पुरुष महिलाओं के सिर्फ दोस्त नहीं हो सकते
एक नए शोध में पता चला है कि पुरुष कभी भी महिलाओं के सिर्फ दोस्त नहीं हो सकते. शोधकर्ताओं का कहना है कि पुरुषों की महिलाओं के साथ दोस्ती सिर्फ यौनाकषर्ण के कारण होती है. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तरफ महिलाएं पुरुषों के साथ दोस्ती को निष्काम भाव से लेती हैं.
वे उनसे कुछ ज्यादा की उम्मीद तभी करती हैं जब उनका स्वयं का रिश्ता मुश्किल में हो. 1989 की हॉलीवुड फिल्म ‘व्हेन हैरी मेट शैली’ भी इसी बात को बताती है.
फिल्म में हैरी की भूमिका निभा रहे बिली क्रिस्टल शैली की भूमिका में मेग रेयान से कहते हैं, ‘पुरुष और महिला कभी भी दोस्त नहीं हो सकते क्योंकि इस रिश्ते में सेक्स का कुछ न कुछ अंश रहता ही है.’
इस सर्वेक्षण में 88 युवा जोड़ों को शामिल किया गया था. शोध में पुरुषों में महिला मित्रों के प्रति आकषर्ण की प्रवृत्ति ज्यादा दिखी चाहे वे किसी के साथ संबंध में थे अथवा नहीं.
जबकि पहले से ही किसी पुरूष के साथ रिश्ते में बंधी महिला और एक अकेली महिला में भी पुरुष मित्रों के प्रति आकषर्ण का यही स्तर देखा गया. लेकिन संबंध में रह रही महिला, पुरुष मित्र के प्रति तभी आकषिर्त होती है जब उसका खुद का संबंध मुश्किल में हो.
ज्यादातर महिलाएं वैसे पुरुषों में कम ही रुचि लेती हैं जो पहले से ही किसी के साथ संबंध में हो. यह अध्ययन ‘सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप’ की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
आजतक डॉट के साभार से
वे उनसे कुछ ज्यादा की उम्मीद तभी करती हैं जब उनका स्वयं का रिश्ता मुश्किल में हो. 1989 की हॉलीवुड फिल्म ‘व्हेन हैरी मेट शैली’ भी इसी बात को बताती है.
फिल्म में हैरी की भूमिका निभा रहे बिली क्रिस्टल शैली की भूमिका में मेग रेयान से कहते हैं, ‘पुरुष और महिला कभी भी दोस्त नहीं हो सकते क्योंकि इस रिश्ते में सेक्स का कुछ न कुछ अंश रहता ही है.’
इस सर्वेक्षण में 88 युवा जोड़ों को शामिल किया गया था. शोध में पुरुषों में महिला मित्रों के प्रति आकषर्ण की प्रवृत्ति ज्यादा दिखी चाहे वे किसी के साथ संबंध में थे अथवा नहीं.
जबकि पहले से ही किसी पुरूष के साथ रिश्ते में बंधी महिला और एक अकेली महिला में भी पुरुष मित्रों के प्रति आकषर्ण का यही स्तर देखा गया. लेकिन संबंध में रह रही महिला, पुरुष मित्र के प्रति तभी आकषिर्त होती है जब उसका खुद का संबंध मुश्किल में हो.
ज्यादातर महिलाएं वैसे पुरुषों में कम ही रुचि लेती हैं जो पहले से ही किसी के साथ संबंध में हो. यह अध्ययन ‘सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप’ की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
आजतक डॉट के साभार से
सही है
जवाब देंहटाएंहो सकता हो की ये अधिकतर सही हो पर..... शत-प्रतिशत तो कभी भी नहीं....
जवाब देंहटाएंकुँवर जी,
"कुछ तो लोग कहेंगे ... लोगो का काम है कहना ..."
जवाब देंहटाएंकारगिल युद्ध के शहीदों को याद करते हुये लगाई है आज की ब्लॉग बुलेटिन ... जिस मे शामिल है आपकी यह पोस्ट भी – देखिये - कारगिल विजय दिवस 2012 - बस इतना याद रहे ... एक साथी और भी था ... ब्लॉग बुलेटिन – सादर धन्यवाद
sahee baat hai
जवाब देंहटाएंkunwar ji se sahmat hoon .
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