क्रिकेटरों पर हमला-एक चेतावनी

एक तरफ यहां भारतीय क्रिकेट टीम के न्यूजीलैंड की पिच पर निरंतर विकेट गिर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान से खबर आई कि श्रीलंकाई टीम पर कुछ हथियारबंद हमलावरों ने गोलीबारी कर दी, जिसमें तकरीबन आठ पुलिसकर्मी चल बसे जबकि श्रीलंका की आधी से ज्यादा टीम बुरी तरह घायल हो गई. इस खबर के एकाएक आने से मुझे इमरान खान का एक बयान याद आ गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में क्रिकेटरों को आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं, वो पाकिस्तान की सरजमीं पर बिल्कुल सुरक्षित हैं, लेकिन जब ये ख़बर आज इमरान ने सुनी होगी तो उनको पता चल गया होगा कि देश से दूर बैठकर बयान देना कितना सरल एवं आसान. आज के हमले में महेला जयवर्धने भी घायल हुए, जिन्होंने कभी कहा था कि पाकिस्तान की सरजमीं पर खेलने से वो पाकिस्तान का अहसान लौटा देंगे, जो पाकिस्तान की टीम ने श्रीलंका में बुरे वक्त पर खेलकर उनपर किया था. मगर महेला जयवर्धने को इस बात की बिल्कुल भनक तक न थी कि हमलावर इस तरह उन पर कहर बनकर टूटेगें. आज जो कुछ लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के समीप घटित हुआ, वो पाकिस्तान की जनता के असुरक्षित होने के अहसास के अलावा भारत के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं. अब भारत को अपनी सीमाएं मजबूत करनी होंगी, वरना बंग्लादेश एवं पाकिस्तान के हालात भारत की शांति में खलल डाल सकते हैं. बंग्लादेश में पिछले दिनों जो बीडीआर का विद्रोह देखने को मिला, वो भी भारत के लिए एक सूचना है कि पड़ोसी देश अपनी गलत नीतियों की वजह से भूखमरी एवं अस्थिरता का शिकार हो रहे हैं. इन अस्थिर देशों की जनता सुरक्षित नहीं, सुरक्षा के अभाव एवं भूखमरी के चलते इन देशों के नागरिक किसी भी कीमत पर अपने देश से निकलकर एक शांत एवं खुशहाल देश की तरफ जाएंगे. बेशक कीमत कुछ भी क्यों न चुकानी पड़े. इन दोनों देशों के नागरिकों का पहला सुरक्षित ठिकाना होगा भारत, भारत ही ऐसा देश है जहां पर अवैध रूप से तिब्बती, नेपाली, बंग्लादेशी एवं पाकिस्तानी लाखों की संख्या में सुख की जिन्दगी बसर कर रहे हैं. कुछ राज्यों में तो बंग्लादेशियों की संख्या इतनी हो गई कि वहां के रहवासियों का अस्तित्व भी खत्म हो रहा है. पाकिस्तान एवं बंग्लादेश की बिगड़ते हालात भारत के लिए चिंता का विषय है. इतना ही नहीं नेपाल में माओवादियों की सरकार है और उनका संबंध चीन के साथ निरंतर अच्छा होता जा रहा है.इसमें कोई शक नहीं कि चीन मन ही मन में भारत की जमीं पर अपना अधिकार करना चाहता है. इसके अलावा पाकिस्तान भी चीन की कठपुतली बनता जा रहा है, बेशक वो अमरीका के करोड़ों डालर हड़प गया हो, लेकिन अंदर खाते वो चीन से अपने संबंध सुधार रहा है. पाकिस्तान का ज्यादातर क्षेत्र अब तालिबान की जकड़ में आ चुका है. पाकिस्तान की सरकार तो तालिबान के साथ किए युद्ध विश्राम का पालन कर रही है, लेकिन स्वात घाटी में सामने आया पिछले दिनीं अपहरण का मामला दर्शाता है कि भले पाकिस्तान सरकार मूक दर्शक बन गई, किंतु तालिबान अपनी टांगे निरंतर फैलाता जा रहा है. पाकिस्तान में आज जो क्रिकेटरों पर हमला हुआ है, क्रिकेट जगत के लिए नहीं बल्कि पूरे जगत के लिए चिंताजनक विषय है. मुम्बई हमलों में खुद का हाथ न मानने वाले पाकिस्तान को इस घटना ने जगत के सामने नंगा कर दिया, क्या अब भी पाकिस्तान कहेगा कि पाकिस्तान में आतंकवाद नहीं पनप रहा ? क्या अब भी पाकिस्तान बोलेगा उसने अमेरिका से आतंकवाद खत्म करने के लिए लिए करोड़ों रुपए सही काम में इस्तेमाल किए ?

टिप्पणियाँ

  1. कांग्रेस, पाकिस्तान को छोटा भाई मानने वालों और सेकुलरिज़्म की जय हो…

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  2. नंगे को भी

    भला
    कर सका है

    नंगा कोई ?

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  3. बेनामी3/03/2009 1:02 pm

    चुस्त लेख है।

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  4. अफसोसजनक, दुखद एवं निन्दनीय घटना!!

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