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व्हाट्सऐप पर मिलेगी वॉयस कॉलिंग सेवा

व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वालों के लिए खुशखबरी. अब उन्हें वहां वॉयस कॉलिंग की भी सुविधा मिलेगी. कंपनी ने फरवरी में इसकी घोषणा की थी. अब इस पर काम लगभग पूरा हो चुका है और कंपनी इसे जल्द शुरू कर देगी. व्हाट्सऐप मोबाइल मैसेजिंग में अग्रणी है. इसे हर महीने 46 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं. फेसबुक ने हाल ही में इसका अधिग्रहण कर लिया है. कंपनी यह सुविधा शीघ्र शुरू करने जा रही है, यह बात इससे पता चली कि कंपनी ने हिंदी अनुवाद का काम शुरू कर दिया है. इस पर काम करने वाले लोगों से कंपनी ने फिर से अनुवाद का आग्रह किया है. ये वाक्य वॉयस कॉलिंग फीचर व्हाट्सऐप में इस्तेमाल होंगे. पता चला है कि हैंगअप, इनकमिंग कॉल जैसे शब्दों के अनुवाद कराए गए हैं. यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि डेवलपर सबसे आखिर में अनुवाद का काम करवाते हैं. यानी जब सारा काम खत्म हो जाता है तो ही डेवलपर अनुवाद का काम करवाते हैं. इसका मतलब साफ है कि वॉयस कॉलिंग फीचर जल्द ही चालू होगा. व्हाट्सऐप के सीईओ जैन कूम ने मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस मं घोषणा की थी कि वॉयस कॉलिंग सुविधा पहले एंड्रॉयड और आईओएस में मिलेगी और फिर विंडोज तथा ब्लैकबेर

ट्विटर ने बदला अपना फेसलुक, बनने लगा फेसबुक

माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर अब नए रंग-रूप में दिखने वाला है. जल्द ही इसका लुक फेसबुक की तरह होने जा रहा है.  साइट के ब्लॉग में लिखा गया है कि इस नए बदलाव के साथ ट्विटर के यूजर्स अब खूद को ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकेंगे. क्या होगा नया - अब ट्वीट वाला हिस्सा ज्यादा बड़ा दिखेगा जिससे आप ज्यादा बहेतर ढंग से लोगों के सामने रह पाएंगे. - अब आप अपने किसी खास ट्वीट को पिन कर सकते हैं (जैसे फेसबुक में हाईलाइट करते हैं अपने पोस्ट को) ताकि अपनी खास बात अपने चाहने वालों तक पहुंचा सकें -सबसे खास बात अब आपको अपने ट्विटर अकाउंट में फिल्टर का ऑपशन मिलेगा जिससे आप न चाहने वाले ट्वीट को आसानी से फिल्टर कर पाएंगे - फेसबुक की तरह यूजर्स अब इसमें भी कवर फोटो लगा सकते हैं. इसके साथ अब प्रोफाइल पिक्चर भी काफी बड़े साइज में आपको दिखेगी. हालांकि इसके लिखने में जो शब्दों की पाबंदी है उसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही ये बदलाव अभी मोबाईल यूजर्स को मिल पाएगा. कल ट्विटर के इस खास बदलाव को कुछ लोगों तक सीमित किया गया था लेकिन अब जल्द ही सबके लिए उपल्बध होगा. अमेरिका की पहली

बालिग हुआ याहू का लोगो, नये रंग रूप में दिखा

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याहू ने पहली बार अपना लोगो बदला है। कंपनी बनने के बाद 18 सालों से याहू एक ही लोगो इस्तेमाल करती रही है। याहू का लोगो बदलना उस कवायद का एक हिस्सा है, जिसके तहत 14 महीने पहले गूगल से याहू में सीईओ बन कर आईं मरिसा मेयर कंपनी में काफी कुछ बदलना चाहती हैं। मरिसा के आने के बाद से याहू के फ्रंट पेज, ईमेल और फ्लिकर फोटो-शेयरिंग सर्विस में बदलाव के साथ-साथ मोबाइल डिवाइसेज़ के ट्रैफिक को खींचने के लिए कई अधिग्रहण किए गए हैं। नए लोगो को 2 तरीके से दिखाया गया है। एक में सफेद रंग के बैकग्राउंड पर बैंगनी रंग से YAHOO! लिखा है, जबकि दूसरे में बैंगनी रंग का बैकग्राउंड है और टेक्स्ट का रंग सफेद है। याहू ने लोगो को 1.1 अरब डॉलर में खरीदी गई इंटरनेट ब्लॉगिंग सर्विस टम्बलर पर जारी किया।  

