राम की रामायण होती है, किंतु रावण की रामायण नहीं हो सकती
आज सुबह दिल्ली के एक समाचार पत्र को देखते हुए एक विज्ञापन पर नजर गई। विज्ञापन एक नाटक के संदर्भ में था, जिसमें पुनीत इस्सर रावण के रूप में अभिनय कर रहे हैं। इस नाटक को निर्देशित और कलमबद्ध अतुल सत्य कौशिक ने किया है।
इस नाटक का नाम रावण की रामायण। हालांकि, राम की रामायण होती है, किंतु रावण की रामायण नहीं हो सकती।
पूछो क्यों?
जब सूर्य उत्तर दिशा की तरफ सरकने लगता है तो उस समय स्थिति को उत्तरायण कहा जाता है क्योंकि उस समय सूरज का उत्तर दिशा की तरफ बढ़ता है।
डॉ. विद्यानिवास मिश्र का एक संदर्भ लेते हुए बात करूं तो अयन के दो अर्थ हैं - 'घर' भी है और 'चलना' भी है। बिलकुल सही और स्टीक हैं। रामायण देखा जाए तो पूर्ण रूप से राम का घर है और यात्रा भी है, चलना भी यात्रा से जोड़ा जा सकता है।
राम कथा को रामायण इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसमें पूर्ण राम समाए हैं। रामायण का अर्थ कहानी या दास्तां नहीं होता। हालांकि, लोग आप बोल चाल की भाषा में कहते जरूर हैं कि तेरी रामायण बंद कर।
इसलिए रावण की रावणायण तो सकती है। मगर, रावण की रामायण होना मुश्किल है। इस शब्द को लेकर हो सकता है बहुत सारे लोगों को भ्रांतियां हों।
इस लेखक का प्रयास किसी को नीचा दिखाना या बुरा साबित करना नहीं बल्कि एक सही शब्द से अवगत करवाना है, जो रोजमर्रा के जीवन में शामिल है।
इस नाटक का नाम रावण की रामायण। हालांकि, राम की रामायण होती है, किंतु रावण की रामायण नहीं हो सकती।
पूछो क्यों?
जब सूर्य उत्तर दिशा की तरफ सरकने लगता है तो उस समय स्थिति को उत्तरायण कहा जाता है क्योंकि उस समय सूरज का उत्तर दिशा की तरफ बढ़ता है।
डॉ. विद्यानिवास मिश्र का एक संदर्भ लेते हुए बात करूं तो अयन के दो अर्थ हैं - 'घर' भी है और 'चलना' भी है। बिलकुल सही और स्टीक हैं। रामायण देखा जाए तो पूर्ण रूप से राम का घर है और यात्रा भी है, चलना भी यात्रा से जोड़ा जा सकता है।
राम कथा को रामायण इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसमें पूर्ण राम समाए हैं। रामायण का अर्थ कहानी या दास्तां नहीं होता। हालांकि, लोग आप बोल चाल की भाषा में कहते जरूर हैं कि तेरी रामायण बंद कर।
इसलिए रावण की रावणायण तो सकती है। मगर, रावण की रामायण होना मुश्किल है। इस शब्द को लेकर हो सकता है बहुत सारे लोगों को भ्रांतियां हों।
इस लेखक का प्रयास किसी को नीचा दिखाना या बुरा साबित करना नहीं बल्कि एक सही शब्द से अवगत करवाना है, जो रोजमर्रा के जीवन में शामिल है।
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