इमरान हाशमी के नाम एक खुला पत्र


तुमने तो यू-टर्न ले लिया, लेकिन आज के बाद अगर किसी अन्य व्यक्ति ने आवाज उठाई तो उसका क्या होगा? इमरान हाश्मी। क्या तुम्हारे पास कोई जवाब है? तुम तो मिस-कम्यूनिकेशन की बात कहकर निकल गए, अगर तुम्हारे बयान के बाद शहर की स्थिति तनावपूर्ण हो जाती तो फिर कोई क्या करता। तुमको तो मशहूरी मिल गई, चर्चा मिल गई। तुमने तो सच के खिलाफ उठने वाली आवाजों को भी दबने के लिए मजबूर कर दिया। अगर आज के बाद कोई सच के खिलाफ भी आवाज उठाएगा तो लोग उसको झूठ-मशहूरी का फंडा कहकर नकार देंगे।

इमरान हाश्मी तुम तो इस फिल्म जगत में नए हो, लेकिन यहां तो सालों से मुस्लिम भाईचारे के लोग बसे हुए हैं एवं फिल्म जगत पर राज कर रहे हैं। उनके मुम्बई में बड़े बड़े आलीशान महल हैं, यहां तक कि शाहरुख खान के बंगले मन्नत को देखने के लिए सैंकड़ों लोग हर रोज मुम्बई तक आते हैं। वो भी तो मुस्लिम भाईचारे से है, उनको तो किसी ने बाजू पकड़कर बाहर नहीं निकाला। समस्या वो नहीं थी, जो तुमने बताई, मीडिया में जिसका चर्चा किया। समस्या तो ये है कि तुम अभी स्टार बने ही नहीं, तुम तो एक सीरियल किसर हो, जिसको बस वो युवा देखते हैं, जिनको स्क्रीन पर आंखें गर्म करनी होती हैं और बाप का मिला पैसा उड़ाना होता है। तुम्हारी सीरियल किसर वाली छवि ने तुम्हारा रास्ता रोका है, धर्म ने नहीं। तुम कभी किसी बंद कमरे में बैठकर सोचना कि तुमने कभी अभिनय किया है। तुम्हारी कितनी ही फिल्में रिलीज हो चुकी हैं, उनको घर में रखी डीवीडी पर लगाकर देखना और वो भी पूरे परिवार के समेत। फिर पता चलेगा कि महेश भट्ट और तुमने मिलकर समाज को एवं हिन्दी फिल्म जगत को क्या दिया है?

तुम युवा हो और युवाओं की तरह सोचो। जमाना बदल रहा है, तुम भी रूढ़ीवादी सोच को त्याग कर नए समाज में सांस लेने की कोशिश करो। वरना, जो मुकाम तुमको अभी मिला हुआ है वो भी छीनने में कोई ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। अगर तुम को देश के चंद लोग जानते हैं तो तुम उस प्रसिद्धि का फायदा देश को जोड़ने के लिए करो, तोड़ने के लिए नहीं। डा.कलाम शारीरिक तौर पर बूढ़े हो गए, लेकिन सोच आज भी युवा है। हर कोई उनको सर-आंखों पर बिठाता है, तुम एक घर के लिए रो रहे हो..वो हर हिंदुस्तानी के दिल में बसते हैं। कभी किसी ने नहीं कहा कि तुम मुस्लिम हो, तुमको हमारे मन में बसने की कोई जरूरत नहीं। डा.कलाम से कोई सीख लेना, वो भी अभिनेता बनने जा रहे हैं। उम्मीद है तुम से अच्छा अभिनय करेंगे, बेशक उन्होंने कई सालों से कोई फिल्म नहीं देखी।

टिप्पणियाँ

  1. वाकई इमरान खड़क सिंह तो नहीं हैं क्योंकि खड़क सिंह ने तो बाबा भारती के शब्दों पर शर्मिन्दगी महसूस की थी मगर ये बालीवुड का खड़क सिंह क्या महसूस करेगा।इस ने तो अपने अन्य भाईयों के लिए भी सभी रास्ते बन्द करने की कोशिश की है।खैर बाबा भारती के जमाने में खड़क सिंह को तो माफी मिल भी गई थी मगर पता नहीं इस खड़क सिंह को माफी मिलेगी भी या नहीं।

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  2. यह इनकी सोच का स्तर बताता है, ये लोग सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते है ! अफ़सोस सिर्फ इस बात का है कि हमारे तथाकथित हिंदुत्व के ठेकेदारों में कोई ऐसा ठेकेदार नहीं निकला जो ऐसी हरकते करने वालो को कानूनन ऐसा सबक सीखा पाता कि आगे से कोई और इस तरह के आरोप लगाने की हिम्मत न कर सके !

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  3. युवाओं के नाम पर कम अंक है इमरान। मुझे तो यही लगता है। बाकी आप जानें या जाने इमरान।

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