आखिर ये देश है किसका

1.
दूर है मंजिल, और नाजुक हालात हैं
हम भी चल रहें ऐसे ही दिन रात हैं

फिर आने का वायदा कर सब चले गए
न भगत सिंह आया, न श्रीकृष्ण
बस इंतजार में हम रेत बन ढले गए

जहर का प्याला लबों तक आने दो
और मुझे फिर से सुकरात होने दो
झूठ का अंधेरा अगर डाल डाल
तो रोशनी बन मुझे पात पात होने दो



2.
कैसे हो..घर परिवार कैसा है
तुम्हारा यार वो प्यार कैसा है

भाई बहन की पढ़ाई कैसी है
मां बाप की चिंता तन्हाई कैसी है

तुम्हारा ऑफिस में काम कैसा चल रहा है
ये जीवन तुम्हारा किस सांचे में ढल रहा है

3. महाभारत में पांडवों की अगुवाई करने वाले कृष्णा का
या यौवन में हँस हँसकर फांसी चढ़ने वाले भगत का
या फिर लाठी ले निकलने वाले महात्मा गांधी का
आखिर ये देश है किसका

श्री कृष्णा का लगता नहीं
ये देश
क्योंकि दुश्मन पर वार करने से कतराता है
जैसे देख बिल्ली कबूतर आंखें बंद कर जाता है

भगत सिंह का भी ये देश नहीं
वो क्रांति का सूर्य था,
यहां तो अक्रांति की लम्बी रात है

ये देश गांधी का भी नहीं
बाबरी हो, या 1984
लाशें ही लाशें
बिखरी जमीं पर
आती हैं नजर
आखिर ये देश है किसका




टिप्पणियाँ

  1. जहर का प्याला लबों तक आने दो
    और मुझे फिर से सुकरात होने दो
    झूठ का अंधेरा अगर डाल डाल
    तो रोशनी बन मुझे पात पात होने दो
    अरे बेटा ये देश तुम जैसे युवाओं का है अब ये तुम सब के हाथ है कि चाहे इसे जैसा भी बनाओ। बहुत अच्छी रचना है शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  2. क्या बात है हैपी भाई .........

    आज कुछ अलग सा तेवर लगा आपका!पर बहुत ही बढिया!

    जवाब देंहटाएं
  3. आखिर ये देश है किसका
    हर वतनपरस्त के जेहन मे यही सवाल है.

    जवाब देंहटाएं
  4. लाजवाब प्रश्न....
    लेकिन उत्तर तो हम ही है......
    बस कुछ बुर्जुआ बने बैठे हैं.......

    जवाब देंहटाएं

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