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'जनांदोलन' नहीं, 'जनाक्रोश'

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राहुल गांधी, अब जनपथ से बाहर आइए। इंडिया गेट पर पहुंचकर, उस युवा पीढ़ी के साथ खड़े होने का दम दिखाईए। जिसको बार बार राजनीति में उतरे का आह्वान आप हर राजनीति रैली में कर रहे थे। इस बार पुलिस असफल हो रही है भीड़ को खदेड़ने में, क्‍यूंकि यह जनांदोलन नहीं, जनाक्रोश है। जो ज्‍वालामुखी की तरह एक दम से फूटता है, और पानी की बौछारें उस आग का कुछ नहीं बिगाड़ पाती, जो ज्‍वालामुखी से उत्‍पन्‍न होती है। जो जनाक्रोश दिल्‍ली में अभी देखने को मिल रहा है। वो अब तक हुए जनांदोलनों से कई गुना ज्‍यादा आक्रामक है। वहां हर कोई पीड़ित है। वहां हर कोई सरकार से पूछना चाहता है आखिरी कब मिलेगी असली आजादी। लड़कियां तो लड़कियां इस जनाक्रोश में तो लड़के भी बहुसंख्‍या में शामिल नजर आ रहे हैं, जो कहीं न कहीं बदलते समाज की तस्‍वीर को उजागर करते हैं। ये वो युवा पीढ़ी है, जो आने वाले कल में देश को नई पनीरी देगी। जो आज दिल्‍ली में आक्रोशित हैं, वो कल अपने बच्‍चों को शायद एक अच्‍छा नागरिक बनाने में तो अपनी जी जान लगाएगी। वहीं, दूसरी तरफ उस अस्‍पताल के बाहर कुछ कानून की पढ़ाई कर रहे छात्र नुक्‍कड़ नाटक के प्रति लोगों को

ऑस्‍कर से 42वीं भारतीय फिल्‍म रिजेक्‍टेड

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-: वाईआरएन सर्विस :- बॉक्‍स ऑफिस पर सौ करोड़ रुपए से अधिक कलेक्‍शन करने वाली एवं समीक्षकों के मुंह से वाह वाही लूटने वाली रणबीर कपूर एवं प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्‍म ऑस्‍कर की दौड़ में शामिल नहीं हो सकी। भारत द्वारा ऑस्‍कर के लिए भेजी गई 45 फिल्‍मों में से केवल तीन को ऑस्‍कर के लिए नॉमिनेट किया गया, बाकी सब फिल्‍मों के लिए भारत को न सुनने को मिली। भारत ने ऑस्‍कर की ''उत्‍तम फिल्‍म विदेश भाषा'' श्रेणी के लिए पहली बार मदर इंडिया को 1957 में भेजा गया, जो ऑस्‍कर के लिए नामित हुई एवं अंत एक इटालियन फिल्‍म ले नॉटी दी कैबीरिया से केवल एक वोट के अंतर से हारी। इसके बाद भारत इस पुरस्‍कार के लिए किसी साल फिल्‍म भेजता और किसी साल न भेजता। यह सिलसिला करीबन 1984 तक चला। इसके बाद केवल 2003 को छोड़कर भारत ऑस्‍कर पुरस्‍कार के लिए निरंतर फिल्‍में भेज रहा है। भारत अब तक इस पुरस्‍कार के लिए करीबन 45 फिल्‍में भेजा चुका है, जिसमें 30 हिन्‍दी फिल्‍में हैं, बाकी अन्‍य क्षेत्रिय भाषाओं से चुनी गई फिल्‍में हैं। अगर हिन्‍दी सिनेमा की बात करें तो सुनील दत्‍त व आमिर ख़ान ऐसे सितारे हैं, जिनकी

दिल्‍ली की प्रशासक महिला, फिर महिला असुरक्षित!