एबीपी न्‍यूज ने शुरू किया आपका ब्‍लॉग

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लिखने वाले को चाहिए प्‍लेटफॉर्म, थोड़ी सी प्रसिद्धि, और कंपनी को माल। इंटरनेट की दुनिया में अब ब्‍लॉगरों का दम बोलने लगा है। कल तक पानी पी पी कर कोसने वाले आज ब्‍लॉग जगत के धुरंधरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए जुट चुके हैं। ब्‍लॉगर डॉट कॉम का शुक्रिया जिसने अपना मंच आजाद लिखने वालों को दिया। किसी ने यहां कविताएं लिखी, किसी ने अपनी हर रोज की दिनचर्या। ब्‍लॉगिंग धीरे धीरे अपने चर्म की तरफ बढ़ने लगी। हिन्‍दी ब्‍लॉगरों की भीड़ इंटरनेट पर एकत्र होने लगी। ब्‍लॉगवाणी ने ब्‍लॉगरों को दम भरने का मौका दिया। छोटी छोटी नुक्‍कड़ बैठकों की तरह ब्‍लॉगरों मीटों का आयोजन होने लगा। भारत में ब्‍लॉगर, यानि स्‍वतंत्र कलम का मालिक उभरकर सामने आने लगा। अख़बारों में लेखन को जगह मिलने लगी। अब संपादक के नाम पत्र लिखने की जरूरत न महसूस होने लगी। ब्‍लॉगर और वर्डप्रेस का साथ मिलने से ब्‍लॉगर खुश हुआ। उसकी कलम दिन प्रति दिन नये नये शब्‍दों को जन्‍म देती चली गई। आज ब्‍लॉगर के लिए देश के बड़े बड़े मीडिया दिग्‍गजों ने अपनी वेबसाइटों पर ब्‍लॉग व्‍यवस्‍था कर दी, जोकि केवल शुरूआती दौर में उनके अपने कर

वॉट्सएप, फेसबुक और समाज

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12 साल का रोहन फेसबुक पर खाता बनाता है। अपनी उंगलियों को मोबाइल पर तेज रफतार दौड़ाता है। एंड्रॉयड, विन्‍डोज, स्‍मार्ट फोन और ब्‍लैकबेरी के बिना जिन्‍दगी चलती नहीं। भारतीय रेलवे विभाग भले साधारण फोन से रेलवे टिकट कटवाने की व्‍यवस्‍था की तरफ बढ़ रहा हो, लेकिन भारतीय एक पीढ़ी हाईटेक फोनों की तरफ बढ़ रही है। गेम्‍स, चैट और नेटसर्फिंग आज की युवा पीढ़ी की दिनचर्या का हिस्‍सा बन चुकी है। यह दिनचर्या उनको अजनबियों से जोड़ रही है और अपनों से तोड़ रही है। अंधेर कमरे में भी हल्‍की लाइटिंग रहती है, यह लाइटिंग किसी कम रोशनी वाले बल्‍ब की नहीं, बल्‍िक मोबाइल फोन की स्‍क्रीन से निकली रोशनी है। आज युवा पीढ़ी कहीं पर भी हो, लेकिन उसकी नजर मोबाइल फोन की स्‍क्रीन पर रहती है। रतन टाटा, बिरला और अम्‍बानी से ज्‍यादा व्‍यस्‍त है, हमारी युवा पीढ़ी। सेक्‍सी, होट कैमेंट आज आम बात हो चली है। फेसबुक, वॉट्सएप्‍स के मालिक दिन प्रति दिन धनी हो रहे हैं। सीबीआई और आईबी के दस्‍तावेजों से भी ज्‍यादा आज की युवा पीढ़ी के मोबाइल कॅन्‍फीडेंशियल होते हैं। एक शादी समारोह में एक लड़की मेरा ध्‍यान अपनी ओर खींच रही थी, इस

30 साल का हुआ इंटरनेट

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-: वाईआरएन सर्विस :- न ई मेल होती, न फेसबुक होता और न होता यू ट्यूब, अगर इंटरनेट का जन्‍म न होता। आज इंटरनेट 30 साल का हो चुका है। सोचो जरा! भारतीय आईटी इंडस्‍ट्री इंटरनेट के बिना आख़िर कैसी होती? आज भारत में चार बड़ी आईटी सर्विसेस कंपनियों की श्रेणी में टीसीएस, विप्रो, इन्‍फोसिस एवं एचसीएल टेक्‍नोलॉजिज शामिल हैं, जिनमें लगभग छह लाख से ऊपर कर्मचारी कार्यरत हैं। दरअसल, आज से करीबन 30 साल पूर्व 1 जनवरी 1983 को पुरानी टेक्‍नॉलोजी को अलविदा कहते हुए नई प्रणाली को स्‍थापित किया, जिसे आज हम इंटरनेट के रूप में जानते हैं। उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क 'Advanced Research Projects Agency Network' की जगह सम्पूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) का रास्ता तैयार हुआ। अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षों में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था एवं कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे कई संस्थानों ने इसकी वि

