कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे


कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे
और कितने दिन खुद को मूर्ख बनाते रहोगे

अब छोड़ो यूं पुतले बनाकर जलाने
हकीकत में रावण को जलाना सिखो
रावण सी हैं कई समस्या देश में
सब जोश के साथ उसको मिटाना सिखो
यूं झूठी जीत का जश्न कब तक मनाते रहोगे
कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे

गरीब की इच्छा, आजादी, उड़न
जहां तक नींद अगवा है
मैं अकेला कहता नहीं यारों
पूरा देश इसका गवाह है
झूठी आजादी का स्वांग कब तक रचाते रहोगे
कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे

शहीदों को तो बस फूल मिले
मिली कुर्सी स्वार्थियों को
बस वोट बैंक बनाकर रख दिया
अपनों और शर्णार्थियों को
कब तक आंख मूँदे यूं ही बटन दबाते रहोगे
कागज से बना रावण, कब तक जलाते रहोगे


टिप्पणियाँ

  1. ऐसे ही खुश हो लेते हैं.

    विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह भैया दे दी आज फिर अच्छे से.....
    हम मित्र भी ऐसे बैठे मजाक में चर्चा कर रहे थे की रावन को बार-बार जलाना तो हमारे संविधान के भी विरुद्ध है... की दंड एक की सजा उसे शताब्दियों से देते आ रहे है......
    पर जो आखिर में लाजवाब शब्द निकल गए आपसे..... उस पर तो यही कहूँगा जागो भारत जागो......

    जवाब देंहटाएं
  3. जब तक कागज से बना रावण जलाने पर रोक नहीं लगेगी। जुर्माना नहीं होगा। तब तक ...

    जवाब देंहटाएं

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