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दिल्‍ली गैंगरेप मामले ने उस तरह तुल पकड़ लिया, जिस तरह मुम्‍बई में हुए आतंकवादी हमले ने। भले ही इससे पहले भी गैंगरेप हुए थे, भले ही इससे पहले भी आतंकवादी हमले हुए थे। शायद किसी न किसी चीज की एक हद होती है, जब हद पार हो जाए तो उसका विनाश तय होता है। दिल्‍ली गैंगरेप के बाद लोग सड़कों पर उतर आए, मगर दिल्ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित कहती हैं, उनमें हिम्‍मत नहीं कि वो रेप पीड़िता से मिल सकें, लगातार तीन बार दिल्‍ली की जनता ने उनको मुख्‍यमंत्री बनाया। दिल्‍ली का प्रशासन एक महिला के हाथ में है, मगर हैरत की बात है कि दिल्‍ली को महिलाओं के लिए असुरक्षित माना जा रहा है। इससे पहले दिल्‍ली पर सुषमा स्‍वराज का राज रहा। निरंतर महिलाएं दिल्‍ली की सत्‍ता संभालें हुए हैं, मगर फिर भी दिल्‍ली सुरक्षित नहीं महिलाओं के लिए। देश की सबसे बड़ी पार्टी को चलाने वाली सोनिया गांधी   दिल्‍ली में दस जनपथ पर रहती हैं। वहीं, सेक्‍सी शब्‍द को सुंदरता की संज्ञा देने वाली महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा   भी तो दिल्‍ली में बसती हैं। गैंग रेप मामले ने जैसे ही तुल पकड़ा तो सेक्‍सी शब्‍द की सुंदरता से तुलना करने वा

'दबंग 2' से हुआ 'कैपरी सिनेमा' का पुन:उदय

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-: वाईआरएन सर्विस :-   जहां पूरा विश्‍व 21 दिसम्‍बर 2012 को खत्‍म होने वाला था, वहीं राख़ हो चुके कैपरी सिनेमा हाल का दबंग 2 से 21 दिसम्‍बर को फिर उदय हुआ। कराची का सबसे सिंगल स्‍क्रीन लोकप्रिय कैपरी सिनेमा 21 सितम्‍बर को कुछ शरारती तत्‍वों द्वारा जला दिया गया था। इसके अलावा सात अन्‍य सिनेमाओं को भी निशाना बनाया गया था, जिसमें से पांच सिनेमा हाल कराची के थे, जबकि अन्‍य तीन पेशावर के। सिने प्रेमियों की जरूरत को देखते हुए इस सिनेमा हाल को फिर से पुन:जीवित करने का फैसला किया गया। पहले उम्‍मीद थी कि यह सिनेमा सात दिसम्‍बर को शुरू हो जाएगा, और दर्शक खिलाड़ी 786 देख पाएंगे। मगर ऐसा हो न सका, अंत यह सिनेमा 21 दिसम्‍बर से पहले फिर बनकर तैयार हो गया, और इस की फिर शुरूआत सलमान ख़ान की बहुत चर्चित फिल्‍म दबंग 2 से की गई। इस फिल्‍म को देखने के लिए दर्शकों की बेहद भीड़ सिनेमा हाल के बाहर देखी गई। पूरी सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बीच सिनेमा हाल का पुन:संचालन किया गया है। इस सिनेमा हाल के मालिक ने पाकिस्‍तान समाचार पत्र द डान से बातचीत करते हुए कहा, उनको पूरी उम्‍मीद है कि दबंग 2 सप्‍ताह भर हाऊसफुल बि

बॉलीवुड रिपोर्ट बनाम बॉक्‍स ऑफिस 2012

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इंडिया में दो चीजें बेहद पापुलर हैं एक क्रिकेट और दूसरा मूवीज। दोनों को देखने के लिए भारतीय दर्शक उतावले रहते हैं। सलमान ख़ान की दबंग 2 के साथ बॉलीवुड 2012 के बही ख़ाते को बंद करने जा रहा है। साल 2012 में रिलीज हुई फिल्‍मों में सलमान ख़ान की 'एक था टाइगर' बॉलीवुड में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्‍मों में शुमार है एवं पहले दिन बॉक्‍स ऑफिस 32 करोड़ रुपए एकत्र करने का रिकॉर्ड भी इसी के नाम दर्ज हुआ, लेकिन पूरे साल भर की एकत्र राशि करने में अक्षय कुमार सबसे आगे रहे क्‍यूंकि अक्षय कुमार ने इस साल फिल्‍म निर्माताओं को चार सौ करोड़ से भी अधिक रुपयों का कलेक्‍शन करके दिया। अक्षय कुमार, सलमान ख़ान के अलावा इस साल बॉक्‍स ऑफिस पर गंभीर दिखने वाले अजय देवगन ने भी काफी धमाल मचाई। अजय देवगन की बोल बच्‍चन ने जहां 100 करोड़ के क्‍लब में एंट्री मारी, वहीं सन ऑफ सरदार सौ करोड़ से कुछ कदम पीछे ठहर गई, लेकिन फिर भी यह फिल्‍म भारतीय सर्वाधिक कलेक्‍शन करने वाली फिल्‍मों की टॉप टेन सीरिज में है। इस साल रिलीज हुई शाहरुख़ ख़ान की जब तक है जान ने बॉक्‍स ऑफिस पर सौ करोड़ से अधिक कलेक्‍शन की, लेकिन उतन