इंस्‍टाग्राम ने यूजर्स को दिलाया भरोसा

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-: वाईआरएन सर्विस :- मोबाइल फोटो शेयरिंग वेबसाइट इंस्‍टाग्राम ने यूजर्स की फीडबैक के बाद थैंक्‍स, वी आर लिस्‍टनिंग, ब्‍लॉग पोस्‍ट के जरिए अपने यूजर्स को संतुष्‍ट करने के लिए कहा है, वो उनकी फोटो को किसी भी एड में इस्‍तेमाल नहीं करेंगे। अब इंस्‍टाग्राम का मालिक फेसबुक है। उसने अपने नए नियम एवं शर्तें तैयारी की हैं। उसने इस्‍तेमाल कर्ताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी फोटो के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उनकी फोटो को किसी भी विज्ञापन आदि में इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा। इंस्‍टाग्राम प्रबंधन का कहना है कि यूजर्स अपनी फोटो को पब्‍लिक एवं अपने फ्रेंड सर्कल में शेअर कर सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि इसको और सरल बनाया जाएगा। गौरतलब है कि इंस्‍टाग्राम को सितम्‍बर में फेसबुक ने खरीदा था। इसकी नियम एवं शर्तों में परिवर्तन कर दिया गया है, जो 17 जनवरी के बाद लागू हो जाएंगी।

फेसबुक को पीछे छोड़ने की होड़ में गूगल

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-: वाईआरएन सर्विस :- भले ही गुगल का ओर्कुट उत्‍पाद फेसबुक के आगे दम नहीं भर सका, लेकिन ओर्कुट से सीखकर लोग फेसबुक तक पहुंचे। मगर अब गूगल अपने निराश हो चुके यूजर्स को वापिस लाने के लिए अपना पूरा दमखम गूगल प्‍लस पर लगा रहा है। गूगल प्‍लस में गूगल ने काफी सारे नए एप्‍लीकेशनस जोड़ दिए हैं, जो यूजर्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। गूगल ने दावा किया है कि गूगल प्लस के सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है। इसमें फेसबुक के इंस्टाग्राम जैसी सेवाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए फोटोज एवं वीडियो डालने जैसी एप्‍लीकेशन को भी जोड़ दिया गया है। गूगल के सीनियर अधिकारी विक गुन्डोत्रा ने एक ब्लॉग पोस्ट पर कहा कि गूगलप्लस का विस्‍तार तेजी से हो रहा है। फिलहाल 13.5 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता हैं एवं 50 करोड़ से ज्यादा ने अपने गूगल अकाउंट का अपग्रेडेशन किया है जो इस सोशल नेटवर्क में भागीदारी कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी फेसबुक से प्रतिस्पर्धा कर रही है। गूगल ने कहा कि उसके ऑनलाइन सोशल नेटवर्क के सक्रिय यूजर्स की संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है। इतना ही नहीं, ओर्कुट

एंड्रॉयड फोन यूजर्स को फेसबुक का नया तोहफा

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-: वाईआरएन सर्विस :-   अगर आप एंड्रॉयड फोन इस्‍तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक खुशख़बर है। जी हां, बुधवार को युवाओं की पहली पसंद बन चुकी सोशल नेटवर्किंग फेसबुक ने न्यू मेसेंजर ऐप लॉन्च किया, जिसकी सहायता से बिना फेसबुक अकाउंट के भी एंड्रॉयड यूजर्स एक-दूसरे को संदेश भेज सकते हैं। इसके लिए फेसबुक ने काफी करियर्स के साथ-साथ डिवाइस बनाने वाली कंपनियों से भी करार किया है। फेसबुक ने अपने बयान में कहा कि यूजर्स अपने नाम और नंबर द्वारा मेसेंजर अकाउंट साइन अप कर सकते हैं, इससे उन्हें अपने फोन कॉन्टेक्ट्स पर फटाफट संदेश भेजने में आसानी होगी। दिलचस्‍प बात यह है कि फेसबुक ने अपनी इस सुविधा को फिलहाल इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, वेनेजुएला और साउथ अफ्रीका में शुरू किया है। सूत्रों की माने तो इस सुविधा को लाने का मुख्य उद्देश्य मेसेंजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है। फिर इससे लोग अपने तमाम फोन कॉन्टेक्ट्स के साथ आसानी से चैट भी कर सकते हैं। इसमें यह जरूरी नहीं होगा कि आपको जिन्हें मेसेज भेजना है, वे फेसबुक पर हों ही।