा सकता है, जिस मन से अब आप जा रहे हैं, अगर वो ही मन लौटने को कहे तो लौट जरूर आना। तब आलसी फौजी मत बनना। एक फौजी की तरह फिर कलम उठाना, क्योंकि एक शिल्पकार का इंतजार यहाँ सदैव ही रहेगा।
दर्द तेरे जाने का, कैसे सहूँगा मैं
ओ जाने वाले इतना कहूँगा मैं
कभी दिल कहे तो लौट आना,
ओ तेरे इंतजार में रहूँगा मैं
छोड़ चला है जिस घर को
वहाँ कैसे अकेला रहूँगा मैं
हैप्पी ब्लॉगिंग, यू आर राईट
अलविदा ब्लॉग न सहूँगा मैं
हैप्पी सोच मन विचलित है
चला कहाँ फौजी ललित है
लौट आ...लौट आ..लौट आ
यही गुनगुनाते कहूँगा मैं
दर्द तेरे जाने का, कैसे सहूँगा मैं
ओ जाने वाले इतना कहूँगा मैं
ओ जाने वाले इतना कहूँगा मैं
कभी दिल कहे तो लौट आना,
ओ तेरे इंतजार में रहूँगा मैं
छोड़ चला है जिस घर को
वहाँ कैसे अकेला रहूँगा मैं
हैप्पी ब्लॉगिंग, यू आर राईट
अलविदा ब्लॉग न सहूँगा मैं
हैप्पी सोच मन विचलित है
चला कहाँ फौजी ललित है
लौट आ...लौट आ..लौट आ
यही गुनगुनाते कहूँगा मैं
दर्द तेरे जाने का, कैसे सहूँगा मैं
ओ जाने वाले इतना कहूँगा मैं
आभार
उम्मीद करती हूं .. आपकी रचना पढकर ललित जी ब्लॉग जगत में अवश्य लौट आएंगे !!
जवाब देंहटाएंmujhe poora yakeen hai ki wo laut aayenge...
जवाब देंहटाएंrachna bahut khoob likhi tumne..
हैप्पी सोच मन विचलित है
जवाब देंहटाएंचला कहाँ फौजी ललित है
लौट आ...लौट आ..लौट आ
यही गुनगुनाते कहूँगा मैं
-हम भी आपके सुर में सुर मिलाते हैं.
ललितजी शायद आपकी रचना पढ़ने के बाद अपने निर्णय पर पुनर्विचार अवश्य करेंगे ! इतने सारे पाठकों और प्रशंसकों को यूँ निराश करना ठीक नहीं !
जवाब देंहटाएंhttp://sudhinama.blogspot.com
http://sadhanavaid.blogspot.com
desh bhar ke blagar agar lalit se aagrah kar rahe hai to lalit ko ab laut aanaachahiye ''ghar''. achchhi kavita ban gayee.
जवाब देंहटाएंमेरे लिये भी इतनी ही रचना लिखें तो मैं भी लिखना छोड़ सकता हूं, अलबत्ता पढ़ना नहीं...
जवाब देंहटाएंशर्मा जी अब लौट भी आइये...
nice
जवाब देंहटाएंkisi bhi viaaad sae dar kar agar koi bloging chhodta hae to jaane dae
जवाब देंहटाएंbloging blogger sae nahin muddae sae hotee haen
YH SARE BLOGGING CHHOD KAR JANE WALE BHAI-BAHNO KO KYA HO GYA ?YA TO INKE JIMMEDARIYAN BADH GAYI HAIN YA AUR KUCHH ..!!KAHIN INKE DIMAG KA STOCK TO NAHI KHATM HO GAYA HAI ..HAPPY PA JI TUSSI PTA KAR KE DASS DENA JI....AFSOS...!!!
जवाब देंहटाएंरचना शुभ सूचना का रूप कब धरेगी
जवाब देंहटाएंवत्स एक खुशखबरी है आपके लिए, फौजी ललित, वापिस आ चुके हैं और हम भी आ चुके हैं. :)
जवाब देंहटाएंललित जी ब्लॉग जगत में अवश्य लौट आएंगे !!
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