क्यूंकि कभी पकड़ नहीं गया
@ईमानदारी - एक कंपनी ने अपने आवेदन पत्र में लिखा क्या कभी आपको गिरफ्तार किया गया है? आवेदक ने उत्तर दिया नहीं, दूसरा सवाल था, अगर नहीं तो क्यूं, आवेदक ने बड़ी मासूमियत से उत्तर दिया, क्यूंकि कभी पकड़ नहीं गया।
@सोच - याद रहे कि हम किसी को हराने की तैयारी नहीं कर रहे, क्यूंकि हमारा लक्ष्य इतना छोटा नहीं।
@भरोसा- मुझे पता है, जो हम करने जा रहे हैं वो आसान नहीं, लेकिन असंभव भी तो नहीं।
@निर्णय - ओ जे सिम्पसन ने कहा था, जिस दिन आप अपने बारे में पूरी जिम्मेदारी ले लेते हैं। जिस दिन आप बहाने बनाना बंद कर देते हैं, उसी दिन आप चोटी की ओर की यात्रा शुरू करते हैं।
@यादों के झारोखों से - मुझे लेकर अफवाहों का बाजार हमेशा गर्म रहा, मेरा कार्य क्षेत्र भले कोई भी रहा हो। मैं जिस क्षेत्र में गया, वहां अफवाहें भी मेरे पीछे पीछे चली आई। कभी कभी सोचता हूं, कि कहीं बॉलीवुड जाने का सपना पूरा हो जाता तो यह अफवाहें मुझे हर रोज अख़बारों में स्पेस दिलाती। फिर सोचता हूं कि लोग कितने फुर्सत में रहते हैं, जो दूसरों पर निगाह रखकर उनकी बात दूसरों तक पहुंचाते हैं, अफवाहों में पुष्टि नामक शब्द नहीं होता, अफवाहें, झूठ, कयासों से, अनुमानों से बनती हैं, और आगे बढ़ती चली जाती हैं। वैसे फिल्म गुरू में गुरूकांत देसाई कहते हैं, कि जब लोग आप के बारे में बातें करने लगे तो समझो आप तरक्की कर रहे हैं।
बढ़िया कहा है..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ..
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही।
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