रेप रेप रेप, अब ब्रेक
दिल्ली से केरल तक रेप की ख़बरें। भारतीय संस्कृति ऐसी तो नहीं। फिर क्यूं अपने घर में, देश की राजधानी में सेव नहीं गर्ल। लड़कियां कल का भविष्य हैं, कहकर कन्या भ्रूण हत्या पर तो रोक लगाने की हम सब जंग लड़ रहे हैं, लेकिन जिंदा लड़कियों को जिन्दा लाश में तब्दील करने के खिलाफ कब लड़ना शुरू करेंगे हम। कभी दिल्ली की चलती बस में लड़की के साथ रेप होता है, तो कभी घर में उसके अपने ही उसके बदन के कपड़े तार तार कर देते हैं। कभी केरल से ख़बर आती है बाप ने अपनी बेटी से कई सालों तक किया रेप। रेप रेप रेप सुनकर तंग आ चुके हैं, अब ब्रेक लगना चाहिए। गैंग रेप की घटना होने के बाद सारा कसूर पुलिस प्रशासन पर डाल देते हैं। हजारों मामलों की पैरवी कर रही पुलिस इस को भी एक मामला समझ कार्रवाई शुरू कर देती है। कई सालों बाद कोर्ट आरोपियों को कुछ साल की सजा सुना देती है, मगर रेप एक लड़की को कई सालों तक की सजा सुना देता है। उसके भीतर एक अनजाने से डर को ताउम्र भर के लिए भर देता है। सिने जगत से लेकर मीडिया पर कसनी होगी नकेल हर तरफ सेक्स सेक्स, अश्लीलता अश्लीलता। जो दिमाग को पूरी तरह काम वासना ...