एक एक लम्हे से खूबसूरत जिन्दगी बनती है, संग्रह करो खूबसूरत लम्हों का
जिन्दगी के बारे में अक्सर कहा जाता है, जिन्दगी सफर है, मगर जब मै किसी भी भारतीय को देखता हूं तो मुझे यह दौड़ और उबाऊ पदचाल से ज्यादा कुछ नजर नहीं आती। प्रत्येक खूबसूरत लम्हा, एक दूसरे लम्हे से मिलकर एक खूबसूरत जिन्दगी का निर्माण करता है, लेकिन अफसोस है कि मानव को लम्हे की कीमत का अंदाजा नहीं, यह वैसे ही जैसे विश्व, दो प्राणी मिलते हैं, तो एक रिश्ता, और रिश्ता परिवार, एक समूह, समूह एक समाज, और समाज मिलकर एक विशाल विश्व का निर्माण करता है, वैसे ही हर एक खूबसूरत लम्हा जिन्दगी को खुशनुमा बना देता है। हमारे यहां बच्चों को सिखाया जाता है, देखो बेटा बूंद बूंद से तालाब भरता है, अगर तुम एक एक पैसा बचाओगे तो तुम्हारे पास धीरे धीरे बहुत सारे पैसे हो जाएंगे, मगर यह बात पैसों के संदर्भ में कही जाती है, कोई जिन्दगी के संदर्भ में नहीं कहता, कि अगर आप जिन्दगी के खूबसूरत लम्हों का संग्रह करोगे तो एक खुशहाल जिन्दगी जी पाओगे। मानव की इस शिक्षा ने मानव जीवन को सफर से दौड़ बनाकर रख दिया, जब आदमी भाग भागकर थक जाता है, तो कहता है जिन्दगी साली बेकार है, मगर वह भूल जाता है कि उसकी दौड़ खूबसूरत जिन्दगी के लिए नहीं, बल्कि पैसे के लिए थी।
चलते चलते, पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है, मगर विश्व में ऐसा कोई अमीर व्यक्ति नहीं, जिसने अपना गुजरा हुआ वक्त खरीद लिया हो।
चलते चलते, पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है, मगर विश्व में ऐसा कोई अमीर व्यक्ति नहीं, जिसने अपना गुजरा हुआ वक्त खरीद लिया हो।
चलते चलते, पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है, मगर विश्व में ऐसा कोई अमीर व्यक्ति नहीं, जिसने अपना गुजरा हुआ वक्त खरीद लिया हो।
जवाब देंहटाएंवाह .. क्या बात है !!