पंजाब में छिड़ने वाला है धर्म युद्ध !
जहां एक तरफ चुनाव नजदीक आते राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, वहीं दूसरी तरफ पंजाब को दंगों की आग में झुलसाने की तैयारियां भी पर चल रही हैं। आज रोजाना अजीत में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक सिख समुदाय डेरा प्रेमियों के विरुद्ध एक अभियान चलाने वाला है, जिसका नाम 'धर्म युद्ध' है. इस अभियान में करीबन 11 सदस्यीय 13 दल हैं, जिनको 'शहीदी जत्थों' का नाम दिया गया है. अभियान के नाम से और जत्थों के नाम से एक बात तो सिद्ध हो गई कि इस बार सिख समुदाय के लोग करो या मरो की नीति अपना चुके हैं. युद्ध शब्द शांति एवं अमन का प्रतीक नहीं, जब युद्ध लगता है तो करोड़ों हँसते खेलते लोग शवों में तब्दील हो जाते हैं. घरों में मातम छा जाते हैं, हँसी चीखों में बदल जाती है, चेहरे की मुस्कराहट खामोशी में बदल जाती है. जिस तरह की रणनीति कल तख्त श्री दमदमा साहिब में जत्थेदार बलवंत सिन्ह नंदगढ़ के अध्यक्षता में तैयार की गई है, उससे तो लगता है कि पंजाब एक बार फिर से दंगों की आग में झुलसने वाला है. पिछले साल सिखों एवं डेरा प्रेमियों के बीच हुए खूनी संघर्ष को भूल लोग फिर से अपनी आम जिन्दगी में लौट आए थे, लेकिन जिस तरह अब 22 मार्च से सिख समुदाय डेरे बंद करवाने की कवायद को शुरू करने की घोषणा कर चुका है, उससे लगता है कि पंजाब में डेरा प्रेमियों एवं सिखों के बीच एक बार फिर से तलवारें, गोलियां एवं ईंटचलने वाली हैं. मेरे हँसते खेलते पंजाब में एक बार फिर से गुस्से, हिंसा एवं वैर की हवा चलने वाली है. कुछ लोग इस सिख समुदाय की घोषणा को राजनीति से जोड़कर देख रहा है. क्योंकि चुनावों के दौरान सिख समुदाय का इस तरह से अचानक घोषणा करना, एक तरह सिख समुदाय को अपनी तरफ खींचना है. इसमें कोई शक नहीं कि इतने विवादों के बाद भी मालवा में डेरा सिरसा के संत गुरमीत सिंह राम रहीम की पैठ पहले की तरह जमी हुई है. ये पैठ लोक सभा के चुनावों में बादल परिवार के लिए खतरे की घंटी है. बादल का निवास स्थान मालवा क्षेत्र में है. इस क्षेत्र में आठ जिले आते हैं, जिनमें डेरा सिरसा के अनुयायियों की संख्या काफी है. ऐसे में अनुमान हैं कि सिख वोट को खींचने के लिए बादल परिवार ने अपने सहयोगी एसजीपीसी का सहारा लिया होगा फिलहाल तो पंजाब में शांति बरकरार है और दुआ करते हैं आगे भी बरकरार रहे, क्योंकि इन दिनों शिक्षण संस्थानों के पेपर भी शुरू होने वाले हैं. कहीं इस छिड़ने वाले धर्म युद्ध में देश का भविष्य बलि न चढ़ जाए.
bandhu, bharat ki raajneeti desh ko dharmik kabeelon ka akhada bana chuki hai. sthiti bahut kharaab hone ja rahi hai.
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